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पब में गोलियों की आवाज गूंज रही थी और चारों तरफ खलबली मच जाती है। पूरे पब की लाइ...
भूल-74 पुराने ‘अच्छे’ दिनों में भाई-भतीजावाद इंदिरा की वंशवादी प्रवृत्ति की तुलन...
कवि वासुदेव गोस्वामी और उनका साहित्य-गीता गोस्वामी पाण्डेयसमीक्षाआलोचना निकष पर...
Part - 2 तो दोस्तों पार्ट 2 आ चुका है । ️उस रात जब शादी खत्म हुई,तो हॉल में बस...
कबीर उठा और बाहर गया।बरामदे में खून की एक बूंद टपकी हुई थी…और वहाँ पड़ा था — वही...
मानवाधिकार जागरूकता प्रत्येक व्यक्ति को मानव की भाँति जीवन जीने, अपने व्यक्तित्व...
: : प्रकरण : : 4 सर्वेश ने दूसरे दिन दोपहर को मेरा आंनद...
आलोक जवाब देता है ---आलोक :- किया था यार....! तेरे पापा और कुछ गांव वालो ने मिलक...
तृप्ति देसाई - लघु कथा " बचाओ.. बचाओ!! " फ्लेट के भीतर से किस...
सुनहरी रोशनी पिंजरे में हल्की- हल्की हिल रही थी. चारों खडे थे, पर हर किसी की साँ...
अमावस्या की रात थी और रात के 11 बज रहे थे । भानपुर गांव का एक तांत्रिक अपनी तात्रिकं साधना करने के लिए सुंदरवन की तरफ जा रहा था । गांव मे ये मान्यता थी के जो कोई भी तात्रिकं अमावस्...
ब्लैक कार अपनी पूरी तेज रफ्तार में, खाली और काली सडक पर दौड रही थी. इंजन की गडगडाहट और टायरों की आवाज रात की खामोशी को चीर रही थी. कार के अंदर म्यूजिक फुल वॉल्यूम पर बज रहा था—सैंग...
इंस्पेक्टर बृजेश। वह एक लंबा,सुंदर,ऊर्जावान और स्वस्थ अधिकारी था। उनकी उम्र तीस साल के करीब थी,लेकिन अभी तक उनकी शादी नहीं हुई थी। चेहरे पर पतली दाढ़ी मरोड़दार मूंछे ओर घुंघराले...
बारिश की हल्की बूँदें हवेली की पुरानी दीवारों से टकरा रही थीं, जैसे कोई अतीत की गाथा गुनगुना रहा हो। यह 'रत्नावली हवेली' थी, सदियों पुरानी, जिसके जंग लगे लोहे के दरवाजे और...
महाभारत की कहानी - भाग- १ शिखंडी की कहानी और भीष्म की इच्छामृत्यु प्रस्तावना संपूर्ण महाभारत पढ़ने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। अधिकांश लोगों ने महाभारत की कुछ कहानी पढ़ी, सु...
पुराने किले में हलचल..... गामाक्ष के जाते ही सब तरफ सन्नाटा छा जाता है, , सब बेसुध इधर उधर पड़े थे किसी को कोई होश नहीं यहां क्या हो गया,।।। अब आगे............. रात के तीन...
जिस दिन मनुष्य ने पहली बार भीतर झाँका — उसे दो धाराएँ दिखीं। एक श्वास के बाएँ बहती हुई, दूसरी दाएँ। और बीच में एक मौन मार्ग — अदृश्य, सूक्ष्म, निर्मल — सुषुम्ना। यही से आत्मया...
दो दुनियाओं का पहला टकराव मुंबई… यह शहर कभी नहीं सोता। अनगिनत सपनों को अपनी पनाह में लिए, और लाखों जिंदगियों की भाग-दौड़ का गवाह। इसी शहर की हलचल से दूर, एक शांत और पुरानी गली में...
अंधेरी रात, बरसते बादल और सूनी सडक. कोने में बैठा एक फटेहाल बूढा आदमी, मैली दाढी, गंदे कपडे, हाथ में लोहे का कटोरा. राहगीर उसे नजरअंदाज करते, कुछ लोग सिक्के फेंककर आगे बढ जाते. कोई...
शाम का समय था । जानवी अपने पापा अशोक मुखर्जी से अपने पसंद के लड़के से शादी करने की जिद कर रही थी । जिस कारण से अशोक अपनी एकलौती बेटी जानवी को डांटता है । अशोक धनबाद शहर का एक जाना...
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