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पर्दा - उपन्यास
mohammad sadique
द्वारा
हिंदी क्लासिक कहानियां
रात को 12:30 हो रहा है सीमा(28) घर नही आई है !
सीमा दुनिया के लडकियों से अलग लडकी है ! उसको सही गलत अच्छा बुरा का कोई परवाह नही रहता है ! सीमा अपने पापा समीम चचा(55) की चिंता बनी रहती है ! क्यो की सीमा को हर दिन एक बात के लिये डांटते रहते है।वो बात है ! परदा।समीम चचा परदा के बहुत परहेजदार है ! वो कभी भी अपने घर मे किसी औरत को बगैर परदे के कही नही जाने देते है ! यही बात को हमेशा सीमा को बोलते है। समीम चाचा सीमा को प्यार भी बहुत करते है ! ईसी लिये उनको सीमा की फिकर लगी रहती है !
सीमा अपने पापा को समझाती है !
सीमा...पापा ये ज़माना 1965 का नही है ये माॅडर्न ज़माना है ! 2020 अब ये सब आम है !
सीमा अपने पापा को प्यार से समझाती है.जैसे छोटे बच्चे हो सीमा के पिता.
सीमा के पिता समीम चाचा सीमा के ईस अंदाज़ को देख कर खाली मुस्कुरा कर धीमी से आवाज मे बोलते है !
समीम चाचा...सही कहा सीमा बिटिया ये 1965 का ज़माना नही है !...यह तो तुम लोग का ज़माना है माॅडर्न ज़माना 2020
रात को 12:30 हो रहा है सीमा(28) घर नही आई है !सीमा दुनिया के लडकियों से अलग लडकी है ! उसको सही गलत अच्छा बुरा का कोई परवाह नही रहता है ! सीमा अपने पापा समीम चचा(55) की चिंता ...और पढ़ेरहती है ! क्यो की सीमा को हर दिन एक बात के लिये डांटते रहते है।वो बात है ! परदा।समीम चचा परदा के बहुत परहेजदार है ! वो कभी भी अपने घर मे किसी औरत को बगैर परदे के कही नही जाने देते है ! यही बात को हमेशा सीमा को बोलते है। समीम चाचा सीमा को प्यार भी बहुत
मीरा के खयाल मे समीम खोया रहता है ! तभी दरवाजे मे दस्तक होती है.. दरवाजा... खट खट .........खट खट.....समीम एकदम से घबरा के उठता है.समीम.. कौन है...आरे आ रहे है अब क्या दरवाजा को तोड दोगे क्या , ...और पढ़ेखट खटाए जा रहे हो...!समीम जैसे दरवाजा का पहला पल्ला को खोलता है, तो समीम की आंखे खुली की खुली रह जाती है!समीम हक्लाते हुए बोलता है..समीम... प....प....पुलिस.....डरते हुए पुलिस से पछता हैसमीम... जी.....जी सर .......बताये मेरे घर कैसे आना हुआ...क्या बात है..पुलिस को देख कर समीम इतना डर जाता है..कि डर से उसका पूरा बदन कांपता रहता है......इंसपेक्टर सुभास
इंसपेक्टर सुभास ..फोन निकाल कर नम्बर डायल करता है इंसपेक्टर सुभास चंद्रशेखरशहर से बाहर जाने वाले सारे रास्ते मे फोर्स लगा दो सीमा का गिडनैपर बच के बाहर जाने ना पाये... हर छोटी बडी गाडियो को चेक करो किसी ...और पढ़ेछोडना नही ......इंसपेक्टर सुभास फोन कट कर के अपने सब साथीओ को लेके गाडी मे बैठ जाता है ,समीम भी उनको गेट तक छोडने आता है !इंसपेक्टर सुभास समीम चचा किसी का फोन आये तो हमको खबर करना ...तुम परेशान मत हो हम सब सीमा को बचा लेंगें...बस तुमको कुछ खबर मिले हमको बताना....इंसपेक्टर सुभास गाडी स्टार्ट करके चला जाता