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प्रेम विवाह - उपन्यास
Rajesh Rajesh
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
जिस रेलवे जंक्शन पर मधु अपनी मां और छोटे भाई के साथ अपने गांव के लिए रेल पकड़ने आती है, उस रेलवे जंक्शन पर हमेशा सन्नाटा छाया रहता था उस छोटे रेलवे जंक्शन पर यात्री नाम मात्र के लिए आते थे, वह रेलवे जंक्शन चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ था, रेलवे जंक्शन के अंदर एक छोटी सी चाय पकौड़ों की दुकान थी उस दुकान का दुकानदार एक बुजुर्ग व्यक्ति था।
मधु अपने परिवार के साथ रेलवे जंक्शन के अंदर घुसने के बाद अपनी मां छोटे भाई को रेलवे जंक्शन की बेंच पर बिठाकर रेल की टिकट लेने जाती है और मधु रेल की टिकट खरीदने के बाद अपनी मां छोटे भाई के पास आकर सामान के बैंग से खाने का टिफिन निकाल कर अपने छोटे भाई के साथ बेंच पर बैठकर आलू के परांठे खाने लगती है, रेलवे जंक्शन का सन्नाटा देखकर मधु उसकी मां मधु का छोटा भाई अपने को बहुत असुरक्षित महसूस कर रहे थे क्योंकि रेलवे जंक्शन की वह चाय पकौड़ों कि बुजुर्ग की दुकान भी उनसे काफी दूरी पर थी।
जिस रेलवे जंक्शन पर मधु अपनी मां और छोटे भाई के साथ अपने गांव के लिए रेल पकड़ने आती है, उस रेलवे जंक्शन पर हमेशा सन्नाटा छाया रहता था उस छोटे रेलवे जंक्शन पर यात्री नाम मात्र के लिए ...और पढ़ेथे, वह रेलवे जंक्शन चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ था, रेलवे जंक्शन के अंदर एक छोटी सी चाय पकौड़ों की दुकान थी उस दुकान का दुकानदार एक बुजुर्ग व्यक्ति था।मधु अपने परिवार के साथ रेलवे जंक्शन के अंदर घुसने के बाद अपनी मां छोटे भाई को रेलवे जंक्शन की बेंच पर बिठाकर रेल की टिकट लेने जाती
जैसे ही मधु की मूर्ति दोनों से बात करने लगती है, तो शिवम घबराकर आदित्य के कमरे से निकलकर बाहर भागने लगता है इंदु मधु की मूर्ति के अंदर प्रवेश करके मूर्ति के चेहरे के होंठ हिलाकर कहती है ...और पढ़े"मुझसे बिल्कुल भी मत डरो मैं तुम्हारी बचपन की दोस्त इंदु हूं, मैं मरने के बाद भी तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाऊंगी।" मधु की मूर्ति के द्वारा आदित्य और शिवम से इंदु की आत्म बात करके उनके दिल से अपनी आत्मा का खौफ निकाल देती है, इसके बाद दोनों दोस्त शिवम और आदित्य अपनी बचपन की दोस्त इंदु से उसकी
आदित्य मधु को ढूंढने का नया तरीका सोचने के बाद अपने दोस्त शिवम को फोन करके सुबह अपनी हवेली पर जल्दी पहुंचने के लिए कहता है, जब आदित्य का फोन शिवम के पास आता है, उस समय शिवम गहरी ...और पढ़ेमें सो रहा था, इसलिए दो-तीन बार आदित्य के फोन करने के बाद शिवम फोन उठाता है। आदित्य से फोन पर बात करने के बाद शिवम अपने मन में सोचता है कि आदित्य की जल्दी से जल्दी यह समस्या हल करनी पड़ेगी वरना यह मधु के प्यार में दीवाना होकर कोई गलत कदम उठाने से भी नहीं डरेगा, इसलिए सुबह
विस्फोट की आवाज सुनकर आदित्य के दोनों भाई भाभियां शिवम शिवम की पत्नी आशा वहां मौजूद सब लोग और आदित्य के नौकर चाकर आदित्य के पीछे भाग कर उसके कमरे में पहुंचते हैं और मधु की मूर्ति को कमरे ...और पढ़ेचारों तरफ टुकड़ों में चूर चूर बिखरा हुआ देखकर सब लोग घबरा जाते हैं।आदित्य के दोनों भाई भाभियां शिवम शिवम की पत्नी समझ जाते हैं कि इंदु की क्रोधित आत्मा ने क्रोध में आकर यह काम किया है लेकिन आदित्य नहीं समझ पा रहा था कि ऐसा कैसे हुआ है। मधु की मूर्ति के आदित्य के कमरे में चारों तरफ