Sukh Ki Khoj book and story is written by Ratna Pandey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sukh Ki Khoj is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
सुख की खोज - उपन्यास
Ratna Pandey
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
वर्णा एक बहुत धनाढ्य परिवार में जन्मी बेहद खूबसूरत काया की धनी थी। भगवान भी किसी-किसी पर अपने आशीर्वाद की बारिश कुछ ज़्यादा ही कर देते हैं। सुंदरता ऐसी कि किसी की भी नज़र पड़ जाए तो जहाँ वह हो वहीं क़ैद हो जाए। परिवार भी उतना ही संपन्न जहाँ कोई कमी नहीं थी। घर में भरपूर लाड़ प्यार से पली स्वर्णा पढ़ाई के लिए शहर से दूर होस्टल भेज दी गई, जहाँ बड़े-बड़े रईस घर के बच्चे पढ़ने जाते हैं। बच्चों को वहाँ भेज कर पढ़ाना मध्यम वर्ग के परिवार के लिए तो शक्ति से बाहर की बात थी। फिर भी एक लड़की थी कल्पना, जो मध्यम वर्ग के परिवार से वहाँ आई थी।
स्वर्णा एक बहुत धनाढ्य परिवार में जन्मी बेहद खूबसूरत काया की धनी थी। भगवान भी किसी-किसी पर अपने आशीर्वाद की बारिश कुछ ज़्यादा ही कर देते हैं। सुंदरता ऐसी कि किसी की भी नज़र पड़ जाए तो जहाँ वह ...और पढ़ेवहीं क़ैद हो जाए। परिवार भी उतना ही संपन्न जहाँ कोई कमी नहीं थी। घर में भरपूर लाड़ प्यार से पली स्वर्णा पढ़ाई के लिए शहर से दूर होस्टल भेज दी गई, जहाँ बड़े-बड़े रईस घर के बच्चे पढ़ने जाते हैं। बच्चों को वहाँ भेज कर पढ़ाना मध्यम वर्ग के परिवार के लिए तो शक्ति से बाहर की बात थी।
कल्पना अब तक भी मध्यम वर्गीय परिवार का हिस्सा ही बनी रही। तभी एक दिन स्वर्णा ने कल्पना को फ़ोन किया, "हैलो कल्पना।" “हैलो स्वर्णा कैसी है तू? बहुत दिनों बाद तेरी आवाज़ सुन कर बहुत अच्छा लगा।” “मैं ...और पढ़ेबिल्कुल ठीक हूँ, तू बता तू कैसी है? पढ़ाई कैसी चल रही है?” “स्वर्णा सब कुछ एकदम ठीक चल रहा है। अच्छा बता, कुछ ख़ास बात है क्या?” “हाँ कल्पना, तुझसे एक ज़रूरी बात करनी है।” “हाँ स्वर्णा बोल क्या बात है?” “कल्पना मुझे मेरे साथ काम करने वाला राहुल बहुत अच्छा लगता है। तू जानती है ना उसे, उससे
स्वर्णा सोच रही थी कि बच्चे को जन्म देने के बाद आकाश की ऊँचाई को छू रहा उसका कैरियर कटी पतंग की तरह नीचे आ गिरेगा। उसके चाहने वाले दर्शक जितना उसके अभिनय को पसंद करते हैं उससे कहीं ...और पढ़ेउसकी खूबसूरती के दीवाने हैं। इन्हीं ख़्यालों में खोई स्वर्णा एक दिन अचानक नींद से जाग कर उठ बैठी। तभी उसे कल्पना की याद आई। उसे याद आया कल्पना की शादी को अभी कुछ ही समय बीता है। उसके विवाह पर स्वर्णा भले जा ना पाई थी पर खूबसूरत फूलों के कीमती गुच्छे के साथ उसका बधाई संदेश कल्पना तक
स्वर्णा अपनी दोस्त कल्पना से जो बात करना चाह रही थी यकीनन वह बात यूँ ही कह देना इतना आसान नहीं था। लेकिन उसे कहना तो था। तब उसने किसी तरह अपने होठों को आवाज़ दी उसने कहा, "यार ...और पढ़ेहम दोनों को अब बच्चा चाहिए लेकिन मुझे मेरा शरीर बिगड़ जाने का बहुत डर लगता है। आजकल तो इसके कारण मेरे और राहुल के बीच बहुत बार झगड़ा भी हो जाता है। उसे बच्चे की बहुत जल्दी है। वह अब और इंतज़ार नहीं कर सकता। कल्पना तू यदि तेरी कोख में हमारे बच्चे को स्थान दे-दे तो..." "स्वर्णा तू
कल्पना के मुँह से स्वर्णा की अजीबोगरीब मांग सुनकर रौनक भड़क उठा। आवेश में आकर उसने कहा, "ये क्या कह रही हो कल्पना? तुम पागल हो गई हो क्या? हम क्या मुँह दिखाएंगे माँ और पापा को? ...और क्या ...और पढ़ेअपनी कोख से पैसा कमाना चाहती हो?" "नहीं रौनक तुम ग़लत सोच रहे हो। यह कोई सौदा नहीं है। मैं जानती हूँ कि मैं कितना भी मना करूं; वह इसके बदले ना जाने क्या-क्या हमें देगी। लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा। पैसे की बात मेरे दिमाग़ में नहीं आई। मैं केवल उसकी मदद करना चाहती हूँ। आज उसे मेरी