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जिंदगी के रंग हजार - उपन्यास
Kishanlal Sharma
द्वारा
हिंदी कुछ भी
प्यार
मतलब
लगाव,आत्मीयता,प्रेम,जुड़ाव,खिंचाव,चाहत
अनेक शब्द है प्यार के लिए
प्यार के अनेक रूप है
माँ का बेटे से या बेटे का। माँ से प्यार
बाप का बेटी से या बेटी का बाप से प्यार
भाई का भाई से प्यार
बहन का भाई से प्यार
बहन का बहन से प्यार
जीजा साली का प्यार
जीजा सलेज का प्यार
प्यार के अनेक रूप है
लेकिन सबसे जुदा है आदमी औरत का प्यार
यह एक सुखद एहसास है
आदमी औरत दो विपरीत लिंग।विपरीत में आपस मे खिंचाव होता है।एक आकर्षण होता है।एक दूसरे को पा लेने की लालसा होती है।उत्कंठा होती है।और वे मिलन को आतुर हो जाते है।
स्त्री पुरुष के शारीरिक मिलन से नवसृजन होता है।और यही सृष्टि का आधार है।इससे परिवार बनता है।परिवार से खानदान और खानदान से देश और देशों से दुनिया।
प्यारमतलबलगाव,आत्मीयता,प्रेम,जुड़ाव,खिंचाव,चाहतअनेक शब्द है प्यार के लिएप्यार के अनेक रूप हैमाँ का बेटे से या बेटे का। माँ से प्यारबाप का बेटी से या बेटी का बाप से प्यारभाई का भाई से प्यारबहन का भाई से प्यारबहन का बहन से ...और पढ़ेसाली का प्यारजीजा सलेज का प्यारप्यार के अनेक रूप हैलेकिन सबसे जुदा है आदमी औरत का प्यारयह एक सुखद एहसास हैआदमी औरत दो विपरीत लिंग।विपरीत में आपस मे खिंचाव होता है।एक आकर्षण होता है।एक दूसरे को पा लेने की लालसा होती है।उत्कंठा होती है।और वे मिलन को आतुर हो जाते है।स्त्री पुरुष के शारीरिक मिलन से नवसृजन होता है।और यही
नाइफ्री की रेवड़ी और विकास कर्नाटक के कांग्रेसी विधायको में विकास निधि को लेकर असन्तोष है।चुनाव के समय पार्टी द्वारा किये गए पांच फ्री के वादों को पूरा करने की वजह से सरकार के पास धन की कमी के ...और पढ़ेसरकार विकास निधि का पैसा नही दे पाएगी।और पैसा नही मिलेगा तो विधायक अपने क्षेत्र की जनता से किये वादे कैसे पूरा करेंगे।वह अपने क्षेत्र में विकास कार्य नही करा पाएंगे और जब वे काम नही करा पाएंगे तो जनता नाराज होगी।फ्री की रेवड़ी के कल्चर की शुरुआत केजरीवाल ने की ऐसा माना जाता है।उसने दिल्ली में तीन सौ यूनिट
इकीसवीं सदीऔरत अब घर की चारदीवारी में कैद नही रही।जल,थल,नभ को छोड़िए उसके कदम अंतरिक्ष मे भीपड़ चुके है।जीवन का कोई भी क्षेत्र हो औरत मर्द के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।ऐसे क्षेत्रों की भी कमी नही ...और पढ़ेऔरत मर्द से आगे निकल चुकी है।तो क्या यही आज की हकीकत है?अगर आपका उतर हाँ है तो आप गलत है।सौ प्रतिशत गलत है।दुनिया की आधी आबादी का बड़ा हिस्सा आज भी मर्द का गुलाम है।आज भी शोषण,अत्याचार,जुल्म,उत्पीड़न का शिकार है।युद्ध हो या आतंकवाद उसका दंश औरत को ही झेलना पड़ता है।युद्ध होने पर हजारों,लाखो औरते विधवा हो जाती है।यह
इमरजेंसीदेश पर इमरजेंसी थोपी गयी थी।कब लगी थी।यह उन लोगो के लिए जो 21 मार्च 1977 के बाद पैदा हुए पढ़ने या सुनने का विषय हो सकता है।लेकिन मेरे जैसे या मेरी जैसी उम्र के लोगो ने इसे अपने ...और पढ़ेतरीके से झेला है या भुगत भोगी है।24 और 25 जूनवैसे तो ये तारीखे है।कलेंडर की तारीख जो हर साल आती है।जन तारीखों का किसके लिए क्या महत्व है।यह मैं नही जानता लेकिन मेरे जीवन मे इन तारीखों का बहुत महत्त्व है।24 जून 1973 को मुझे जीवनसाथी के रूप में इंद्रा उर्फ गगन मेरे जीवन मे आयी थी।25 जून को
रेलवेमैं रेलवे में उस समय बुकिंग क्लर्क था।मेरी सर्विस के वे शुरुआत के साल थे।1974 कि रेलवे की हड़ताल को मैं देख चुका था।आपातकाल मे रेलवे मे भी भय का माहौल था।हर पल छापे पड़ते रहते थे। विजिलेंस व ...और पढ़ेएजेंसीय वाले घर भी पहुंच कर पत्नी से जानकारी करते कि पति घर कितने पैसे लाता है।स्टेशन पर नजर आने वाला हर अजनबी या परिचित कोई खुफिया विभाग का लगता।हर समय डर पसरा रहता।चाहे घर पर ही या ड्यूटी पर।हर पल सतर्क ओर सावधान रहकर काम करना पड़ता था।पत्नी भी चिंतित रहती।मैं आगरा में था इसलिए आगरा जम के हालातएम