Prem Dor book and story is written by Rajesh Maheshwari in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Prem Dor is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
प्रेम डोर - उपन्यास
Rajesh Maheshwari
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
ख्यातिलब्ध लेखक एवं उद्योगपति श्री राजेश माहेश्वरी की यह पुस्तक ‘प्रेम डोर‘ एक लघु उपन्यास है जिसमें दो घनिष्ठ मित्रों की कहानी है जो कि पर्यटन एवं व्यवसायिक यात्रा हेतु अरूणाचल प्रदेश जाते हैं। वहाँ घटित घटनाओं से उन दोनों का जीवन बदल जाता है। इस कहानी मेें काफी उतार चढ़ाव हैं जो रहस्य और रोमांच से भरपूर है। यह कहानी परिस्थितियों से जूझने की शिक्षा प्रदान करती है, वही जीवन में खुशियाँ और तनावमुक्त रहने की सीख भी प्रदान करती है।
श्री राजेश माहेश्वरी जी की अनेक पुस्तकें सुप्रसिद्ध प्रकाशनों से प्रकाशित हो चुकी है व उनके लेख, कहानियाँ एवं कविताएँ अनेक पत्र पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होते रहते हैं। इस लघु उपन्यास में देवेन्द्र सिंह राठौर का भी सहयोग प्राप्त होता रहा, उनको साधुवाद देता हूँ। ‘प्रेम डोर‘ निश्चित ही सफलता के नये आयाम स्थापित करेगी ऐसी हमारी आशा है। श्री राजेश माहेश्वरी जी को बधाई एवं शुभकामनाएं।
- श्याम सुंदर जेठा
प्रस्तावना ख्यातिलब्ध लेखक एवं उद्योगपति श्री राजेश माहेश्वरी की यह पुस्तक ‘प्रेम डोर‘ एक लघु उपन्यास है जिसमें दो घनिष्ठ मित्रों की कहानी है जो कि पर्यटन एवं व्यवसायिक यात्रा हेतु अरूणाचल प्रदेश जाते हैं। वहाँ घटित घटनाओं ...और पढ़ेउन दोनों का जीवन बदल जाता है। इस कहानी मेें काफी उतार चढ़ाव हैं जो रहस्य और रोमांच से भरपूर है। यह कहानी परिस्थितियों से जूझने की शिक्षा प्रदान करती है, वही जीवन में खुशियाँ और तनावमुक्त
अरूणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के पास एक गांव में किसान के बेटे को सेना में नौकरी प्राप्त हो गई । जब वह अपने नियुक्ति स्थल पर जा रहा था तो उसकी माँ ने उसे आशीर्वाद देते हुये कहा- ...और पढ़ेके समय कभी पीठ मत दिखाना, इससे अच्छा है वीरतापूर्वक लडते हुये शहीद हो जाना। उसने यह बात गाँठ बाँधकर अपने मस्तिष्क में बैठा ली। कुछ महीनों के बाद ही भारत चीन युद्ध छिड गया। उसे तवांग शहर के पास एक चौकी पर तैनात किया गया। चीनी सेना ने उस चौकी पर हमला कर दिया। भारतीय सेना ने भी उसका
मानसी कहती है कि आप जब होटल में चेक इन कर रहे थे तब मैंनें आप लोगों को देखा था और मैं आपकेा देखकर बहुत प्रभावित हुयी थी। आप लोगों के होटल में अंदर जाने के बाद मैंने आपका ...और पढ़ेऔर बाकी जानकारियाँ जो रजिस्टर में भरी थी वह मुझे मेरी पहचान के कारण प्राप्त हो गई थी। जबलपुर का नाम आते ही मैं समझ गई थी कि आप लोगों के विषय में सबकुछ मालूम हो जायेगा क्योंकि यहाँ पर कार्यरत मेरे एक मित्र उच्च अधिकारी का ट्रांसफर जबलपुर हो गया था और वह अभी भी वहाँ पर कार्यरत है
मानसी, आनंद से कहती है कि मुझे ऐसा महसूस होता है कि इस हवेली में कुछ तो रहस्य छिपा हुआ है जिसकी जानकारी हमें नही है। आनंद कहता है कि मैं भी काफी समय से वास्तविकता को जानने का ...और पढ़ेकर रहा हूँ परंतु पिताजी के वहाँ ना जाने के सख्त निर्देशों के कारण कुछ नही कर पाया फिर जब से व्यापार संभाला तो समय ही नही मिला की इस दिशा में सोच कर कुछ कर सकूँ परंतु अब तुम भी कह रही हो तो मैं प्रयास करूँगा और सच्चाई का पता लगाने का प्रयास करूँगा ? आनंद इस बारे