Kile ka Rahashy book and story is written by mahendr Kachariya in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kile ka Rahashy is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
किले का रहस्य - उपन्यास
mahendr Kachariya
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
यह कहानी भानगढ़ के अभिशप्त किले को आधार बना कर लिखी गई है लेकिन पूर्णतः काल्पनिक है।
कहानी-
आज चारों परम मित्र फिर 6 महीने बाद summer vacation पर अपने गृह नगर जौधपुर में श्याम रेस्टोरेंट में बैठे हुए आराम से भोजन कर रहे थे, और वार्तालाप तो चालू था ही।
बस, जब भी ना वो चारों मिलते हैं तो बस घूमने की प्लानिंग शुरु कर देते हैं।
अमित बताओ ना कहां का प्रोग्राम बनायें।
संजू ----अलवर, अलवर चलते हैं।
आशीष 1 ---बस कितनी बार सोच सोच कर रह ही जाते है,
अब चलते ही हैं अलवर।
रोहित - हां सुना है अलवर पैलेस बहुत ही खूबसूरत महल हैं
सुना है, कई फिल्मों की और कई गानों की शूटिंग हुई है
और सब के सब हिट ।
अमित - और वो तीन शैतान की नानियां वो क्या हमें यूंही जाने देंगी, वो भी चलेंगी देख लेना साथ में।
संजू अच्छा वो प्रीति नियति और अवंतिका ।
यह कहानी भानगढ़ के अभिशप्त किले को आधार बना कर लिखी गई है लेकिन पूर्णतः काल्पनिक है।कहानी-आज चारों परम मित्र फिर 6 महीने बाद summer vacation पर अपने गृह नगर जौधपुर में श्याम रेस्टोरेंट में बैठे हुए आराम से ...और पढ़ेकर रहे थे, और वार्तालाप तो चालू था ही।बस, जब भी ना वो चारों मिलते हैं तो बस घूमने की प्लानिंग शुरु कर देते हैं।अमित बताओ ना कहां का प्रोग्राम बनायें।संजू ----अलवर, अलवर चलते हैं।आशीष 1 ---बस कितनी बार सोच सोच कर रह ही जाते है,अब चलते ही हैं अलवर।रोहित - हां सुना है अलवर पैलेस बहुत ही खूबसूरत महल
खौफनाक अफवाहों का पर्दाफाश करती एक जासूसी कहानी।अवंतिका के जासूसी दिमाग में योजनाएं बनती ही चली जा रहीं थी ।सप्तरिषि मंडल अलवर के अभिनीत होटल में बैठा कल के परिवर्तित कार्यक्रम के बारे में वार्तालाप में लगा हुआ था।अवंतिका ...और पढ़ेनेट पर सर्च कर लिया है।भानगढ़ अलवर से करीब 1151 कि. मी. की दूरी पर है।अलवर से जयपुर जाने वाले रास्ते में।और समय लगेगा लगभग 2 घंटे 30 मिनट।अमित -OK अथात हम प्रातः के 6 बजे यहां से प्रस्थान कर देंगे।रोहित -- वो सब तो ठीक है, किंतु हम शाम के बाद प्रीतीनियती और आशीष को किले के बाहर छोड़
अभी तक आपने पढ़ा कि जासूस सप्तऋषि मंडल दिन भर भानगढ़ के किले के रहस्यों का अवलोकन करते हुए शाम को खंडित महल की छत पर पहुं गया है।अब आगे-उन सातों ने वहीं छत पर बैठ कर भोजन किया।शाम ...और पढ़ेअंधकार की ओर अग्रसर हो रही थी, क्यों कि वो छत पर थे इसलिये किसी का ध्यान उधर गया ही नहीं।अमित - शायद सभी चले गये हैं, नीचे की ओर देखो तो कितना सन्नाटा छाया हुआ है।अवंतिका हम आज रात इस बुर्ज पर ही बैठ कर चारों - और निगाह रखेंगे और किसी को भी अहसास ही नहीं होगा कि
अवंतिका अमित इस बिल्ली को वो औरत इस तरह अचानक क्यूं उठा के ले गई."अमित और उस बिल्ली की आंखें दिन के उजाले में भी इतनी चमक रहीं थी तो रात को कितना चमकती होंगी।"संजू "कुछ तो है, ऐसा ...और पढ़ेहै यहां कोई बहुत बड़ी साजिश पनप रही है."अवंतिका "हां आज रात को हमें सतर्क रहना होगा" तुम सबके पास दूरबीन हैं ना.अमित "अब हम कहीं दूर वृक्षों पर चढ़कर दूरबीनों से इनकीटोह लेंगे। ऐसा महसूस हो रहा है कि रहस्य की पहली सीढ़ी ये औरतें ही हैं।अवंतिका "अब हमें दो गुटों में बंटना है। प्रीती आशीष संजू, और रोहित
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि जासूस सप्तरिषि मंडल ने किले में नर्तकियों और घुंघरूओं की आवाज के रहस्य का पता लगा लिया।रात को जब वो महल की छत के कंगूरों पर अपनी दूरबीने सटायेबैठे हुए थे तो उन्हें ...और पढ़ेकी श्रेणियों से कुछ वाहन आते दिखाई दिये।अब आगे-अमित --- देखो कुल चार गाड़ियां हैं जो इसी ओर आ रहीसंजू और वो तीन गाड़ियां किले कि ओर आ रही हैं। -अवंतिका --- एक गाड़ी उसी झोपड़ी के आगे रुक गई है। कुछ पेटियों को उतार कर झोपड़ी में रख रहे हैं।रोहित झोपड़ी के आगे रखी गाड़ियों में से चार आदमी