Sunita Bishnolia लिखित उपन्यास जोग लिखी

जोग लिखी द्वारा  Sunita Bishnolia in Hindi Novels
जोग लिखी‘‘बाऊजी आप फिर हुक्का गुड़गुड़ाने लगे कित्ती बार कहा कि जे तोहार सेहत के लिए ठीक ना है। ’’ ‘अरी लाली, तू क्यों मेर...
जोग लिखी द्वारा  Sunita Bishnolia in Hindi Novels
बेटी लाली की बातें सुनकर अब बाबा को वास्तव में गुस्सा आ रहा था। उन्होंने हुक्के को कोने में रखा और बाहर जाते,-जाते बोले-...
जोग लिखी द्वारा  Sunita Bishnolia in Hindi Novels
बुआ से मजाक करते हुए शगुन ने दादी की तरफ मुँह करके कहा - "दादी अभी हम पुतुल से बात कर रहे थे वो बता रही थी कि बुआ, फूफा...
जोग लिखी द्वारा  Sunita Bishnolia in Hindi Novels
सागर और शंभू हैं तो भाई पर रहते हैं बिल्कुल दोस्तों की तरह। दोनों एक-दूसरे से कोई बात नहीं छिपाते पर आज बड़े भाई सागर के...
जोग लिखी द्वारा  Sunita Bishnolia in Hindi Novels
नहीं रे....! हम उन दोनों को ढूंढ ही रहे थे कि देखा, एक लड़के ने इन पर फब्ती कसते हुए कहा - ‘बहुत कटीली नचनिया हो।’’ वो लड...