Friend Zone - A Sweet and Sour Story of Love book and story is written by Saurabh kumar Thakur in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Friend Zone - A Sweet and Sour Story of Love is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
फ्रैंड जोन - प्यार की खट्टी-मीठी कहानी - उपन्यास
Saurabh kumar Thakur
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
दिल्ली परिवहन निगम की बस में बैठा सत्यम ना जाने अपनी किस चिंता में मग्न था, पहली बार दिल्ली आया था न तो बहुत सारी चीजों के बारे में जानकारी थी नहीं ।
और साथ में कई अलग प्रकार की चिंता उसे अंदर से खाए जा रहीं थीं । दिल्ली की राहों में वो भयंकर ट्रैफिक, अशांत sa माहौल और खूबसूरती... इन्हीं चीजों में खुद को खोया महसूस कर रहा था । कॉलेज पहुँचने में अभी एक घंटे लगने वाले थे तो दिल्ली की इन खूबसूरत सडकें और सड़कों पर दौड़ रही गाड़ियों को निहारते हुए समय व्यतित कर रहा था ।।
हमारे यहाँ तो इतनी महँगी गाड़ियां दिखती कहाँ हैं ? जिसे देखो वही पुरानी सी स्विफ्ट लेकर दिख जाता है, पर यहाँ हर व्यक्ति ऑडी, मर्सिडीज, जैसी गाड़ियों पर सवारी करता है । यहाँ की सडकें मक्खन जैसी हैं, यहाँ की बड़ी बड़ी इमारतें मानो आसमान को छू रहीं हो । इन्हीं ख्यालों में खोया हुआ था सत्यम
शायद ये सारी चीजें एकदम नई थी उसके लिए । वास्तव में बिहार के एक छोटे से गांव रामपुर से दिल्ली तक का सफर आसान तो हरगिज़ नहीं था उसके लिए । नई वातावरण सड़कों पर सरपट बहुत तेजी से दौड़ रहे थे लोग और गाडियाँ।
खैर अपने गाँव का एकमात्र लड़का था जो घर से दिल्ली विश्वविद्यालय तक का सफर तय कर पाया था । आज पहली बार कॉलेज जा रहा था... डॉक्युमेंट्स वेरिफिकेशन करवाना था और कॉलेज में क्लास वगैरह देखनी थी । सुन रखा था दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज विश्वस्तरीय होते हैं तभी से सपना था उन कॉलेजों में पढ़ने का जो आज पूरा हो चुका था ।
दिल्ली परिवहन निगम की बस में बैठा सत्यम ना जाने अपनी किस चिंता में मग्न था, पहली बार दिल्ली आया था न तो बहुत सारी चीजों के बारे में जानकारी थी नहीं ।और साथ में कई अलग प्रकार की ...और पढ़ेउसे अंदर से खाए जा रहीं थीं । दिल्ली की राहों में वो भयंकर ट्रैफिक, अशांत sa माहौल और खूबसूरती... इन्हीं चीजों में खुद को खोया महसूस कर रहा था । कॉलेज पहुँचने में अभी एक घंटे लगने वाले थे तो दिल्ली की इन खूबसूरत सडकें और सड़कों पर दौड़ रही गाड़ियों को निहारते हुए समय व्यतित कर रहा था
आई वांट टू कम्प्लीट माई डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन.... सो व्हेयर इज़ वेरिफिकेशन काउन्टर..... डू यू नो ?? जी सामने चली जाइए, वहाँ से राइट ले लीजियेगा, सामने से लेफ्ट मुड़ जाइएगा वहीं सामने डॉक्युमेंट्स वेरिफिकेशन काउन्टर है । सत्यम ने ...और पढ़ेदिया । इफ पॉसिबल; कैन यू कम विद मी ? बिकॉज आई डोंट अंडरस्टैंड व्हाट यू आर टॉकिंग ? उस लड़की ने कहा....... ओके फाइन..... आई एम कमिंग विद यू.. सत्यम ने बोला और दोनों सामने की ओर चलने लगे । थोड़े दूर आगे जाने पर सत्यम ने उस लड़की ने पूछा; बाई दी वे, मैं आपका नाम जान सकता
हाँ तो बताओ; व्हाट वुड यू लाइक टू ट्राई? रिया ने मंद स्वरों में सत्यम से पूछा । अरे कुछ भी मंगा लो, क्या फर्क़ पड़ता है । वैसे भी ये पहली बार है मेरा की कॉलेज की कैंटीन ...और पढ़ेहूँ। तो विशेष कुछ पता नहीं, तुमको जो अच्छा लगे वो ऑर्डर कर दो । सत्यम ने जवाब देते हुए कहा । ओये सत्यम तू दिल्ली से नहीं है ना? रिया ने पूछा । नहीं! मैं दिल्ली से नहीं हूँ। और मैं दिल्ली पहली बार आया हूँ; सत्यम ने कहा । हाँ तो ठीक है अभी ना तू दिल्ली का
रिया अपने कार के पास कार में बैठने लगी। सत्यम भी ऑटो लेने के लिए सड़क की ओर चलने लगा । तभी पीछे से आवाज़ आई । "ओये सुन" ये रिया की आवाज़ थी । सत्यम ने पीछे मुड़कर ...और पढ़ेऔर बोला: हाँ बोलो। यार पहली बार मिले इतने अच्छे दे बात किया अब अगले चार सालों तक साथ पढ़ना है तो एटलिस्ट बाय तो बोल दे । रिया ने कहा । अरे हाँ यार मैं ये तो भूल ही गया, अच्छा चलो बाय। फिर मिलते हैं कॉलेज में सत्यम ने कहा ।। और चलने के लिए पिछे की ओर
और बता क्या हो रहा है? अगले ही क्षण रिया का ये मैसेज स्क्रीन पर पॉपअप हुआ । उसके रिप्लाई में सत्यम ने मैसेज किया- अरे कुछ नहीं बस ऐसे ही कुछ सोच रहा था कॉलेज और आगे की ...और पढ़ेके बारे में । अब चार साल काटने हैं ना कॉलेज में । हाँ ये तो है अब डेस्टिनी में हंसराज था तो आ गए, तू टेंशन मत ले, बहुत मज़ा आएगा। और रही बात चार साल की, तो वो भी देखते ही देखते गुजर जाएगा । खैर अभी तो शुरुआत हुई है । कॉलेज लाइफ की । रिया का