Chudel - Invitation of Jungle book and story is written by Parveen Negi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Chudel - Invitation of Jungle is also popular in पौराणिक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
चुड़ैल - इनविटेशन ऑफ जंगल - उपन्यास
Parveen Negi
द्वारा
हिंदी पौराणिक कथा
यह कहानी किसी भी जाति वर्ग स्थान भाषा धर्म लिंग से मैच नहीं खाती है इसे लिखने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन है और इसे मनोरंजन के लिए ही लिखा गया है फिर भी अगर कुछ तथ्य मिलते हैं तो वह संयोग होगा,, आप इसे सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से ही पढ़ें
चुड़ैल जाग गई,,भाग-1
शंकर और विष्णु दो जिगरी दोस्त और दोनों ही इस वक्त बेरोजगार,, दोनों ने हीं फर्स्ट क्लास से डिग्री हासिल की है पर फिर भी इन दोनों को ढंग की नौकरी नहीं मिल रही,,
शाम के 5:00 बजे दोनों दोस्त थके हारे एक चाय की दुकान पर आकर बैठ गए हैं,, जहां हर रोज शाम को यह दोनों आकर बैठना पसंद करते थे, और सड़क पर चलने वाली बड़ी-बड़ी गाड़ियों को देखकर खुश हो लेते थे।
कल्लू चायवाला ,,"आ गए ,क्या जुगाड़ नहीं हुआ आज भी नौकरी का",
विष्णु ,"अरे नहीं कल्लू भाई साला सारी दुनिया मिल गई पर नौकरी नहीं मिली,",
शंकर ,"चल भाई दो कप चाय ले आ,,",
कल्लू ,"हां हां क्यों नहीं आराम से बैठो तो सही बस 2 मिनट में चाय हाजिर करता हूं",,
विष्णु और शंकर वहां लगे स्टूल पर बैठ गए थे और एक तरफ पड़े सुबह के पेपर को उठाकर देखने लगे थे।
कल्लू ,,"अब तो पेपर पुराना हो गया है कुछ नहीं बचा इसमें, सुबह से सैकड़ों लोग चाट गए हैं इसके एक-एक शब्द को",
यह कहानी किसी भी जाति वर्ग स्थान भाषा धर्म लिंग से मैच नहीं खाती है इसे लिखने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन है और इसे मनोरंजन के लिए ही लिखा गया है फिर भी अगर कुछ तथ्य मिलते हैं ...और पढ़ेवह संयोग होगा,, आप इसे सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से ही पढ़ें चुड़ैल जाग गई,,भाग-1 शंकर और विष्णु दो जिगरी दोस्त और दोनों ही इस वक्त बेरोजगार,, दोनों ने हीं फर्स्ट क्लास से डिग्री हासिल की है पर फिर भी इन दोनों को ढंग की नौकरी नहीं मिल रही,, शाम के 5:00 बजे दोनों दोस्त थके हारे एक चाय की
भाग-2 विष्णु और शंकर दो जिगरी दोस्त दोनों ही बेरोजगार और अब चाय की दुकान पर बैठे कल्लू चाय वाले के चेहरे के भाव को पढ़ने की कोशिश कर रहे थे ,जिस पर सिर्फ लालच नजर आ रहा था। ...और पढ़े,"अगर वह चुड़ैल इतनी ही दयावान है और लोगों को अमीर बना देती है तो तुमने अपना जुगाड़ क्यों नहीं कर लिया, तुम भी उसके सवालों के जवाब देकर अमीर बन जाते' कल्लू चायवाला," अरे हम कहां इतने पढ़े लिखे हैं पता नहीं कैसे सवाल पूछ ले वह चुड़ैल",, शंकर अपनी कमर पर हाथ रख कर खड़ा हो गया था,"
कहानी का भाग 3 विष्णु और शंकर लज्जित चेहरे के साथ अपने मकान मालिक गोपाल राम के सामने खड़े थे, क्योंकि वह इन्हें इसी वक्त यहां से भाग जाने के लिए कह रहा था। राधा देवी बेहद प्यार से,"""तुम ...और पढ़ेकमरे में जाओ कोई बात नहीं जब नौकरी मिल जाए तब किराया दे देना"', गोपालराम ,"तुम चुप रहो तुम्हारी वजह से यह किराया नहीं दे रहे हैं वरना मैं तो पहले ही महीने में किराया निकलवा लेता,'' राधा देवी उन्हें समझाते हुए ,,,,अरे दोनों अभी बेरोजगार हैं नौकरी ढूंढ रहे हैं जैसे ही नौकरी मिलेगी, किराया दे देंगे, आदमी का
कहानी का भाग 4 मेनका जो मकान मालिक गोपाल राम की बेटी थी ,इस वक्त अपने सामने बैठे भोजन कर रहे विष्णु और शंकर के डरे हुए चेहरे को देख कर बड़ी जोर से हंस पड़ी थी, क्योंकि उसने ...और पढ़ेका जिक्र कर दिया था। मेनका अपने मुंह पर हाथ रखते हुए ,"अरे तुम दोनों तो बहुत डरपोक हो, चुड़ैल का नाम सुनकर ही कांपने लगे हो,,, अरे पहलवानों,,, लोग इस मौके का फायदा उठाकर उस जंगल वाली चुड़ैल से मिलने चले जाते हैं और दौलत मांगते हैं'',,,, विष्णु,,' पर बदले में उन्हें मौत भी तो मिलती है'',, मेनका ,,"हां
कहानी का भाग 5 शंकर जो एक भयानक सपने की वजह से काफी डर गया था और अपनी बातों से और विष्णु को भी डराने की कोशिश कर रहा था। विष्णु जो सोने की कोशिश कर रहा था और ...और पढ़ेसे उठ कर बैठ गया था ,""चल अब तैयार ही हो जाते हैं आज थोड़ा दूर तलक इंटरव्यू देने जाना है टाइम पर निकल चलेंगे"" शंकर ,,"ठीक",, और अब इन दोनों ने बिस्तर छोड़ दिया था। 7:00 बजे तक दोनों नाश्ता करके तैयार हो चुके थे और अब कमरे में ताला लगाकर और अपनी फाइल उठाकर घर से बाहर की