चुड़ैल -इनविटेशन ऑफ जंगल - भाग 12 Parveen Negi द्वारा पौराणिक कथा में हिंदी पीडीएफ

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चुड़ैल -इनविटेशन ऑफ जंगल - भाग 12

कहानी का भाग 12

विष्णु और शंकर इस वक्त चंद्रिका के साथ एक घनी झाड़ी में बैठे हुए थे और चंद्रिका समय व्यतीत करने के लिए इन दोनों से अब सवाल करने की बात कर रही थी।

विष्णु,,,'' यह तो तुमने बहुत अच्छा कहा ,इसके सवालों के जवाब तो हम आसानी से दे ही देंगे ,पर फिर भी सोच समझकर उत्तर देना भाई ,,वरना हम दोनों पढ़े-लिखे की इज्जत उतर जाएगी,,'''

चंद्रिका हंसते हुए और जैसे ही वह हंसी थी, उसकी खनकदार हसी ने इन दोनों के दिलों में अजीब सी सरसराहट पैदा कर दी थी,।

शंकर ,,,""अब पूछो भी सवाल क्या पूछना है'",,

चंद्रिका उसकी आंखों में देखते हुए मुस्कुराती है और,'" ""अरे सोचने तो दो "",,,और फिर अपनी आंखों को इधर-उधर घूमाती है,।

शंकर और विष्णु उसकी आंखों के सम्मोहन में डूब से गए थे,।

चंद्रिका अब एकदम से मेरा पहला सवाल,,"'' समस्त ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा क्या है'',,,

शंकर और विष्णु चेहरे पर सोचने के भाव ले आए थे।

शंकर अब एकदम से उत्तर देते हुए ,,,""सितारे'',,

चंद्रिका मुंह बनाते हुए ,,"तुम्हारा उत्तर गलत है ,तुम चुड़ैल के हाथों मारे जाओगे "",,फिर धीरे से मुस्कुराती है,,,

विष्णु अब एकदम से,,"" अंधेरा"",,,

चंद्रिका अपनी आंखों को बड़ा कर लेती है,,"' हां, तुमने बिलकुल ठीक उत्तर दिया ,,,तुमने अपने दोस्त की जान बचा ली,'''

विष्णु हंसते हुए,," तभी तो हम चुड़ैल से भी यही शर्त रखेंगे कि हम दोनों एक साथ उसके सवालों के जवाब दें,, और किसी का भी जवाब सही हो सकता है,,'''

चंद्रिका अब अपने आसपास बैठे विष्णु और शंकर की कलाई थाम लेती है और उसके ऐसा करते ही,, इन दोनों को अपने अंदर एक बेहद कोमल एहसास का अनुभव होने लगा था,,, उसके बाद जैसे सैकड़ों गुलाबों की खुशबू इनके आसपास मंडराने लगी हो।

चंद्रिका मेरा अगला सवाल ,,,""तुम दोनों के साथ कौन है"",, और नजरें तिरछी करके दोनों के चेहरे को एक -एक बार देखती है।

विष्णु अब एकदम से उत्तर दे देता है हंसते हुए ,,""हमारे साथ तो खूबसूरत बंजारन है"",,,,

चंद्रिका चेहरे पर सन्नाटा लाते हुए ,,"तुम्हारा उत्तर गलत है तुम मारे जाओगे चुड़ैल के हाथों'',,,,

विष्णु यह बात सुनते ही अंदर तक कांप गया था ,और उसने अब शंकर की तरफ देखा था।

शंकर जो शायद यह बोलने वाला था कि हमारे साथ चंद्रिका है ,,अब वह भी चुप हो गया था,, उसे अब कुछ समझ आने लगा था।

इन दोनों दोस्तों की नजर अब आपस में गहराई से टकराने लगी थी।

चंद्रिका मुस्कुराते हुए ,,,""बोलो अब तुम्हारा जवाब क्या है"",,,

शंकर ना चाहते हुए भी चिल्ला उठा था ,,""चुड़ैल"",,,

और उस के इतना बोलते ही चंद्रिका का रूप पलक झपकते ही बदल गया था, एक बेहद खतरनाक दिल दहला देने वाला स्वरूप इन दोनों दोस्तों की कलाई पकडे इन दोनों के बीच में बैठा हुआ था ।


चुड़ैल अपने वास्तविक रूप में आ गई थी ,,वह इतनी डरावनी थी की शंकर और विष्णु अगले ही पल अपनी कलाई छुड़ाने की कोशिश करने लगे थे,, पर डर उनके मस्तक पर ऐसे हावी हो गया था कि वह बेहोश होते चले गए थे।

बेहोश होने से पहले इन दोनों के चिल्लाने की आवाज ने पूरे जंगल के सन्नाटे को भंग कर दिया था ।

कुछ दूरी पर झाड़ी में छुपे बैठे इंस्पेक्टर सावंत और हवलदार बाबूराम भी उस सामने नजर आ रही झाड़ी से इन दोनों दोस्तों के चिल्लाने की आवाज को सुनकर एकदम से अपनी जगह पर खड़े हो गए थे।

अब इनकी नजर उसे भयानक चुड़ैल पर पड़ रही थी ,डर कर मारे यह दोनों काँपने लगे थे, पर फिर भी इन्होंने हिम्मत बनाए रखी थी और अपने होशो हवास गुम नहीं होने दिए थे,, और दोबारा से झाड़ी में दुबक गए थे।

चुड़ैल की भयानक चीखे जंगल को गुंजायमान कर रही थी,, "''आज सैकड़ों वर्षो के बाद मेरा उद्देश्य पूरा हुआ है,"""",,, वह बार-बार ऐसा बोल रही थी,,

और यहीं से काफी दूर.

एक तांत्रिक इस वक्त आंखें बंद किए बैठा हुआ था और उसके पास चारों गुंडे बैठे हुए थे सिकंदर, बिल्ला ,मदन और जगत।

अब उस तांत्रिक ने एकदम से अपनी आंखें खोल दी थी और वह अपने स्थान से खड़ा हो गया था।

चारों गुंडे भी अब एकदम से खड़े हो गए थे और उन्होंने अपने हाथ जोड़ लिए थे।

सिकंदर,,"" क्या हुआ बाबा शक्ति ,,आप एकदम से व्याकुल क्यों हो गए हैं"",,,

तांत्रिक शक्ति ,," वर्षों से मैं जिस समय की प्रतीक्षा कर रहा था आज वह पूरा हुआ है ,,चलो जल्दी से इससे पहले की यह मौका मेरे हाथ से निकल जाए "",,

और फिर वह बेहद तेजी से बाहर की तरफ भाग पड़ा था उसके चारों साथी भी उसके पीछे तेजी से भाग पड़े थे.

सिकंदर ,,"पर बाबा जी बात क्या हुई है कुछ तो बताइए'',,,

तांत्रिक शक्ति ,,'अभी बताने का वक्त नहीं है बस जल्दी से हमें उस स्थान पर पहुंचना है जहां पर इस वक्त वह भयानक चुड़ैल है"",,,,

और इधर,,

चुड़ैल की हंसी अब रुक गई थी और उसने शंकर और विष्णु को झाड़ियों से निकालकर खुले में रख दिया था अब वह उनके चारों तरफ एक घेरा बनाने लगी थी।

इंस्पेक्टर सावंत ,,,""यह क्या कर रही है"",,

हवलदार बाबूराम ,,"लगता है इन दोनों को खाने का प्रोग्राम बना रही है सर, इसके बाद हमारा ही नंबर है, पर मुझे वह लड़की इन दोनों लड़कों के साथ नजर नहीं आ रही है वह कहां चली गई,,',,,

इस्पेक्टर सावंत ,,,"'मुझे लगता है वही लड़की ही चुड़ैल थी,, पर मैं अपनी आंखों के सामने आप इन दोनों लड़कों को मरता हुआ नहीं देख सकता "",,

उसने अब अपनी रिवाल्वर चुड़ैल की तरफ कर दी थी और गोली सीधा जा कर और चुड़ैल के सिर पर लगी थी, पर गोली का कोई फायदा नहीं हुआ था।

चुड़ैल ने अपनी लाल भयानक आंखों से इनकी झाड़ी की तरफ देखा था फिर अपने बड़े तीखे दांत दिखाते हुए वह दोबारा से अपने काम पर लग गई थी।

हवलदार बाबूराम डर कर काँपते हुए ,,""उसने हमारी तरफ देखा सर ,,अब क्या करें यहां से भाग चलें थोड़ी देर और जिंदा रह लेंगे,,, और क्या पता सुबह हो जाए इन दोनों को खाते-खाते,,''''

इंस्पेक्टर सावंत ,,"चुप करो"",, और फिर अपनी जेब से मोबाइल निकाल कर चुड़ैल के सारे कृत्य की वीडियो बनाने लगा था,,,"" मैं मर भी गया ,तो क्या हुआ,, मरने से पहले इस जंगल की सारी सच्चाई दुनिया तक जरूर जानी चाहिए"",,

हवलदार बाबूराम,," पर सर आपका तो नेट ही काम नहीं कर रहा है वीडियो यहां से बाहर कैसे जाएगी,,"''

इंस्पेक्टर सावंत ,,"पुलिस वाले जब हमें ढूंढते हुए यहां आएंगे तो उन्हें मेरा यह मोबाइल अवश्य मिलेगा तब तो सच्चाई उन तक पहुंचेगी"",,,

क्रमशः

क्या चुड़ैल इन सब को अपना भोजन बना लेगी,, कौन है बाबा शक्ति ,,क्या वह बचा लेगा इन सब को,, जानने के लिए बने रहे इस धमाकेदार हॉरर के साथ,,,