Meri Aruni book and story is written by Devika Singh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Meri Aruni is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मेरी अरुणी - उपन्यास
Devika Singh
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
मृणाल पंत शिमला के ले जोसफिन कैफे में कोने की टेबल पर बैठा कॉफी एंजॉय रहा था। लंबे-छरहरे शरीरवाला वह सांवला सा लड़का पेशे से पेंटर है। उम्र यही कोई 30 के आसपास की होगी। इंस्टाग्राम पर उसके फॉलोअर्स की एक लंबी लिस्ट भी है। कैफे में लोगों का आना-जाना लगा हुआ था। तभी मृणाल की नजर अभी-अभी अंदर आए एक जोड़े पर टिक गयी। प्रेमी अपनी प्रेमिका से उम्र में छोटा, लेकिन हरकतों से अनुभवी लगा। साथ चल रही युवती हाथ उठा कर अपने ढीले हो आए हेअर स्टाइल को ठीक करने लगी कि तभी लड़के ने दोनों बांहों से उसकी कमर घेर ली। वह अपने प्रेमी की अधीरता पर हंस पड़ी और उसके कंधे को अपनी बांहों में घेर कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। इस खेल में उसके बाल खुल कर पीठ पर बिखर गए। उसके बालों में उलझा चांदी का एक एंटीक हेअर क्लिप मृणाल की आंखों में अटक गया। उसने क्लिप में नीले रंगवाले पंखों की जलपरी को उड़ान भरते देखा। मृणाल की कल्पना भी उड़ने को हुयी कि तभी उसका मोबाइल बज उठा। स्क्रीन पर ड्राइवर का नंबर फ्लैश हुआ। वह खुद में मुस्कराया, सफर को आगे बढ़ाने का समय आ गया।
मृणाल पंत शिमला के ले जोसफिन कैफे में कोने की टेबल पर बैठा कॉफी एंजॉय रहा था। लंबे-छरहरे शरीरवाला वह सांवला सा लड़का पेशे से पेंटर है। उम्र यही कोई 30 के आसपास की होगी। इंस्टाग्राम पर उसके फॉलोअर्स ...और पढ़ेएक लंबी लिस्ट भी है। कैफे में लोगों का आना-जाना लगा हुआ था। तभी मृणाल की नजर अभी-अभी अंदर आए एक जोड़े पर टिक गयी। प्रेमी अपनी प्रेमिका से उम्र में छोटा, लेकिन हरकतों से अनुभवी लगा। साथ चल रही युवती हाथ उठा कर अपने ढीले हो आए हेअर स्टाइल को ठीक करने लगी कि तभी लड़के ने दोनों बांहों
एक हाथ में सिगरेट और दूसरे हाथ में ब्रश ले कर मृणाल कभी कैनवास को घूरता, कभी टैरेस के दरवाजे को। आज से पोट्रेट का काम शुरू होना है। पर अरुंधती अभी तक नहीं आयी। मृणाल गुस्से में आ ...और पढ़ेरघु को आवाज लगाने को हुआ कि तभी सीढ़ियों पर पायल की रुनझुन सुनायी पड़ी। अगले ही पल अरुंधती सामने थी।इससे पहले कि मृणाल कुछ पूछता वह बोली, “सॉरी! तैयार होने में देर हो गयी!”मृणाल ने लाल पाड़ की ढाकाई सफेद साड़ी में लिपटी अरुंधती के माथे पर लाल बिंदी और कमर तक झूलते लंबे बाल को देखा, और देखता
मृणाल हड़बड़ा कर उठ बैठा। उसकी तेज चलती सांसें खिड़की से आती सूरज की गरमी का सहारा पा कर नॉर्मल होने लगीं। लेकिन उस डरावने सपने का कुछ असर बाकी रह गया। वह जब तक तैयार हो कर डाइनिंग ...और पढ़ेमें पहुंचा सभी नाश्ता करके जा चुके थे। खाना सर्व करने वाली लड़की ने उसे बताया कि अरुंधती उसका इंतजार कर रही है। मृणाल ने जल्दी-जल्दी नाश्ता निपटाया और बाहर की तरफ दौड़ पड़ा।बाहर आते ही मृणाल ने अरुंधती को कार के पास खड़ी देखा। उनकी नजरें मिलीं और इससे पहले कि मृणाल देरी के लिए माफी मांगता, उसने मृणाल
शाम के 8 ही बजे थे, लेकिन लग रहा था कि आज की रात कभी खत्म नहीं होगी। जंगल के बीचोंबीच इस बंगले तक पहुंचने में डॉक्टर और एंबुलेंस को बहुत समय लग गया। घाव अधिक गहरा नहीं था। ...और पढ़ेरवि को अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ी। पुलिस भी आयी। जब यह घटना घटी, उस समय कमरे में रवि के साथ स्वर्णा भी थी। स्वर्णा का कोई पुराना दोस्त पहले से उस कमरे में छुपा हुआ उनका इंतजार कर रहा था। मौका मिलते ही उसने रवि पर हमला किया और भाग खड़ा हुआ। जब स्वर्णा ने पुलिस को
अरुंधती की तेज चीख सुन कर सभी आ गए थे। घर के नौकरों ने उस पुतले को नीचे उतारा। पर यह साफ नहीं हुआ कि किसने अरुंधती को डराने के लिए ऐसा मजाक किया। उस रात रानी मां ने ...और पढ़ेको अपने साथ सुलाया। मृणाल भी देर रात तक ऐसा करने वाले के बारे में ही सोचता रहा। उसके दिमाग में हर बार स्वर्णा का चेहरा घूम जाता, लेकिन कारण समझ नहीं आता।इस घटना के बाद अरुंधती गुमसुम हो गयी। पोट्रेट बनाते समय भी एक खामोशी उसके चारों तरफ रहती। मृणाल भी बहुत परेशान रहता। इन चंद दिनों में उसके