Pehchan book and story is written by Preeti Pragnaya Swain in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pehchan is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
पेहचान - उपन्यास
Preeti Pragnaya Swain
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
हल्की सी light पुरे कमरे मैं फैली हुई थी...........
अचानक से फोन की घंटी बज उठी,.......फोन की आवाज सुन ,बिस्तर पर सोई लड़की की नींद थोड़ी सी टूट गयी, वो फोन को silent की और फिर से सोने लगी पर तभी एक बार फिर से फोन बजना शुरू हुआ ,इस बार वो call को recieve की और एक नींद भरी आवाज मे चिड़ते हुए बोली hello who the hell are you ?
दूसरी तरफ से एक सख्श की खुशी से भरी आवाज सुनाई दी ,उसने कहा mam a good news for you ।
लड़की पूछी what news?
उस इंसान ने कहा
Mam we have found the doctor , लड़की अभी भी नींद मे थी ,तो वो एसे ही बोली what doctor? दूसरी और से उस सख्स ने कहा mam सर के इलाज के लिए हमे जो doctor चाहिए थेे वो मिल गए हैं!
ये बात सुनते ही लड़की की नींद पुरी तरह से टूट गयी ,वो बिस्तर से कुद कर फटाक् से खड़ी होगयी और बोली what ,how and where the doctor is?
हल्की सी light पुरे कमरे मैं फैली हुई थी........... अचानक से फोन की घंटी बज उठी,.......फोन की आवाज सुन ,बिस्तर पर सोई लड़की की नींद थोड़ी सी टूट गयी,
वो फोन को silent की और फिर से सोने लगी ...और पढ़ेतभी एक बार फिर से फोन बजना शुरू हुआ ,इस बार वो call को recieve की और एक नींद भरी आवाज मे चिड़ते हुए बोली hello who the hell are you ? दूसरी तरफ से एक सख्श की खुशी से भरी आवाज सुनाई दी ,उसने कहा mam a good news for you । लड़की पूछी what news? उस इंसान ने
आज मौसम कुछ ज्यादा ही खराब थी हर तरफ तेज हवा चलने के वजह से रास्ते सही से दिखाई भी नहीं दे रहे थे,प्रकृति अपने आप को बदल रही थी मानो जैसे कुछ बहुत बदलने वाला हो,........देर रात करीब ...और पढ़ेबजे, इंपीरियल होटल से एक सख्श बाहर निकला,हाथ मैं graff diamonds की घडी, नॉर्मल सा सफेद tshirt और एक ब्लैक कॉलर की पैंट और रबूक के ब्रांडेड shoes पहने हुए,उसमे वो बेहद ही handsome और चर्मिंग लग रहा था,उसके styling को देख कर एसा लग रहा था की मानो ये सेट बस उसके लिए ही बनवाया गया हो,ये कोई और
पीहू car के अंदर नहीं गयी तो अभिमन्यु गुस्से से बोला Fine मत आओ और बड़बड़ाते हुए बोला भलाई का जमाना ही नहीं रहा खुद तो चोट खाई फिर हॉस्पिटल चलने मैं भी इतने नखरे केहकर गाड़ी के अंदर ...और पढ़ेगया और चला गया ,पर कुछ ही कदम आगे गया ही था फिर कुछ सोचा और गाड़ी पीछे लाकर बोला ................ चलो पीहू नज़र अंदाज करते हुए दूसरी तरफ देखी ,तो अभिमन्यु बोला मेरी माँ उसको भी साथ लेकर चलो पीहू खुश हो कर बैठ गयी, गाड़ी चलने लगी अभिमन्यु पहले तो सोचा , हॉस्पिटल लेकर जायेगा पर उसके मन
अगली सुबह अभिमन्यु उठा, फ्रेश होकर coffee का मग पकड़े हुए balcony की तरफ बढ़ा. अचानक उसे कुछ दिखाई दिया जिसे देख शॉक के मारे उसके हात से coffee का मग छुट कर नीचे गिर गया .,वो भागते हुए ...और पढ़ेआया और garden की तरफ बढ़ने लगा, वहाँ पहुँच कर उसने कहा Oh hello miss psycho तुम अभी तक गई नहीं? तुम खुद को क्या समझती हो हाँ ? कल तुम्हे चोट लगी थी इसलिए चुप था, पर आज मुझसे बुरा कोई नहीं होगा अगर अपनी भलाई चाहती हो last time बोल रहा हूँ चली जाओ यहाँ से ! इतना
अभिमन्यु ने पीहू को खाना दिया, फिर दवाई ..... पीहू दवाई को पहले ध्यान से देखी फिर एक एक करके उसके सारे compound पढ़ने लगी ,फिर जाकर खाई ये देख अभिमन्यु मानो एसे situation मे था की अभी अपना ...और पढ़ेपटक कर खुदकी जान ले ले,वो खुदको ही कोसने लगा और बोला ,बेटा अब बन महान ....ये लड़की जिसके लिए तु इतना सब कर रहा है न ,उसे तुझपे रत्ती भर भी भरोसा ही नहीं है? भला तूने उसे मेडिसिन दिया है थोड़ी न जहर दिया है जो ये एसे चेक कर के खा रही है? पीहू दवाई खाकर आराम