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अन सुना इश्क़ - उपन्यास
Mehul Pasaya
द्वारा
हिंदी कुछ भी
एक शहर मे एक बुढ़ी माँ जी रह्ती थी. और उस शहर मे दुसरे व्यक्ति या इन्सान नाम का कोई नही रह्ता था. क्यू की वहा के सारे लोग मारे जा चुके थे. बस वो बुढ़ी माँ जी और दुसरे उसके साथ एक कुत्ता रह्ता था. जिसका नाम है ज़िनू. और इस ज़िनू के साथ वो दोनो निकल जाते अकेले शहर मे. और उस शहर का नाम था. प्रेम पुर वहा कुच घटना घटने की वजह से उस शहर के सारे लोग मारे जा चुके थे. अब सिर्फ वो बुढ़ी माँ और वो ज़िनु ही बचे थे.
ये तो रहा आखरी वाला पड़ाव अब आगे
" घने से सुन सान रास्ते मे एक कुनाल नाम का व्यक्ति जा रहा था. और वहा पे वो सिर्फ अकेला ही जा रहा था कुनाल को कीसि भी तरह की मदद नही मिल रही थी "
" जैसे जैसे रास्ता कट ता जाता कुनाल की धड़कन जोरो से धड़कने लगती. क्यू की उसके साथ उस रास्ते मे कोई नही था. बस वो अकेला और सुन सान रास्ता. कुनाल चले जा रहा था "
नमस्ते दोस्तो तो मे एक बार फिर से आ गया हू एक नई कहानी लेकर तो चलो कहानी को आगे बढ़ाते है एक शहर मे एक बुढ़ी माँ जी रह्ती थी. और उस शहर मे दुसरे व्यक्ति या इन्सान ...और पढ़ेका कोई नही रह्ता था. क्यू की वहा के सारे लोग मारे जा चुके थे. बस वो बुढ़ी माँ जी और दुसरे उसके साथ एक कुत्ता रह्ता था. जिसका नाम है ज़िनू. और इस ज़िनू के साथ वो दोनो निकल जाते अकेले शहर मे. और उस शहर का नाम था. प्रेम पुर वहा कुच घटना घटने की वजह से उस
" रजनी के घर के लोग सारे फिर से मूह फूला के बैठ गई और रजनी को बोला... तुम कभी नही सुधर सकते "" रजनी हस्ते हस्ते बहार जाने के लिये निकल गई. और वहा से कुनाल भी अपने ...और पढ़ेकाम के खातिर बहार जाने के लिये रेडी हो गए "( कुच देर बाद )" अब तक सब सही से चल रहा था. लेकिन बिच मे मुश्किले आती हुए नज़र आने लगी है. लेकिन इस मुसीबत के बारे मे किसीको कुच नही पता. नाही कुनाल को और नाही रजनी को. अब वो तो अपनी अपनी जगह पे जाने के लिये
" नमश्ते मेरा नाम है धनुष और इस देव दास पुर के इलाके का डोन लेकिन लोग मुझे प्यार से धनु बुलाते है " रजनी ने कहा की..." ओहो अब तो लोग भी अजीब आने लगे है गुंडे के ...और पढ़ेभी प्यार से लेने लगे है " मानना पडेगा कमाल है. कुनाल ने कहा की..." हमे यहा पर क्यू बुलाया गया है " हमारी क्या जरूरत आ पडी तुमको बताओ. धनुष ने कहा..." कुच नही रे हमे ना बस तुम्हारे इलाको मे एक एक फेक्ट्री बनवानी है " अगर तुम लोग इस मे मेरि मदद करोगे तो फायदा तुम लोगो
कॉन्फरेंस कॉल कल जो भी काम सब ने ठान लिया था की एक हो कर काम करना है तो सब लोग उसी मे लगे हुए थे. रजनी ने कुनाल को फ़ोन लगाया और कहा की..." अरे कुनाल जी कल ...और पढ़ेहमारा प्लान आपको बताया था क्या आपको सब याद है ना " कुनाल ने कहा..." हा बाबा हमे सब याद है " और क्या कहा कैसे सब मेनेज करना है सब हमे याद है. बस एक बार ट्रांसपोर्ट का प्लान कामयाब हो जाये फिर देखो हम इस धनुष की क्या हालत करते है. लोगो की हालते खराब की है लेकिन