Wada A Mystery book and story is written by Deepak Pawar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Wada A Mystery is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वाड़ा - एक रहस्य - उपन्यास
Deepak Pawar
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
काफी साल बीत गए थे ऋषिराज को अपने गाँव गए हुए बचपन से ही गाँव से दूर शहर में अपने माता पिता के साथ वह रहने लगा था ।पढ़ाई लिखाई भी यही पूरी की इतिहास में डिग्री ले कर अब काम तलाश रहा था ।पर सफलता अभी नही मिल सकी थी । 20 वर्षो बाद आज वह अपने गाँव चन्द्रनगर जा रहा है रिस्तेदार की एक शादी में बाराती बनकर । सभी बारातियो के साथ वह भी वाल्वो बस में बैठ गया था गाँव के रिस्तेदारों में उसके मामा के घर शादी थी और मामा जी काफी सम्पन्न घर से थे। इस लिए उन्होंने शहर में रहने वाले बड़े लड़के की शादी के लिए यह बस भेजी थी ।जिससे उनके लड़के अमित के शादी में सभी उसके दोस्त बाराती बनकर आ सके । ऋषिराज के मामा जी का लड़का अमित था और अचानक ही उसकी शादी की जा रही थी । अमित का शहर में काजल नाम की लड़की से प्रेम संबंध था जिसकी जानकारी मामाजी को लग गई थी और मामाजी पढ़े लिखे होने के साथ ही सम्पन्न घराने से होने की वजह से मामाजी के घर वालो ने भी अमित और काजल के घर जा कर यह रिश्ता तय कर जल्द शादी करने का फैसला किया था । नवम्बर का यह महीना था । ऋशिराज के माता पिता तो पहले ही गाँव जा चुके थे पर ऋषिराज पीछे अपने दोस्तों के साथ बस में गाँव की तरफ निकल रहा था बारातियों के साथ ।
काफी साल बीत गए थे ऋषिराज को अपने गाँव गए हुए बचपन से ही गाँव से दूर शहर में अपने माता पिता के साथ वह रहने लगा था ।पढ़ाई लिखाई भी यही पूरी की इतिहास में डिग्री ले कर ...और पढ़ेकाम तलाश रहा था ।पर सफलता अभी नही मिल सकी थी । 20 वर्षो बाद आज वह अपने गाँव चन्द्रनगर जा रहा है रिस्तेदार की एक शादी में बाराती बनकर । सभी बारातियो के साथ वह भी वाल्वो बस में बैठ गया था गाँव के रिस्तेदारों में उसके मामा के घर शादी थी और मामा जी काफी सम्पन्न घर से
रात हो गई थी सभी बरती अब खना पीना कर गाने बजाने और संगीत में मस्त हो रहे थे इसी पंडाल में कुछ औरतें जप बरती थी काफी डांस कर रही थी फिल्मी धुनों पर थर्राने लगे थे तब ...और पढ़ेकाफी तेज हवाओं का झोंका आने लगा और वह धीरे धीरे तेज होने लगा था ,शुरुवात में वहां मौजूद बारातियों ने ध्यान ही नही दिया पर अब हवाएं इतनी तेज हो गई कि पंडाल हिलाने लगी थी ।इस सब से अनजान मामा और मामी नई दुल्हन के परिवार वाले के साथ बातचीत में मस्त थे तभी मामा को याद आया
अब ऋषिराज उस चीख की आने की दिशा में गया था सामने बेहद ख़ौफ़नाक नज़ारा था । जिसे देख ऋषिराज की शराब का नशा उतरने लगा था । सामने एक बुजुर्ग सफेद कपड़ो में जो आप अरब के देशों ...और पढ़ेदेखा करते है ठीक वैसे ही पहनकर अपने आगे एक बारात में आई महिला को पूरी तरह नग्न हालात में सुलाकर उसका दिल उसके सीने से निकलकर उसे देख रहे थे ।और वह महिला दर्द से तड़फड़ा रही थी । नज़ारा इतना बेहद ख़ौफ़नाक था कि ऋषिराज अपनी आँखों पर भरोसा ही नही कर पा रहा था । बस यह