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वाड़ा - एक रहस्य - 2

रात हो गई थी सभी बरती अब खना पीना कर गाने बजाने और संगीत में मस्त हो रहे थे इसी पंडाल में कुछ औरतें जप बरती थी काफी डांस कर रही थी फिल्मी धुनों पर थर्राने लगे थे तब आसपास काफी तेज हवाओं का झोंका आने लगा और वह धीरे धीरे तेज होने लगा था ,शुरुवात में वहां मौजूद बारातियों ने ध्यान ही नही दिया पर अब हवाएं इतनी तेज हो गई कि पंडाल हिलाने लगी थी ।इस सब से अनजान मामा और मामी नई दुल्हन के परिवार वाले के साथ बातचीत में मस्त थे तभी मामा को याद आया कि ऋशिराज कहा है । उन्होंने जेब से मोबाइल निकल कर कोल लगा दिया ऋशिराज को इधर पंडाल से दूर ऋशिराज अपने शहर के दोस्तो के साथ छुपकर शराब पीने बैठा था जैसे ही उसका ग्लास खाली हुआ मामाजी का कोल की घंटी से उसने जेब से फोन उठाया और सबको चुप रहने का इशारा करते हुए फोन उठाकर बोल पड़ा -हा मामाजी कहिए उधर उन्होंने कहा कि जरा डांस ओर संगीत की जगह जाओ और उनके एक मित्र का परिवार है उन्हें अलग से एक घर के ठहरने के लिए ले जाओ । मामाजी की बात सुननकर ऋशिराज अब संगीत और डांस की जगह पहुँच गया जल्द उसे अहसास हो गया था कि यहां सब अपनी नाचने गाने में मग्शुल है । इस समय अचानक ही इस जगह एक ईराकी लिबास में महिला आई मुह पर्दा था पर बाकी उसका फिगर कपड़े भी दिखने से नही रोक पाए थे सफेद इराकी कपड़ो में वह अत्यंत ही सुंदर दिख रही थी पर इससे ज्यादा सुंदर उसका चलना दिखाई दे रहा था उसके सर पर सोने के बने आभूषण ,हाथो में ,उंगलियों में ,पैरों में यह भी ऐसा की वाकई हजारों वर्षों पहले जिस ठाट बात के लोग रहते होंगे मुगल शासन के समय उसी तरीके से यह मोहतरमा आई थी मुह पर नकाब लगा रखा था जिसकी वजह से सिर्फ आँखे ही दिखाई दे रही थी वह भी सुरमे वाली मोहक ,कामुक जैसे एज जादू हो उसमें,वह अचानक ही आई थी और उसके साथ उसके लिए म्यूजिक बजाने वाले भी यहां यह कह सकता हु की इनके वेश भूषा भी उसी मोहक मोहतरमा के जमाने की थी जो अब सब मेहमानो के बीच आकर नाचने लगी थी । इसके थिरकने के बाद ऋशिराज को अहसास हुआ कि आडियो नही ,नही साउंड सिस्टम अब बज रहा है बल्की इसके साथ आये म्यूजिक बजाने वाले लोगो ने अपने सामानों के उपयोग से यह धुन निकालनी शुरू की है जो अब सबके कानो में गूंज रही है अपने आप लोग भी नाचना गाना छोड़ इस औरत के मोह में रुक कर उसे देखजर मोहित होने लगे है ।सारा माहौल यू नशे में झूमने सा हो गया था कि किसी की अगर यहां हत्या खूखार तरीके से भी कर दी जाय तो उसकी चीख पुकार के बाद भी उसकी आवाज पर शायद ही कोई अपनी कोई प्रतिक्रिया देने लायक हो यहा काफी समय इनकी मोहिनी धुन पर उस अंजान हसीना के नाच के बीच अचानक ही एक महिला की जोरदार चीख ऋशिराज को सुनाई दी औऱ इस चीख की दिशा में वह पलटा आगे बढ़ा पर आगे का नजारा बेहद ख़ौफ़नख था ।

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