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दो बहने - उपन्यास
Mansi
द्वारा
हिंदी क्लासिक कहानियां
प्रीतमपुरा गाओ मे एक मध्यम वर्गीय पति पत्नी रहते थे जिनका नाम सरला ओर खिमजी था।उनकी १५ ओर १६ साल की दो बेटियां थी एक निशा ओर दूसरी नियती।निशा नियती से १ साल बड़ी थी।निशा स्वभाव मे चंचल, बदतमीज ओर जिद्दी थी वहीं नियती के स्वभाव में सादगी और सरलता थी। निशा नियती को कुछ खास पसंद नहीं करती थी,वह नियती को अपने आप से कम समज़ती थी वह खुद को नियती से ज्यादा समाजदार ,चतुर ओर खूबसूरत मानती थी।निशा बड़ी थी इस कारण वह अपना सारा काम नियती से करवाती थी और नियती खुशी खुशी निशा का सारा काम
प्रीतमपुरा गाओ मे एक मध्यम वर्गीय पति पत्नी रहते थे जिनका नाम सरला ओर खिमजी था।उनकी १५ ओर १६ साल की दो बेटियां थी एक निशा ओर दूसरी नियती।निशा नियती से १ साल बड़ी थी।निशा स्वभाव मे चंचल, बदतमीज ...और पढ़ेजिद्दी थी वहीं नियती के स्वभाव में सादगी और सरलता थी। निशा नियती को कुछ खास पसंद नहीं करती थी,वह नियती को अपने आप से कम समज़ती थी वह खुद को नियती से ज्यादा समाजदार ,चतुर ओर खूबसूरत मानती थी।निशा बड़ी थी इस कारण वह अपना सारा काम नियती से करवाती थी और नियती खुशी खुशी निशा का सारा काम
(part2). निशा मेले मे जाने के लिए खूब उत्सुक थी। वह मेले में जाने के पहने के लिए कपड़े अभी से निकालने लगी।तभी नियती वहा आयि उसने निशा से कहा दीदी तुम ये वाला सूट पहनना तुम पर बहुत ...और पढ़ेलगेगा।निशा ने कहा मुझे जो पहनना होगा में वो पहनूंगी तुम जाओ यहां से।नियती निराश हो कर चली गई। निशा तो नियती के साथ ऐसे व्यवहार कर रही थी कि मानो नियती उसकी सौतेली बहन हो।नियती अपने कमरे में जा कर खुद के लिए कपड़े निकाले वह तो बिचारी वहीं पुराना सूट निकला ओर सोचा यही पहन लूंगी कल।निशा को
Part 3 नियती वह जुले को देखे जा रही थी, वह सोच रही थी कि यह जुला इतना हिल-डुल क्यों रहा है या फिर यह मेरा वहम है।नियती भागती हुई निशा के पास गई ओर कहा दीदी तुम इस ...और पढ़ेपर मत बैठो कतार से बहार आ जाओ, चलो हम मां ओर पिताजी के पास चलते है। निशा ने कहा नहीं में कहीं नहीं जाऊंगी मे तुम्हारी तरह डरपोक नहीं हूं तुम चली जाओ यहां से। नियती ने निशा को बहुत समझाया कि वह उस जुले पर ना बैठे लेकिन निशा ने उसकी एक नहीं सुनी।नियती फिर जहा खड़ी थी
Part 4 आज ८ साल बीत चुके थे। निशा आज २४ साल की हो गई थी ओर नियती २३ साल की।लेकिन इन ८ सालो मे निशा का स्वभाव नियती के प्रति जरा भी बदला नहीं था वैसे का वैसा ...और पढ़ेथा जैसे पहले था। लेकिन नियती पहले से भी ज्यादा समझदार ओर सुंदर हो चुकी थी। ८ साल पहले मेले मे जो हुआ था उसे निशा आज तक भूल नहीं पाई थी कि केसे उसके पिता ने उसे मेले मे सबके सामने ज़ोर से थप्पड़ मारा था, इस वजह से उसने खिमजी से इतने सालो से ज्यादा बात नहीं करती
Part 5 अब तक आपने देखा निशा ने शादी के लिए मना कर दिया ओर नियती की हामी हो गई थी शादी में। निशा अपने कमरे में जा कर दरवाजा बंद कर दिया, ओर वह सोचने लगी ये मां ...और पढ़ेपिताजी को क्यों समझ नहीं आता मुझे अभी शादी नहीं करनी मेरी भी कोई जिंदगी है मेरे सारे के सारे फैसले को अकेले कैसे ले सकते है । ये लोग तो मुझे शांति से जीने ही नहीं देते । नियती भी अपने कमरे में गई लेकिन वह शादी के फैसले से खुश थी। वह अपने आप को आयने में देखने