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दो बहने - 8

Part 8
अब तक आपने देखा की नियती केहती है मे यह शादी नहीं करूंगी अब आगे की कहानी देखिए।
नियती के मना करने पर खिमजी कहता है निशा से, निशा बेटा ये तू क्या कर रही है देख तेरी वजह से नियती शादी से पीछे हट रही है ऐसा मत कर बेटा। निशा कहती है अरे मुझे निवान पसंद है तो मे निशान से शादी के लिए हा केसे बोल दू।नियती कहती है मां दीदी को निवान जी पसंद है तो मे उनसे शादी के लिए हा नहीं बोल सकती। अगर मे शादी के लिए तब भी हा बोल देती हूं तो ना ही मे खुश रेह पाऊंगी ,ओर ना ही मेरी वजह से दीदी खुश रह पाएगी।
सरला कहती है नहीं बेटा ऐसा नहीं है सरला निशा से कहती है निशा, बेटा देख तो सही तेरी इस जिद की वजह से कोई खुश नहीं रह पाएगा ना ही निवान, ना ही निशान ओर ना ही नियती।
तेरी वजह से इन सब की जिंदगी खराब हो जाएगी बेटा समझ जरा बात को। अगर तू निवान से शादी करती है तो वो खुश नहीं रह पाएगा क्यों कि उसे तू नहीं नियती पसंद है ओर निशान भी खुश नहीं रह पाएगा क्यों कि वो तुझे पसंद करता है।
चल मानले अगर निवान भी तूजे पसंद करता तो हम तेरी शादी निवान से करवा सकते थे लेकिन निवान को ही तू पसंद नहीं है तो हम तेरी शादी जबरजस्ती से तो निवान से नहीं करवा सकते ना। देख तो एक बार अपनी बेहेन नियती के सामने वो भी निवान को पसंद करती है लेकिन सिर्फ तेरी खुशी के लिए वो निवान से शादी के लिए मना कर रही है। क्या तुझे उसका तेरे लिए प्यार दिखाई नहीं देता है क्या? इससे साबित होता है नियती को तुमसे कितना प्यार ओर लगाव है, तेरे खुशी के लिए वह अपनी खुशी त्यागने के लिए भी तैयार है।
निशा बोल क्या तुझे नियती की कोई परवाह नहीं बचपन से वो तेरे प्यार के लिए तरसी है, तेरे लिए वह अपना सब कुछ छोड़ देती है दुनिया में इतनी अच्छी बहन किसी की भी नहीं होगी जैसी तेरी है। ये सब सुनने के बाद निशा का मन पिघला उसकी आंखो से आसू निकल रहे थे, उसके कदम धीरे धीरे नियती की और बढ़ने लगे, वो नियती के पास गई ओर उसे अपने गले से लगा कर रोने लगी ओर कहा मुझे माफ़ करदे मेरी छोटी बहन मेने बचपन से तुझे तंग किया है तेरे दिल को हमेशा चोट पोहचाई है मुझे माफ़ करदे उसने रोते हुए कहा।
ये देख के तो सरला ओर खिमजी के आखो से खुशी के आसू निकल रहे थे, ना जाने कितने सालो से उन्हों ने इस खूबसूरत पल का इंतेज़ार किया था कि निशा नियती को खुशी से गले लगाए। निशा के मुंह से यह सब सुन कर नियती की भी आंखो से खुशी के आसू निकल गए उसने निशा को दीदी कह कर कस से गले लगा दिया ओर कहा मेने तुम्हारे प्यार का बचपन से इंतेजार किया कि मुझे एक दिन जरूर मेरी दीदी का प्यार जरूर मिलेगा ओर आज वह दिन आ ही गया है।
निशा कहती है मेने बचपन से तुझे बहुत रुलाया है ओर आज से में ऐसा कभी नहीं करूंगी आज से सच मे में तेरी बड़ी बहन बन के दिखाऊंगी, तुझे कभी कोई चोट नहीं पोहचाऊंगी।
निशा निवान से कहती है मुझे माफ करना निवान मेने तुमसे जबर्जस्ती शादी करने के लिए कहा जब की मे जानती थी कि मे तुम्हे नहीं पसंद ओर वह निशान से कहती है तुम भी मुझे माफ कर दो मेने तुम्हारी भावना को समझा नहीं ओर तब निशान कहता है, नहीं नहीं मेरी कोई भावना नहीं है मुझे तो सिर्फ तुम्हे मेरी बनाना है ये सुन कर सब हसने लगे। ओर निशा ने कहा आप सब मुझे माफ़ कर दीजिए मेरी वजह से यह तमाशा हो गया।
मिहिर ओर हिना कहते है कोई बात नहीं बेटा अंत भला तो सब भला ,निशा कहती है मे निशान से शादी करने के लिए तैयार हूं, यह सुन कर सब खुशी से पागल हो गए। ओर सरला ने कहा बेटा तुम्हे अपनी गलती का ऐहसास हो गया हम सब बहुत खुश है। खिमजी कहता है चलो भाई अब सब ठीक हो गया है तो कल से शादी की सब तैयारियां शुरू कर देते है।



कहानी का Part 9 जल्द आयेगा।😊

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