दो बहने - 9 Mansi द्वारा क्लासिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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दो बहने - 9

Part 9
अब तक आपने देखा कि निशा ने माफी मांग ली थी ओर सब कुछ ठीक हो चुका था। अब आगे की कहानी देखे।

मिहिर कहता है तो अब हम शादी का अच्छा सा महुरत देख के शादी तय कर लेते है ओर जल्दी करते है। तब खिमजी कहता है जैसा आप कहें। बात खत्म होने पर पूरा परिवार अपने घर आ चुका। तब सरला ने घर आ कर निशा से कहा मे तुमसे आज बहुत खुश हूं बेटा तुमने सब के सामने अपनी की हुइ गलती को स्वीकार किया। तब खिमजी ने भी कहा, हा बेटा आज हम तुमसे बहुत खुश है। तब निशा कहती है धन्यवाद मां ओर पिताजी। अब से में ऐसी कोई गलती नहीं करूंगी जिससे आपके दिल को ठेस पहुंचे।
हां बेटा मुझे तुम पर पूरा भरोसा है।चलो अब मे खाना बना देती हूं सरला कहती है । निशा कहती है मां आज खाना मे बना देती हूं नियती कहती है हा मां तुम आराम करो हम खाना बना देते है। सरला कहती है ठीक है तुम दोनों बना दो। सरला फिर अपने कमरे में जाती है वह अपनी साडी बदलने के लिए दूसरी साडी निकालने अलमारी में जाती है तभी गलती से एक डायरी निकलती है,सरला वह उठाती है उस डायरी मे निशा ओर नियती की बचपन कि सारी तस्वीरें थी।
वह उसे खोल कर देखती है उसे निशा ओर नियती के बचपन की याद आ जाती है सारी तस्वीरें देखती है तभी वहा खिमजी आया ओर उसने सरला के हाथ में वह डायरी देखी उसने वह डायरी अपने हाथ में ली ओर बोला हमारी दोनों बेटियां अब कितनी बड़ी हो चुकी है कि उनकी शादी होने जा रही है। सरला कहती है बेटियां कितनी जल्दी बड़ी हो जाती है वक्त का तो पता ही नहीं चलता।सरला की आंखो मे आंसू आ गए।खिमजी कहता है ये तो वक्त है गुजर ही जाता है चलो खाना बन चुका होगा चलते है।
फिर पूरे परिवार ने खाना खा लिया।खाना खाने के बाद निशा नियती से कहती है चल नियती हम शाम को शादी के लिए खरीदारी करने चलेंगे, नियती कहती है हा दीदी जरूर जाएंगे। दोनो को ऐसे साथ मे बाते करते देख कर खिमजी ओर सरला बहुत खुश थे। फिर शाम हुई निशा कहती है चल नियती हम शादी के लिए थोड़ी खरीदी करने चलते है नियती कहती है हा दीदी चलते है मे अभी त्यैयार
हो कर आती हूं, निशा ने कहा हा मे भी त्यैयार हो कर आती हू। नियती ने फिर वही अपना एक पुराना सूट निकाला निशा ने वह देखा ओर निशा ने अपना एक नया सूट निकला ओर नियती को देते हुए कहा आज तुम मेरा ये नया सूट पहनोगी। नियती ने कहा नहीं दीदी ये तो तुम्हारा नया सूट है ये में केसे पहन सकती हूं, निशा ने कहा आजतक मेने तुम्हे अपनी कोई चीज़ नहीं दी तो आज मुझे देने दो।
नियती ने वो सूट लिया ओर पहन कर आ गई आज नियती बहुत खूबसूरत लग रही थी। निशा ने कहा आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो सच में,नियती ने कहा धन्यवाद दीदी फिर दोनों बहने खरीदी करने बाजार गई। बाजार में निशा ओर नियती को साथ मे खुशी खुशी आते देख कर सारे गाव वाले चोक गए।दोनों ने बहुत सारा समान खरीदा चूड़ियां, लेहंगे, बालिया, हार ओर फिर दोनों घर आ गई।
घर आने के बाद रात को मिहिर का फोन आया खिमजी को,खिमजी ने बात की ओर मिहिर ने कहा मेने पंडित जी से शादी के लिए महुरत पूछा था उन्होंने बताया कि आज से पांच दिन बाद का महुरत बहुत ही शुभ है। फिर तो एक साल बाद का महुरत है तब खिमजी ने कहा नेक काम मे देरी किसी हम पांच दिन बाद के महुरत मे शादी रखते है। मिहिर ने कहा जी जैसा आप ठीक समझें ,फिर खिमजी ने फोन रख दिया ओर कहा निशा,नियती तुम दोनो की पांच दिन बाद ही शादी है।
तो सरला ने कहा पांच दिन बाद इतनी जल्दी सब कुछ केसे होगा खिमजी कहा दूसरा महुरत एक साल बाद का है तो हम पाच दिन बाद ही शादी करेंगे।जी पिताजी जैसा आप कहें निशा ओर नियती ने कहा ।


कहानी का Part 10 जल्द ही आयेगा 😊