हिंदी क्लासिक कहानियां कहानियाँ मुफ्त में पढ़ेंंऔर PDF डाउनलोड करें

भगवान परशुराम जी
द्वारा Gurpreet Singh HR02

महर्षि ऋचीक ने महर्षि अगत्स्य के अनुरोध पर जमदग्नि को महर्षि अगत्स्य के साथ दक्षिण में कोंकण प्रदेश मे धर्म प्रचार का कार्य करने लगे। कोंकण प्रदेश का राजा ...

एक निज़ाम की सच्ची कहानी (निज़ाम शाह की कहानी)
द्वारा Saroj Verma

मैं अमीर नहीं हूँ। बहुत कुछ समझदार भी नहीं हूँ। पर मैं परले दरजे का माँसाहारी हूँ। मैं रोज़ जंगल को जाता हूँ और एक-आध हिरन को मार लाता ...

अंधे बाबा अब्दुल्ला की कहानी
द्वारा Ravinder Sharma

बाबा अब्दुल्ला ने कहा कि मैं इसी बगदाद नगर में पैदा हुआ था। मेरे माँ बाप मर गए तो उनका धन उत्तराधिकार में मैंने पाया। वह धन इतना था ...

अंधेरा बंगला - 9
द्वारा Mansi

Chep 9 अब तक आपने देखा कि गुड़िया ने कहा कि अंधेरे बंगले के अंदर उसी की उम्र की एक बच्ची ने उसके साथ खूब खेला अभी आगे की ...

छोटी जो बड़ी वो
द्वारा Smile Smile

छोटी जो बड़ी वो रिनछिन के पेंसिल बॉक्स में रबर, शार्पनर और पेंसिल थींं। रिनछिन ने दो और नई पेंसिलें खरीदीं। नई पेंसिलों को भी उसने बॉक्स में रख ...

नारियल के जन्म की कहानी
द्वारा Sagar Sonawane

प्राचीन काल में सत्यव्रत नाम के एक राजा राज करते थे। वह प्रतिदिन पूजा-पाठ किया करते थे। उनके पास किसी भी चीज की कमी नहीं थी। वह धन दौलत ...

खलीफा हारूँ रशीद और बाबा अब्दुल्ला की कहानी
द्वारा Smile Smile

दुनियाजाद के प्रस्ताव और शहरयार की अनुमति से नई कहानी प्रारंभ करते हुए शहरजाद ने कहा कि कभी-कभी आदमी का चित्त प्रसन्न होता है और उसकी कोई साफ वजह ...

अंधेरा बंगला - 8
द्वारा Mansi

भाग 8 अब तक आपने देखा कि बंगले का गेट अपने आप खुल गया ओर वह आत्मा बाबा कि को उठा कर ले गई ओर गेट अपने आप फिर ...

अंधेरा बंगला - 7
द्वारा Mansi

भाग 7अब तक अपने देखा की मंजरी आत्मा पर चिल्लाते हुए बोली थी इसलिए गाव वालो को लगा आत्मा अब क्रोधित है गई है, अब आगे देखते है।अब वह ...

प्रतिभोज
द्वारा Ankit kumar

गांव का नाम बताने की जरूरत नही। भारत के सभी गांवो का लगभग यही हाल है।शादी का मंच सजा है। दुल्हा-दुल्हन के लिए सोफे लगे हैं। मेहमानों के लिए ...

खोए हुए दृश्य
द्वारा Ankit kumar

देखो तो इन हरामजादों को, कैसे हाथ में हाथ मिलाए घूमे जा रहे हैं। ना मां-बाप का डर है ना समाज का। शाम हुई नहीं कि यह दृश्य देखते ...

अंधेरा बंगला - 6
द्वारा Mansi

भाग 6अब तक अपने देखा की गाव के मुख्या ने मंजरी से कहा था कि तुम्हारी वजह से तुम्हारी बेटी की जान खतरे में है , अब आगे क्या ...

स्वतंत्रता से गणतंत्रता तक का सफर
द्वारा Anant Dhish Aman

"स्वतंत्रता से गणतंत्रता तक का सफर"भारत जो एक लंबे समय तक पराधीनता के भाव और स्वभाव में जो जकङीत रह चूका था उसके लिए यह सफर तय कर पाना ...

अंधेरा बंगला - 5
द्वारा Mansi

भाग 5 अब तक आपने देखा कि उन चारो दुष्टों ने रूही ओर राजल को मार दिया था अब वह लोग उनके बच्चो को मारने का सोच रहे थे ...

अंधेरा बंगला - 4
द्वारा Mansi

भाग 4 अब तक आपने देखा की राजल के चारो दोस्तो ने उसे कहा अपना बंगला पूरा दिखाने के लिए राजल ने कहा जरूर क्यों नहीं आप आगे की ...

अंधेरा बंगला - 3
द्वारा Mansi

Chep 3राजल ने देखा दरवाजा खोल कर की उसके ४ दोस्त आ गए ,वह अमर,समर,रोहन ओर मनीष को देख कर बहुत बहुत ज्यादा खुश हो गयाउसे उसके बचपन के ...

अंधेरा बंगला - 2
द्वारा Mansi

Chep 2 अब तक अपने देखा की राजल के कई दोस्त थे जो उसके पेसो से जलते थे अब आगे की कहानी देखये। उसके दोस्तों से राजल की यह ...

अंधेरा बंगला - 1
द्वारा Mansi

Chep 1 यह कहानी है रहीमपुर गांव में मोजूद "अंधेरा बंगला" की ,एक ऐसा बंगला जिसका नाम लेने की भी गांव के किसी लोग में नहीं थी, ना बच्चे ...

सच्ची दोस्ती
द्वारा Miss Chhotti

दोस्ती हमारे जीवन का एक बहुत ही खास रिश्ता होता है। जन्म होते ही हमारे साथ कई रिश्ते जुड़ जाते है। पर दोस्ती का रिश्ता हम खुद ही बनाते ...

एकाकी
द्वारा Annapurna Bajpai

एकाकी कौशल्या जी को गुजरे अभी दस दिन भी न हुए थे कि उनके तीनों बच्चों मे उनकी चीजों को लेकर झगड़ा आरंभ हो गया। जैसा कि अधिकतर घरों ...

बिल्ला नंबर 64
द्वारा Ramesh Yadav

       कहानी                बिल्ला नंबर – 64 ------------------------------------------------ शनिवार की वह रात… सारे काम निपटाकर कम्प्यूटर खोला और फेसबुक देखने लगा। पत्रकार मित्र, हरीश जी की वाल पर दिल ...

संयोग (अन्तिम भाग)
द्वारा SWARNIM स्वर्णिम

"क्या आप कृपया मुझे बताएंगे कि मामला क्या है?" "मेरा मासिक धर्म फिर बंद हो गया है। 3 महीने हो गए हैं। मुझे कल अस्पताल जाना है। मुझे बहुत ...

जीवन की डोर
द्वारा DINESH KUMAR KEER

जीवन की डोर ( स्त्री का प्यार सबके नसीब में नहीं होता ) स्त्री का प्यार सबके नसीब में नही होता, वो जीवन में सिर्फ़ एक ही मर्द से ...

संयोग - 1
द्वारा SWARNIM स्वर्णिम

पंचेबाजा के साथ मैं कर्मघर के प्रांगण में पहुंची। विवाह समाज की एक रस्म है, आज से मैं भी उसी समाज की रस्मों में शामिल महिलाओं के समूह में ...

दगाबाज
द्वारा DINESH KUMAR KEER

बाजार में एक चिड़ीमार तीतर बेच रहा था...उसके पास एक बडी जालीदार टोकरी में बहुत सारे तीतर थे.. !और एक छोटी जालीदार टोकरी में सिर्फ एक ही तीतर था..!एक ...

मौत का मुनाफा
द्वारा Sital Kaur

" आप इनको घर ले जाइए देखिये हम इनको ऐसे अस्पताल में नहीं रख सकते आप बात को समझिए "डॉक्टर ने सुरेश को समझाते हुए कहा ।सुरेश कि माँ ...

बस अब और नहीं
द्वारा Sital Kaur

"प्रीति क्या कर रही हो"? मैंने अपनी बेटी से पूछा। "कलर कर रही हूं मम्मा " "होमवर्क हो गया बेटा " " हां मम्मा ""मम्मा आज फिर मेरे दोस्त ...

व्हेल वॉच
द्वारा Prabodh Kumar Govil

मैंने पिछले चार महीने से कोई छुट्टी नहीं ली थी। इसलिए एक अजीब सी थकान शरीर पर चस्पां थी। ठीक वैसे ही, जैसे लंबे समय तक आप बस में ...

धर्मी कर्मी
द्वारा Rohit Kumar Singh

सूरज बाबू घबरा के उठ बैठे,उन्हें भूख भी लग रही थी,और कुछ अजीब सी महक भी आ रही थी,जो उन्हें बरदाश्त नहीं हो रहा था।उनके शरीर से पसीना छूट ...

प्यार का दाग - 6 (अन्तिम भाग)
द्वारा SWARNIM स्वर्णिम

बोतलबंद पानी लेने और रसोई का दरवाजा बंद करने के बाद, मैं उस कमरे में लौट आयी जहाँ वह था। वह फोन पर बात कर रहा था। मैं दूसरे ...

नो ड्यूज़
द्वारा Prabodh Kumar Govil

देखो ये अनार कितना सुंदर है? कितना लाल, कितना सुनहरा... खिला- खिला। डाइनिंग टेबल पर नाश्ता करते हुए प्रज्ञा ने अनार को हाथ में लेकर फिरकी की तरह घुमाते ...

प्यार का दाग - 5
द्वारा SWARNIM स्वर्णिम

अपने विचारशील कदमों के वजा मैं बहुत देर हो चुकी थी। अयान ने आवाज की तो मैं कांप गयी। "क्या तुम्हें बैग ले जाने में कठिनाई हो रही है? ...