Yuddh ka ran book and story is written by Mehul Pasaya in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Yuddh ka ran is also popular in पौराणिक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
युद्ध का रण - उपन्यास
Mehul Pasaya
द्वारा
हिंदी पौराणिक कथा
सुभ प्रभात आज एक नई कहानी की और चलते है जहा पे एहसास थोड़ा पुराना होगा और थोड़ा अलग सा होगा तो चलो फिर शुरू करते हैसावधान महराज पधार रहे है...तशरीफ रखिए सब लोगमहराज आज एक बड़ी समस्या आय हुए है तो आप जरा हल बताए है ताकि हम इस मुसीबत से बच सकेसमस्या बताएजी महाराज हम है बलवंत। वो ना ये कालू बोल रहे है की इन्होंने मेरी मछली पकड़ने कि जाल नहीं ली बट मेरी मछली पकड़ने कि जाल इन्होंने ही ली है हमे पता है और हमारे पास सबूत भी हैआपका कहना है की आपकी मछली पकड़ने
सुभ प्रभात आज एक नई कहानी की और चलते है जहा पे एहसास थोड़ा पुराना होगा और थोड़ा अलग सा होगा तो चलो फिर शुरू करते हैसावधान महराज पधार रहे है...तशरीफ रखिए सब लोगमहराज आज एक बड़ी समस्या आय ...और पढ़ेहै तो आप जरा हल बताए है ताकि हम इस मुसीबत से बच सकेसमस्या बताएजी महाराज हम है बलवंत। वो ना ये कालू बोल रहे है की इन्होंने मेरी मछली पकड़ने कि जाल नहीं ली बट मेरी मछली पकड़ने कि जाल इन्होंने ही ली है हमे पता है और हमारे पास सबूत भी हैआपका कहना है की आपकी मछली पकड़ने
महाराज : आज की सभा मे ये पेहली शिकायत यही पे पुर्ण होती है. कृपया दुसरी लोगो को भेजो जिनकी सम्श्याए हो.दास : दूसरे शिकायत वाले को बुलाया जा रहा है. कृपया हाजर हो.मिठू : महाराज मेरा नाम मिठू ...और पढ़ेऔर मेरी समश्या ये है की मेरी गाय नही मिल रही है.महाराज : अरे काफी विचलित शिकायते आ रही है. किसी की जाल गुम हो जाती है. किसी की गाय चोरी हो जाती है. ये हो क्या रहा है. शिपाईयो जाओ और इनकी गाय ढूंड के दो इस मिठू भाई को.मिठू : धन्यवाद महराज.《 दूसरे कक्ष मे... 》महाराणी वन्दना :
सेना के सेवक मणिक : सावधान रहे महल से कैलाश जी पधार रहे है. संदेश ले कर कृपया ध्यान दिजीये.कैलाश : महल से महाराज भुजंग ने संदेश भेजा है की हमे देव गढ सालू के राजा से युद्ध लड़ ...और पढ़ेहमे वो सिंहासन हासिल कर ना है. और फतेह करनी है.सेना के सेवक मणिक : तो सुना आप लोगो ने महाराज का आदेश है की हमे देव गढ सालू मे जाकर उस राज्य को हड़प ना है.सेना : हा हा हम तैयार है हा हा हम तैयार हैसेना के सेवक मणिक : कैलाश जी आप अब निचिन्त हो कर जाईये
अब तक आपने जाना की कैलाश भुजंग की सेना को युद्ध लड़ने के लिए तैयार करने के लिए संदेश भिज्वाया अब आगेमहाराज भुजंग : आज तो उस साम राज्य को खतम कर के ही वापस लौटेंगेकैलाश : हा महाराज ...और पढ़ेक्यू नही अवश्य जीत हमारी होगी देखना आपसेना का सेवक : जी महाराज आप निचिन्त रहिये जीत हमारी ही होगीश्री नारद मुनी जी : नारायण नारायणमहाराज भुजंग : प्रणाम मुनिवर जी आप यहा कैसे सब ठीक तो हैश्री नारद मुनी जी : प्रणाम महराज भुजंग और बाकी महल वासियो को. तो मे हम ये कह रहे थे की मे तो