Mehul Pasaya लिखित उपन्यास मिलन पुर

मिलन पुर द्वारा  Mehul Pasaya in Hindi Novels
अरे बाजू हटो रे सब लोग वरना एक्सिडेंट हो जाएगा फिर कहना मत देख कर नहीं चलाते गाड़ी हाहहाअरे ओ भाई इतनी ठंड इतनी गर्मी वा...
मिलन पुर द्वारा  Mehul Pasaya in Hindi Novels
अरे बेटा इतनी जल्दी कैसे उठ गया वो हर दिन तो वो देर तक सोए रहेता हैहा मालकिन जी वो बहुत जल्दी उठ गया और रेडी हो कर कही प...
मिलन पुर द्वारा  Mehul Pasaya in Hindi Novels
ओके चलो वैसे टाइम देखलो की सब स्टोर खुलने का वक़्त हुआ या नहीं वरना ऐसे ही फालतू में घूमना पड़ेगा और कुछ मिलेगा भी नहींअ...
मिलन पुर द्वारा  Mehul Pasaya in Hindi Novels
देखो मम्मा मे किसको लेकर आया हू सरप्राइजअरे वाह बेटा फाइनली तुम मेरि बहू को ले आया मे कब से इस अकेले घर मे परेशान हो रही...
मिलन पुर द्वारा  Mehul Pasaya in Hindi Novels
" अरे मम्मी कहा हो चलो ना हमे जाना है बहार घुमने. कुच लाना भी है चलो चलो जल्दी से." अरे हा बेटा रुको मे आती हू थोडा सा व...