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बुनियाद - उपन्यास
Kishanlal Sharma
द्वारा
हिंदी रोमांचक कहानियाँ
बीसवीं सदी की शुरुआत का एक दिन।एक समुद्री जहाज इंग्लैंड से अमेरिका के लिए रवाना हुआ।इस जहाज में सौ लोग सवार थे।जिनमें डेविड और उसकी पत्नी मारिया भी थी।जहाज रास्ते मे पड़ने वाले बंदरगाहों पर रुकता हुआ अपनी मंज़िल की तरफ बढ़ रहा था।एक ढलती शाम को यात्री डेक पर बैठे ठंडी ठंडी समुद्री लहरों का आनद ले रहे थे।जहाज पर रोबर्ट भी था।उसे गिटार बजाने का शौक था।वह रोज शाम को गिटार बजाता।मधुर संगीत सुनकर लोग मस्त हो उठते।
आज रॉबर्ट के हाथ मे गिटार नही था।वह जब शाम को डेक पर आता उसके हाथ मे गिटार होता।आज उसे खाली। हाथ देखकर सब चोंक थे।उसे खाली हाथ देखकर डेविड बोला,"आज ब्रदर का मूड उखड़ा लग रहा है।क्या बात है?"
रोबर्ट ने डेविड की बात का कोई जवाब नही दिया।उसे देखकर मारिया बोली,"लगता है आज रोबर्ट को किसी की याद आ रही है।"
बीसवीं सदी की शुरुआत का एक दिन।एक समुद्री जहाज इंग्लैंड से अमेरिका के लिए रवाना हुआ।इस जहाज में सौ लोग सवार थे।जिनमें डेविड और उसकी पत्नी मारिया भी थी।जहाज रास्ते मे पड़ने वाले बंदरगाहों पर रुकता हुआ अपनी मंज़िल ...और पढ़ेतरफ बढ़ रहा था।एक ढलती शाम को यात्री डेक पर बैठे ठंडी ठंडी समुद्री लहरों का आनद ले रहे थे।जहाज पर रोबर्ट भी था।उसे गिटार बजाने का शौक था।वह रोज शाम को गिटार बजाता।मधुर संगीत सुनकर लोग मस्त हो उठते।आज रॉबर्ट के हाथ मे गिटार नही था।वह जब शाम को डेक पर आता उसके हाथ मे गिटार होता।आज उसे खाली।
मारिया. इस आशा में समुद्र के किनारे बैठ गयी कि उसका पति डेविड उसे ढूंढता हुआ जरूर आयेगा। वह नही आया तो कोई न कोई जहाज यहां से जरूर गुज़रेगा।वह उससे सहायता मांगेगी।इन्तज़ार में पूरा दिन गुज़र गया।भूखी ...और पढ़ेवह समुंदर के किनारे बैठी रही।पर न उसका पति आया न ही कोई जहाज उधर से गुजरा।और धीरे धीरे दिन ढल गया और अंधेरा हो गया।अंधेरा होते ही जंगली जानवरों की अजीबो गरीब आवाजे सुनाई देने लगी।दिन में मारिया ने सोचा भी नही था कि रात भी उसे इसी द्वीप पर गुज़ारनी पड़ेगी।अगर वह रात भर इसी जगह बैठी रही तो
अगर कोई जीवित है तो कहां है?वह सोचती तो बहुत थी लेकिन जवाब नही था।और यूं ही सोचते हुए दिन गुज़र रहे थे।एक दिन मारिया सुबह सोकर उठी।उसका जी मिचलाने लगा।उबकाई आने लगी।अचानक तबियत खराब होने पर ...और पढ़ेअपनी महामारी का ख्याल आया।और वह समझ गयी उसके दिन चढ़ गए है।इसका मतलब साफ था।उसके दिन चढ़ गए थे।उसके पैर भारी हो गए थे।अगर डेविड उसके साथ होता तो बाप बनने का समाचार सुनकर वह कितना खुश होता।लेकिन आज उस अनजान द्वीप पर उसके गर्भवती होने का समाचार सुनने वाला कोई नही था।गर्भवती होने पर मारिया को खुशी के साथ दुख
उन दोनों की उम्र में पच्चीस साल का अंतर था।तो क्या हुआ?कुछ ने कुछ बात तो की ही जा सकती थी।पहले मारिया को हर पल अकेलेपन का एहसास सताता रहता था।लेकिन अब ऐसा नही था।अब वह अकेली ...और पढ़ेलोग थे उस द्वीप पर।मारिया रात को बेटी को लोरी सुनाती,कहानी सुनाती,चांद तारे और जानवरों के बारे में बताती।अपने देश के बारे में बताती।समय का चक्र रुकता नही है।वह अपनी गति से घूमता रहता है।पता ही नही चला कब समय गुज़र गया और जंगली जवानी की दहलीज पर आ खड़ी हुई।एक दिन मारिया को हरारत महसूस हुई।ऐसा पहली बार नही हुआ था।उसे
जंगली रोज सुबह सोकर उठने के बाद नित्यकर्म के लिये समुद्र किनारे आती थी।यह आदत उसे माँ ने डाली थी।वह वहां दो लोगो को पड़े देख कर उसे आश्चर्य हुआ था।कौन है?उसने अभी तक किसी आदमी ...और पढ़ेनही देखा था।लेकिन मां ने जैसा उसे बताया था।उस हुलिए से वह पहचान गयी थी कि वहां पड़े प्राणी आदमी ही थे।वे दोनों आदमी समुद्र किनारे बेहोश पड़े थे।जंगली ने उन पर पानी लाकर डाला।तब काफी देर बाद वे होश में आये थे।होश में आते ही वे जंगली को देखकर आश्चर्य से बोले,"हम कहाँ है?और तुम कौन हो?'"मैं जंगली हूँ।यह एक निर्जन द्वीप