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दानव द रिस्की लव - उपन्यास
Pooja Singh
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
"भैया ! कितनी देर करोगे चलने मैं "आया अदिति !"भैया ! आपको अजीब नही लगता नाम सुनने में ..पैहरगढ़"लगता तो है पर क्या करे मां ने बुलाया है जाना तो पड़ेगा न चल अब "हां ! .....भैया कितना टाइम लगेगा वहां पहुचने में "कम से कम एक घंटा "क्यू बुला रही है मां "सारे सवाल यही पुछ लेगी क्या मां से पुछिओ क्यु बुलाया है "ठीक है !"दोनो पैहरगढ़ पहुंचते है "मां ....!"मासी भाई और अदिति गये "आ गये आदित्य "हां मां !"जल्दी अंदर आओ दोनो "कांजी ! पानी दो "जी ! मासी "नाश्ता वगैरह करने के बाद सब शाम को
भैया ! कितनी देर करोगे चलने मैं आया अदिति ! भैया ! आपको अजीब नही लगता नाम सुनने में ..पैहरगढ़ लगता तो है पर क्या करे मां ने बुलाया है जाना तो पड़ेगा न चल ...और पढ़े हां ! .....भैया कितना टाइम लगेगा वहां पहुचने में कम से कम एक घंटा क्यू बुला रही है मां सारे सवाल यही पुछ लेगी क्या मां से पुछिओ क्यु बुलाया है ठीक है ! दोनो पैहरगढ़ पहुंचते है मां ....! मासी भाई और अदिति गये आ गये आदित्य हां मां ! जल्दी अंदर आओ दोनो कांजी ! पानी दो जी ! मासी नाश्ता वगैरह करने के बाद सब शाम को
उसी रात अजीब घटना घटतीं है..."....अदिति---अदिति---अदिति (चिल्लाता हैं और जोर से पकड़कर उसे कर झंकझोरता हैं )"... हां ...हां भैय्या.. (अदिति मानो बेहोशी से उठकर बोलती है).."" हां भैय्या क्या... कब से आवाज लगा रहा हूं.. अदिति अदिति तू ...और पढ़ेधुन में थी और आधी रात को कहां जा रही है ..."" मैं... मैं तो कही नही जा रही थी भैय्या और मैं बाहर कैसे आ गयी (अचंभे में अदिति ने पूछा ).."" तू पागल है ....तू कबसे नींद में चलने लगी ..."" भैय्या मुझे सच में नहीं पता मैं कैसे बाहर आ गयी ..."" ..अच्छा छोड़ अब अंदर चल
सब अदिति को ढुंढने निकल पड़ते हैं .....उधर अदिति मदहोश सी बस चले जाा रही थी... देखते ही देखते वो पुराने किले में चली जाती है तभी अचानक कुछ गिरने की आवाज होती है जिससे मानो अदिति का ध्यान ...और पढ़ेहो जाता है ...अंचभे से चारो तरफ देखती है और घबरा जाती है "....मैं यहां कैसे आ गयी ...कौन सी जगह हैं ये ..."तभी एक आवाज़ आती है ..!"... घबराओ मत , मेरी सहायता करो ...मदद करो मेरी ..."" कौन हो तुम ...? सामने आओ .....और मैं यहां कैसे आ गयी कौन - सी जगह हैं ये ..."" पीछे मुड़कर
" अब मैं आजाद हूं उबांक ...अब फिर होगा गामाक्ष का कहर ..."" लेकिन दानव राज आप तो बहुत कमजोर हो गये हैं इतने सालो यहां कैद होने से .."" हां उबांक जो बरसो पहले आदिनाथ ने मेरे साथ ...और पढ़ेथा उसका बदला उसके बच्चों से लूंगा ..." "..दानव राज आप कैसे बदला लेंगे वो देविका अपने बच्चों को भी सुरक्षा यंत्र से बांध लेगी ..."" डरो नहीं उबांक मैं पहले ही सब जान चुका हूं इसलिए उसकी बेटी को यहां तक ले आया था ...क्यूंकि अब शुरू होगा मेरा प्रेम और प्रेत जाल ....उबांक अब तुम भी एक सुंदर तोता
आदित्य : कौन अदि... कौन है ये....?अदिति : भैय्या...ये बताती हूं पहले इसे होश में लाओ ...!आदित्य : हां...(आदित्य उसपर पानी की छिंटे मारता..)..अदि इसे होश आ रहा हैं... तू बता कौन है ये....?अदिति : भैय्या... ये पुराने किले ...और पढ़ेलड़का है जिसे मैने उस cage से free किया था....!आदित्य : (चौंककर)... अदि दूर उससे ...!अदिति : क्यूं भैय्या... क्या हुआ....?आदित्य : अदि ..कांची ने क्या बोला था ये पिशाच है....!अदिति : क्या भैय्या... आप भी न क्या बेकार की बातें कर रहे है... आपको ये पिशाच कैसे लग रहा हैं...!" आखिर गांववालो ने बना रहे मुझे पिशाच .."अदिति :