दानव द रिस्की लव - 25 Pooja Singh द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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दानव द रिस्की लव - 25

….……Now on ……….




इशान : पापा ने अपने guards को भी duty पर लगा दिया है…मां ने बताया है

आदित्य : thanks ……

विवेक : भैय्या..... ये अदिति की ही स्कूटी है न……

आदित्य : हां …. फिर अदिति कहां गई… ……?

इंस्पेक्टर : हम यही आस-पास पुछते हैं पहले ….

विवेक : मैंने सबसे पुछ लिया है सब मना ही कर रहे हैं ….

आदित्य :(गुस्से में) फिर कहां गई अदि ……कल रात से गुम है अब भी शाम हो गई. है और अदिति का कुछ पता नहीं ……

विवेक : भैय्या..... Please शांत हो जाओ ..…

इंस्पेक्टर : आप घर जाइऐ में आपकी बहन के search के लिए सबको भेजता हूँ. ……

आदित्य : (गुस्से में) …घर …मेरी बहन का कुछ पता नहीं चला है और मैं जाकर घर बैठ जाऊं ……

इंस्पेक्टर : आपका गुस्सा लाजमी है ….पर ढुंढ लेंगे उन्हें

इशान : आदित्य इंस्पेक्टर सही कह रहे हैं घर चलो ……

तीनों घर पहुंचते हैं ….

********

उधर अदिति को होश आता है...

अदिति : कौन हो तुम …मुझे क्यूं बांध रखा है (चिल्लाती है) खोलो …जाने दो मुझे ….

" तुम यहां से नही जा सकती …ये मेरा गढ़ है …यहां से बचना मुश्किल है …तेरे भाई ने मुझे मना किया था …मुझे मना करने का अंजाम भुगतेगा …"

अदिति : मैं अपने भाई को परेशान नही होने दे सकती …छोड़ो मुझे जाने दो …

" ऐ इसका मुंह बंद कर अब आदित्य को परेशान किया जाऐ ."

………in aditi ' s home ……

बबिता : साहब ….आप इतनी जल्दी ……क्या हुआ ….अदिति दी नही आई……?

विवेक : ताई ……पानी लाओ जरा……

बबिता : जी ……

इशान : आदित्य ये परेशान नही होते अदिति मिल जाएगी …

आदित्य : अदिति कहां होगी कैसी होगी ….मैंने कभी उसे डांटा तक नही है अब वो कैसी होगी ……

विवेक : (मन में) अदिति ….कहां हो तुम ……?

इनकी आवाज सुनकर तक्ष नीचे आता है...

तक्ष : आदित्य ……तुम परेशान क्यूं हो ….क्या हुआ है …?

विवेक : तू तो दूर ही रह ये सब जो भी हो रहा हैं तेरी वजह से हो रहा हैं ….

इशान : विवू ….ये लड़ने का time नही है ….

आदित्य : कल रात से अदिति का कुछ पता नहीं हैं …. कहां हैं वो किसी को नही पता ……

विवेक : इसे बताकर क्या होगा …?.……ये गांव वाला क्या करेगा ……?

तक्ष : मैं ढूंढ लूंगा अदिति को ……(मन में) जिसने भी मेरे शिकार पर हाथ रखा है खत्म कर दूंगा उसे ….

आदित्य : तुम नही ढूंढ पाओगे ….तुम तो यहां से अंजान हो अभी ….

तक्ष : आप चिंता मत करो ये उबांक मुझे अदिति तक पहुंचा देगा ……उबांक चलो…

विवेक : ये सब बेकार की बातें है …

तक्ष : जबतक मैं अदिति को नही ढूंढ लूंगा , वापस नहीं आऊंगा ……

तक्ष बिना कुछ सुने चला जाता है ……

आदित्य : तक्ष रूको ….

इशान : जाने दे उसे क्या पता ये ढूंढ ले ……!

तभी आदित्य का फोन ring होता है …

विवेक : ये पता नहीं क्या करेगा ……?

आदित्य : कौन …?

" कैसे हो आदित्य ……मिल गई तुम्हारी बहन …sorry मिलेगी कैसे हमारे पास जो है …"

आदित्य : (गुस्से में चिल्लाता है) कौन है तू …अदिति कहां हैं ….?
क्या हुआ घबरा गया …अभी तो तेरी बहन ठीक है पर ज्यादा time तक नही …"

आदित्य : तू बोल कौन रहा हैं ….

" VK याद आया ……तूने मेरे contract को sign करने से मना करके उसे जेल भेज दिया था …"

आदित्य : अच्छे से याद है तेरी दुश्मनी मुझसे थी न की मेरी बहन से …छोड़ दे उसे …नही तो अबकी बार नहीं बचेगा …

Vk : तू मुझ तक कभी नहीं पहुंच सकता ,

आदित्य : तू अदिति को छोड़ दे क्या चाहिए तुझे ….?

Vk : मुझे चाहिए तेरे चेहरे पर वो अपनी सबसे प्यारी चीज खोने का दर्द …. अपनी बहन को खोने का दर्द तेरी आवाज में दिख रहा हैं अगर वो हमेशा के लिए ही तुझसे दूर हो जाएगी तब तो तू मर ही जाएगा (हंसने लगता हैं) …(call cut)

आदित्य : नही

इशान : आदित्य कौन था ……?

आदित्य : vk……अदिति को उसने ही kidnap किया है. …

इशान : vk (call करता है) ……जल्द से जल्द पता करो ये vk कहां छिपा बैठा है …

विवेक : (मन में) इस vk ने अदिति को kidnap करके अच्छा नहीं किया छोडूंगा नहीं इसे ...........भैय्या..... मैं जाता हूं .…मैं भी ढूंढता हूँ उसे ….(विवेक चला जाता है)

********

उबांक : दानव राज ……उस लड़की को ढूंढना आपके लिए आसान है पर अगर आप उसे इतनी जल्दी ढुंढ लेंगे तो कही उस लड़के का शक सच में न बदल जाऐ….

तक्ष : ठीक कहा उबांक ……मुझे सुझबुझ से काम करना चाहिए ……अदिति है कहां ….?

तक्ष अपनी शक्ति से अदिति को ढूंढ लेता है ….उधर आदित्य और इशान पुलिस को call की सारी query दे देते है …विवेक भी अदिति को ढूंढते हुए पूरी रात निकाल देता है …

तक्ष : अदिति किसी बंद से कमरे में है और ये शायद कोई उजड़ी हुई हवेली का सा कमरा है ……मुझे इसकी जगह पता चल चुकी है. ……उबांक ….अब दोपहर होने जा रही है तुम आदित्य को वहां ले आना. ……!

उबांक : जी दानव राज.. (उबांक उड़ जाता है)

तक्ष : मुझे अदिति के पास जाना होगा ……

तक्ष उस पुरानी सी हवेली पहुंचता है ……

" कौन है हे बे तू ….यहां मरने आया है "

तक्ष : कौन मरेगा ये अभी पता चल जाएगा ….

तक्ष एक पिशाच है उसके सामने ये साधारण से इंसान क्या कर सकते है यही सोच तक्ष के मन में है ….वैसे बात सच ही साबित हुई तक्ष ने सबको एक एक करके ढेर कर दिया था …सबको खत्म करने के बाद तक्ष सीधा अंदर दाखिल होता है.

" तो कौन है…? "

तक्ष : तेरी मौत ………अदिति कहां हैं ….?

" इतनी security में तू अंदर कैसे पहुंच गया. "

तक्ष : सबको खाकर …मारकर ……

" तू अदिति तक कभी नही पहुंच सकता "

तक्ष : तक्ष को कोई नही रोक सकता …जो मेरी चीज को हथियाने की कोशिश करता है उसे मरना पड़ता है …

" तू मुझे मारेगा …उससे पहले तुझे मेरा tiger जिंदा खा जाएगा …"

तक्ष : ये कुत्ता….तक्ष का कुछ नहीं बिगाड़ सकता …

" बचके दिखा इससे …"

Tiger नाम का कुत्ता तक्ष पर हमला करता है …पर तक्ष कि पिशाची शक्ति उसे अपना विकराल रूप दिखाने पर मजबूर कर ही देती हैं …. तक्ष पूरी तरह तो अपने असली रुप में नहीं आता पर उसकी आंखों में शैतानी शक्ति जरूर आ जाती हैं जिसके डर से वो tiger भीगी बिल्ली की तरह भाग जाता है …

तक्ष : अब तेरी बारी ……

" तू इंसान नही है …" डरकर vk ने कहा

तक्ष : हां …. मैं एक नरपिशाच हूँ …




.………to be continued …………