Yu hu koi mil gaya tha book and story is written by Neerja Pandey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Yu hu koi mil gaya tha is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
यूं ही कोई मिल गया था.. - उपन्यास
Neerja Pandey
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
भाई विशाल की बारात में खुशी से झूमते विहान के पांव थम से गए जब उसकी निगाह भाभी के साथ आती लड़की पर पड़ी । आस पास से बेखबर निशा का पूरा ध्यान अपनी दुल्हन बनी दीदी संध्या पर ही था। उसे संभालते हुए स्टेज तक ले आई। पीले रंग का लहंगा उसके पीत रंग में जैसे घुल मिल सा गया था। उसके बाद शादी के सारे कार्यक्रम खुशी खुशी निपटे, निशा परछाई की भांति दीदी के साथ थी । उसे हर पल जब तक दीदी है उसके साथ ही रहना था। उसके सोच का केंद्र बिंदु निशा पर ही सिमट गया था। विहान को तो जैसे होश ही नहीं था। मंत्र मुग्ध सा वो भी बस हर पल भाई के साथ ही था । विहान ने भाई से पूछा तो पता चला वो उसकी भाभी की छोटी बहन है ।
भाग 1 भाई विशाल की बारात में खुशी से झूमते विहान के पांव थम से गए जब उसकी निगाह भाभी के साथ आती लड़की पर पड़ी । आस पास से बेखबर निशा का पूरा ध्यान अपनी दुल्हन बनी दीदी ...और पढ़ेपर ही था। उसे संभालते हुए स्टेज तक ले आई। पीले रंग का लहंगा उसके पीत रंग में जैसे घुल मिल सा गया था। उसके बाद शादी के सारे कार्यक्रम खुशी खुशी निपटे, निशा परछाई की भांति दीदी के साथ थी । उसे हर पल जब तक दीदी है उसके साथ ही रहना था। उसके सोच का केंद्र बिंदु निशा
भाग 2 शाम को जब विशाल अपनी ड्यूटी से घर आया तो विहान निशा के साथ मिल कर पार्टी की तैयारी कर रहा था। विशाल को तो अंदाजा भी नहीं था की विहान बड़ी मुश्किल से पास हुआ है। ...और पढ़ेये सोच रहा था की निशा और विहान दोनो ही अच्छे नम्बरो से पास हो गए है। वो भी हाथ मुंह दो कर पार्टी से शामिल हो गया। परंतु जब विशाल ने दोनो के मार्क्स पूछे तो विहान ने झिझकते हुए अपने नंबर बताए। विशाल को बहुत ठेस पहुंची विहान के नंबर जान कर। विशाल ने दुखी होते हुए कहा,"
भाग – 3 बड़ी ही कशमकश में रात बीती। विशाल और संध्या से किसी भी तरह का सहयोग न मिलने से विहान टूट सा गया था। पर अपने निश्चय पर अडिग था । कोई साथ दे ना दे वो ...और पढ़ेनिशा के पापा से बात करने जरूर जायेगा। बिना किसी से बताए विहान नहा धोकर तैयार होकर निशा के घर पहुंच गया। सभी नाश्ता करके बैठे ही थे। विहान ने विभूति जी के पांव छुए। बिना आंखो से न्यूज पेपर हटाए "ठीक है" कहा। निशा की मां ने बैठने को कहा और नौकर से चाय नाश्ता लेने को कहा। विभूति