Nazar book and story is written by Aarti Garval in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Nazar is also popular in थ्रिलर in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
नज़र - एक रहस्यमई रात - उपन्यास
Aarti Garval
द्वारा
हिंदी थ्रिलर
"जरा सी देर हो जाएगी तो क्या होगा? घड़ी घड़ी ना उठाओ नजर घड़ी की तरफ।" पढ़ाई से जब भी वक्त मिलता मुग्धा यूं ही किताबों के पन्नों में खुद को समेट लेती थीं। कविताओं से कुछ ज्यादा ही लगाव जो था उसे। ट्रेन का सफर, कविताओं की पंक्तियां, और ऊपर से बारिश का मौसम। सब मुग्धा के इस शौख को आज और भी ज्यादा बढ़ावा दे रहे थे। मुग्धा राठौड़। गुजरात के वापी शहर की एक राजपूत लड़की। परिवार में प्यारी सी मम्मा है जो सुबह-शाम बस सबकी चिंता और उनके लिए खुशियां बटोरने में लगी
"जरा सी देर हो जाएगी तो क्या होगा? घड़ी घड़ी ना उठाओ नजर घड़ी की तरफ।" पढ़ाई से जब भी वक्त मिलता मुग्धा यूं ही किताबों के पन्नों में खुद को समेट लेती थीं। कविताओं से कुछ ज्यादा ही ...और पढ़ेजो था उसे। ट्रेन का सफर, कविताओं की पंक्तियां, और ऊपर से बारिश का मौसम। सब मुग्धा के इस शौख को आज और भी ज्यादा बढ़ावा दे रहे थे। मुग्धा राठौड़। गुजरात के वापी शहर की एक राजपूत लड़की। परिवार में प्यारी सी मम्मा है जो सुबह-शाम बस सबकी चिंता और उनके लिए खुशियां बटोरने में लगी
नया शहर, नया दिन, सुबह की खिली खिली धूप, आसमान में चह-चहाते हुए पंछियों की मधुर आवाज, और इंटर्नशिप का पहला दिन। मुग्धा की खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था। " गौरी आंटी हम ...और पढ़ेके लिए निकल रहे हैं'- दरवाजा बंद करते हुए मुग्धा ने आवाज लगाकर आंटी को बताया। "अरे सुनो बच्चे ये तुम्हारा टिफिन लेकर जाओ मैंने रेडी कर दिया है और सुनो आज पहला दिन है और मुंबई शहर भी नया है तुम्हारे लिए तो आज तुम्हें वीर हॉस्पिटल छोड़ देगा"- गौरी आंटी ने टिफिन देते हुए
"बट सर हमने किया क्या है मतलब हम तो आज पहली बार आपसे यहां मिल रहे हैं फिर आप ऐसे क्यों ?? हमसे कुछ गलती हो गई क्या सर?" ...और पढ़े मुग्धा को इस लहजे में में बात करते हुए देख डॉक्टर कश्यप के चेहरे के हाव-भाव ही बदल गए। "वेइट, हु आर यू? आई मीन व्होट व्होट्स योर नेम?"-डॉक्टर कश्यप ने कंफ्यूज होते हुए कहा। "हम्म् हमारा नाम मुग्धा है सर मुग्धा राठौड़"- कांपती आवाज में मुग्धा ने कहा। जिंदगीमें पहली बार किसी ने मुग्धा से ऐसे चिल्ला कर बात की होगी शायद.... उसका यूं डरना तो लाजमी था।
"किसका फोन आया था मुग्धा को कि उसके चेहरे के हाव-भाव ही बदल गए थे? अब तो जब वह घर पर आए तभी पता चला।"- मन में यह सब सोचते हुए वीर वही मुग्धा का इंतजार कर रहा होता ...और पढ़ेरात के लगभग 8:00 बज गए मगर अब तक ना मुग्धा का कोई कॉल आया ना वह खुद। अब तो गौरी आंटी और गुलशन अंकल को भी उसकी चिंता होने लगी थी। गौरी आंटी मुग्धा को बार-बार कॉल लगा रही थी मगर उसका फोन लगी नहीं रहा था। "वीर तुम हॉस्पिटल एक बार देखकर आओ शायद वहां गई
चारों तरफ एक ही न्यूज़ थी हर अखबार हर न्यूज़ चैनल पर एक ही लाइन "R.V.K. हॉस्पिटल के कॉटेज के पास मिली युवती की लाश" न्यूज़ सुनकर डॉक्टर कश्यप सबसे पहले दौड़ ...और पढ़ेहॉस्पिटल पहुंच जाते हैं। आसपास लोगों की भीड़... एंबुलेंस... पुलिस.... और ढेर सारे शोर के बीच वो अपने कदम धीरे धीरे कॉटेज की तरफ बढ़ा ही रहे थे, कि अचानक से उसे उन्हें किसी का धक्का लगा। वह सुधीर था। जल्दी से जल्दी वह सब भीड़ हटाकर बस वहां पहुंचना चाहता था कि कौन है वहां पर? किसकी