Majhse dosti karonge book and story is written by Sarvesh Saxena in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Majhse dosti karonge is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मुझसे दोस्ती करोगे - उपन्यास
Sarvesh Saxena
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
"अरे मुन्नी… ऐसे मत दौड़ रोड पर, मुन्नी…... मुन्नी रुक जा, अरे कोई गाड़ी आ जाएगी मुन्नी…, मुन्नी रुक जा…" |दस साल की मुन्नी रात के आठ बजे अपनी मां के साथ शहर के भीड़भाड़ वाली सड़कों से होकर अपनी छोटी सी चोल में जा रही थी, पर मुन्नी बार-बार उसका हाथ छुड़ाकर सड़क पर दौड़ती जाती और मुन्नी जिस तरह की हंसी हंस रही थी उससे तो ऐसा लग रहा था जैसे उसे सड़कों पर गिरने का कोई डर ही नहीं, माला ने फिर मुन्नी को पुकारा, "अरे मुन्नी रुक जा, घर चल तुझे बताती हूं… अरे रुक ना…"
अरे मुन्नी… ऐसे मत दौड़ रोड पर, मुन्नी…... मुन्नी रुक जा, अरे कोई गाड़ी आ जाएगी मुन्नी…, मुन्नी रुक जा… दस साल की मुन्नी रात के आठ बजे अपनी मां के साथ शहर के भीड़भाड़ वाली सड़कों ...और पढ़ेहोकर अपनी छोटी सी चोल में जा रही थी, पर मुन्नी बार-बार उसका हाथ छुड़ाकर सड़क पर दौड़ती जाती और मुन्नी जिस तरह की हंसी हंस रही थी उससे तो ऐसा लग रहा था जैसे उसे सड़कों पर गिरने का कोई डर ही नहीं, माला ने फिर मुन्नी को पुकारा, अरे मुन्नी रुक जा, घर चल तुझे बताती हूं… अरे रुक ना…
मिसेज मल्होत्रा की एक बेटी भी है लगभग मुन्नी की ही उम्र की है जिसका नाम सोनिया है, मुन्नी और सोनिया काफी अच्छी दोस्त हैं, जब सोनिया स्कूल से आ जाती है तो दोनों खूब खेलती हैं, सोनिया मुन्नी ...और पढ़ेअपने सारे खिलौने दिखाती है और कई बार खिलौने दे भी देती है |मुन्नी जाकर गार्डन मे खेलने लगी | कुछ घंटों बाद वो खेलते खेलते सोनिया के कमरे में पहुंच जाती है और सारे खिलौने देख कर उदास हो जाती है, वह सोचती है कि उसके पास भी इतने ढेर सारे खिलौने होते तो कितना अच्छा होता | वो फर्श
उधर मिस्टर मल्होत्रा ने घर आकर सोनिया के कमरे में गए लेकिन कमरे में घुसने से पहले ही उनके कानों में आवाज बड़ी ऐसा लग रहा था जैसे सोनिया किसी से बात कर रही हो लेकिन उसकी बातों में ...और पढ़ेअजीब सा रहस्य महसूस हो रहा था और अजीब बात तो यह थी कि सोनिया की हंसी किसी और बच्चे की भी हंसी शामिल लेकिन निशा मल्होत्रा ने नजरअंदाज करते हुए कमरे के बाहर सही कहा," सोनिया बेटी… एक्यूरियम में मछलियों को दाना डाल देना और खाना खालो आकर" | ना का जवाब आया है जी पापा जी मैं बस अभी
मिस्टर मल्होत्रा ने सोनिया को उठाया और उसे मारने लगे वह बहुत गुस्से में थे, सोनिया चिल्लाती रही कि उसे कुछ नहीं पता लेकिन पापा ने उसकी एक न सुनी | सोनिया फूट-फूट कर रोने लगी पति के तेज ...और पढ़ेके आगे मिसेज मल्होत्रा भी कुछ नहीं बोल पाई पर उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि ऐसा काम उनकी यह छोटी सी बच्ची कैसे कर सकती है, बेड के नीचे पड़ी वह गुड़िया मुस्कुरा रही थी जिसके मुंह पर खून लगा था और चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट थी | कुछ देर बाद माला और मुन्नी काम पर आ
गुड़िया को देखकर मिस्टर मल्होत्रा को बार-बार पांच साल पहले अपना किया हुआ पाप याद आने लगा वह मन ही मन में बड़बडाने लगे ऐसा नहीं हो सकता ऐसा नहीं हो सकता, और ये कहते हुए वो अतीत के ...और पढ़ेमें कहीं खो गए ।पांच साल पहले …..माला का पति अनिल भी बहुत सालों से मिस्टर मल्होत्रा की कंपनी में काम करता था मिस्टर मल्होत्रा का काम था बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनाना,वो बहुत बड़े कांट्रेक्टर थे, पैसों की बारिश होती थी उनके यहां लेकिन उन्हें अपने पैसों का बहुत घमंड था उन्हें लगता था वह पैसों से हर चीज खरीद