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एक लड़की - उपन्यास
Radha
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
पंछी का आज कॉलेज में पहला दिन था आज वो बहुत खुश थी वह कॉलेज के बाहर दरवाजे पर खड़ी खड़ी सोच रही थीं कि कॉलेज कैसा होगा यहाँ के स्टूडेंट्स कैसे होंगे टीचर्स कैसे होंगे। ऐसा सोच ही रही थीं कि उसके पास से 2 लड़कियां ये बोलते हुए निकल गयी कि आज तो उसे छोड़ेंगे नहीं। परेशान कर दिया कुछ दिनों से । ऐसा सुन कर पंछी सोचने लगी कि ऐसा क्या होगा और वो कॉलेज में प्रवेश करती हैं। पंछी अपनी क्लास में जाती हैं जहाँ पहले से ही टीचर पढ़ा रहे हैं। वो जाकर बोली -
पंछी का आज कॉलेज में पहला दिन था आज वो बहुत खुश थी वह कॉलेज के बाहर दरवाजे पर खड़ी खड़ी सोच रही थीं कि कॉलेज कैसा होगा यहाँ के स्टूडेंट्स कैसे होंगे टीचर्स कैसे होंगे। ऐसा सोच ...और पढ़ेरही थीं कि उसके पास से 2 लड़कियां ये बोलते हुए निकल गयी कि आज तो उसे छोड़ेंगे नहीं। परेशान कर दिया कुछ दिनों से । ऐसा सुन कर पंछी सोचने लगी कि ऐसा क्या होगा और वो कॉलेज में प्रवेश करती हैं। पंछी अपनी क्लास में जाती हैं जहाँ पहले से ही टीचर पढ़ा रहे हैं। वो जाकर बोली -
प्रिंसिपल के ऑफिस में प्रिंसिपल सभी से कहते है कि तुम सब की प्रॉब्लम क्या हैं क्यों सभी को परेशान करते रहते हो अभी कॉलेज आये हुए ही 1 महीना हुआ है और पूरे कॉलेज को सिर पर उठा ...और पढ़ेहै । क्यों करते हो ऐसा । तभी राज़ बोलता है - नही सर् ऐसा कुछ नही है उसने ही हमसे पन्गा लिया था चुप हो जाओ तुम सब । मुझे पता है किसने क्या किया है जो । लास्ट वार्निंग दे रहा हु अपनी हरकते बंद कर दो वरना इस कॉलेज से रिस्टीकेट करना होगा मुझे तुम सब को।
पंछी का चेक उप करवाकर ऋषि वहाँ से चला रहे है क्योंकि उसे पता था कि पंछी उसे गलत समझती हैं क्योंकि पंछी ने स्टोर रूम में उसे देख लिया था। कुछ समय बाद पंछी होश में आती हैं ...और पढ़ेवहाँ एक नर्स होती हैं । पंछी उससे पूछती है कि मै यहाँ कैसे ! नर्स बताती है कि तुम्हें यहाँ एक लड़का लेकर आया था। हॉस्पिटल का बिल जमा करवा कर चला गया। तब पंछी को जानने की इच्छा होती हैं कि वो कौन था और वो पूछती है - कौन था वो । नर्स बताती हैं - पता
ऋषि कॉलेज की छत पर एक कोने में बैठा अपनी बचपन की बाते याद करने लगता है। जहाँ वो 9 साल का होता है और अपने घर के बाहर श्याम को अंधेरे में बैठा बैठा रो रहा होता है ...और पढ़ेउसके पास एक लड़की आती हैं। जो उससे एक साल बड़ी ही होती हैं। उसने सादे कपड़े पहन रखे थे, वो ऋषि के आगे बैठती हैं और ऋषि से पूछती है, क्या हुआ तुम रो क्यों रहे हो ऋषि कुछ नही बोलता है वो लड़की फिर कहती है - चलो कोई नही , मत बताओ । पर अपने घर जाओ
ऋषि कॉलेज से चला जाता हैं और हर्ष भी कॉलेज से निकल जाता हैं। पंछी ओर स्माइली रिक्शे से अपने अपने घर जा रही थी , रास्ते में स्माइली को गोलगप्पे दिखाई देते है , स्माईली जिद करने लगती ...और पढ़ेकि चलो ना ! गोलगप्पे खाएंगे ( मुँह बनाते हुए बोलती है ) । पंछी बोलती हैं -अभी नहीं ! मेरा मूड नहीं है तभी स्माईली फटाक से बोल उठी - ये हमारी नयी दोस्ती की पार्टी है और मूड का क्या है वो तो बन जायेगा । इतने में रिक्शा को रुकवाकर पंछी को बाहर निकाल कर रिक्शे वाले