Us Mahal ki Sargoshiya book and story is written by Neelam Kulshreshtha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Us Mahal ki Sargoshiya is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
उस महल की सरगोशियाँ - उपन्यास
Neelam Kulshreshtha
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
उस छोटी क्यूट सी सफ़ेद फ़िएट कार का दरवाज़ा खोलते हुये मीना देवी की बगल में बैठते हुये उसे रोमांच हो आया था। ये किसी राजपूती रजवाड़े की भूतपूर्व राजकुमारी एक लोकल चैनल की पी आर ओ थी। देल्ही दूरदर्शन कम था जो शहर में ये दूसरा चैनल खुल गया था। उसने बहुत उत्सुकता से पूछा था, ", "आप टी वी चैनल में एज़ अ पी आर ओ क्या काम करतीं हैं ?"
"मुर्गे फँसाने का। "कहकर वह खिलखिला पड़ी थी।
वह हैरान थी, "मुर्गे फँसाने का ? ये क्या बात हुई ?"
एपीसोड - 1 उस छोटी क्यूट सी सफ़ेद फ़िएट कार का दरवाज़ा खोलते हुये मीना देवी की बगल में बैठते हुये उसे रोमांच हो आया था। ये किसी राजपूती रजवाड़े की भूतपूर्व राजकुमारी एक लोकल चैनल की पी आर ...और पढ़ेथी। देल्ही दूरदर्शन कम था जो शहर में ये दूसरा चैनल खुल गया था। उसने बहुत उत्सुकता से पूछा था, ", "आप टी वी चैनल में एज़ अ पी आर ओ क्या काम करतीं हैं ?" "मुर्गे फँसाने का। "कहकर वह खिलखिला पड़ी थी। वह हैरान थी, "मुर्गे फँसाने का ? ये क्या बात हुई ?" "मेरा मतलब है कि
एपीसोड – 2 ऐसा भी कभी सुना है जो कि महाराष्ट्र के मनमाड के पास के गाँव कवलाना में हुआ था ? इस गाँव में अचानक गायकवाड़ राज्य के पुलिस वाले आ गये घर घर जाकर पूछताछ करने लगे ...और पढ़ेकि काशीराव गायकवाड़ का घर कौन सा है ?काशीराव के द्वार खोलते ही एक सिपाही ने पूछा था, "आपके कितने बेटे हैं ?" काशीराव ने डरते हुये उत्तर दिया था, "त -त -त तीन बेटे हैं । " "आप उन तीनों को लेकर बड़ौदा चलिये, वहाँ की राजमाता ने आपको बुलवाया है। " "राजमाता को मुझसे क्या काम है ?"
एपीसोड - 3 उन महाराज ने अपने सपनों का नगर कुछ इस तरह बसाया कि आज तक उनकी रोपीं अच्छाइयां इस शहर में झलकतीं हैं। कभी ये राज्य ७००० गरीब हिन्दुओं को, ३००० मुसलमानों को प्रतिदिन भोजन करवाता था। ...और पढ़ेपरंपरा इन्होंने आरम्भ करवाई। शहर के बग़ीचे में सुबह उसके केंद्र में बने बेंड स्टैंड पर शहनाई वादन के साथ होती थी जिससे सारा अलसाया शहर जागे तो उसे मधुर संगीत से सारे दिन काम करने की ऊर्जा मिले। उन्होंने एक खूबसूरत पैलेसनुमा इमारत `कलाभवन `बनवाई जिसमें संगीत की, नाटक व सांस्कृतिक महफ़िलें सजतीं रहें। जिस अब इंजीनियरिंग कॉलेज में
एपीसोड – 4 बहुत दिलचस्प रही थी सोने की तार जैसी महारानी से मुलाक़ात, ये जानना कि इस राजपरिवार को आज भी क्यों इतना सम्मान दिया जाता है। इन्होने बेबाक होकर बताया था, " आई एम नॉट अ रॉयल ...और पढ़ेलेकिन मैं ग्वालियर की एक एरिस्टोक्रेट फ़ैमिली की बेटीं हूँ । लखनऊ में मेरी एजुकेशन हुई है। " "मैंने सुना है कि अपने राजपरिवार के साथ आप भी समाज सेवा में रूचि लेतीं हैं ?" "मैं बहुत से समाज सेवी कार्यों से जुड़ीं हुईं हूँ । मैं अखिल भारतीय महिला परिषद की अध्यक्ष हूँ जिसकी नींव मेरी पर दादी सास
एपीसोड - 5 इस महल में इन्हीं कक्षों में माँ व दासियों को खिजाते दौड़ते होंगे नन्ही राजकुमारी व नन्हे राजकुमार के कदम। अपने प्रेम को अभिव्यक्त करने व उनके व्यक्तित्व को सम्मान देने के लिये उन्होंने नए महल, ...और पढ़ेविलास पैलेस को बनाने की योजना बनाई थी कितना ख़ौफ़नाक होगा सं १८८५ जब रानी चिमणाबाई शादी के छः वर्ष बाद ही चल बसी होंगी। राजवंश के समाधि स्थल कीर्ति मंदिर में उनकी समाधि बनवा दी होगी। तब तक ये लक्ष्मी विलास महल पूरा बन भी नहीं पाया था। उसने पानी का गिलास सामने की विशाल कांच के टॉप वाली