Lajpat Rai Garg लिखित उपन्यास यादों के उजाले

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यादों के उजाले द्वारा  Lajpat Rai Garg in Hindi Novels
यादों के उजाले लाजपत राय गर्ग (1) आज प्रह्लाद को मन मारकर कार्यालय आना पड़ा था। उसके बॉस का सख़्त आदेश न होता तो इस समय...
यादों के उजाले द्वारा  Lajpat Rai Garg in Hindi Novels
यादों के उजाले लाजपत राय गर्ग (2) पीरियड समाप्त हुआ और वह क्लास से बाहर निकल गया। प्रह्लाद और विमल अभिन्न मित्र थे। दोनो...
यादों के उजाले द्वारा  Lajpat Rai Garg in Hindi Novels
यादों के उजाले लाजपत राय गर्ग (3) ‘रवि, तुम्हारी इस बात का क्या जवाब दूँ, कुछ सूझ नहीं रहा। मैं तो नि:शब्द हो गया हूँ।’...
यादों के उजाले द्वारा  Lajpat Rai Garg in Hindi Novels
यादों के उजाले लाजपत राय गर्ग (4) विमल के उत्तर पर रवि भी अपनी हँसी रोक नहीं पायी। ऐतिहासिक स्थलों के गाइड मनोविज्ञान मे...
यादों के उजाले द्वारा  Lajpat Rai Garg in Hindi Novels
यादों के उजाले लाजपत राय गर्ग (5) प्रह्लाद नौकरी पाने में सफल रहा। नौकरी लगने के पश्चात् उसके विवाह के लिये रिश्ते आने ल...