Jindagi se mulakat book and story is written by Rajshree in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jindagi se mulakat is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
जिंदगी से मुलाकात - उपन्यास
Rajshree
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
हा ठीक है, कल मुझे दाल सब्जी दूध लेकर आना है।अरे यार! कल तो मुझे ऑफिस के भी कपडे धोने है। इन्हे भी लिस्ट में शामिल कर लेती हुँ।अरे हा,नंदिनी के पास जो ब्लाउज सिलने को डाला था वो भी तो वापस लाना था आज श्याम को, अच्छा हो अगर सिलके हो गया हो तो।रिया एक डायरी में कल जो भी काम करने है उसकीटु डू लिस्ट बना रही थी।शाम के चार बज रहे थे आकाश में बदल घिर आए थे।उपर से बिजली की कड़कने की आवाजे आ रही थी।लोगो के बिच काम जल्दी निपटाने की हड़कंपी मची हुई थी,बच्चे
हा ठीक है, कल मुझे दाल सब्जी दूध लेकर आना है।अरे यार! कल तो मुझे ऑफिस के भी कपडे धोने है। इन्हे भी लिस्ट में शामिल कर लेती हुँ।अरे हा,नंदिनी के पास जो ब्लाउज सिलने को डाला था वो ...और पढ़ेतो वापस लाना था आज श्याम को, अच्छा हो अगर सिलके हो गया हो तो।रिया एक डायरी में कल जो भी काम करने है उसकीटु डू लिस्ट बना रही थी।शाम के चार बज रहे थे आकाश में बदल घिर आए थे।उपर से बिजली की कड़कने की आवाजे आ रही थी।लोगो के बिच काम जल्दी निपटाने की हड़कंपी मची हुई थी,बच्चे
बारिश अब थोड़ी थोड़ी हल्की हो रही थी बूंदे छतसे टपकते हुए दिखाई दे रही थे।बूंदे प्लास्टिक के गमले पर गिर रही थी जिसमें गुलाब का फूल बारिश के तूफान के कारण मुरझा गया था।बादल हट चुके थे, सूरज ...और पढ़ेताने बादलों से ऊपर उठकर आया था, इंद्रधनुष्य बन चुका था।रिया थोड़ी आगे बढ़ी की तभी अभी मैं जिंदा हूं। का नारा लगाते हुए एक बूंद उसके गालों पर आकर गिर गई।अचानक कुछ ख्यालो ने निसर्ग की सुंदरता ने रिया के मन को झंझोड कर रख दिया।कुछ ख्याल उसके मन में उभरने लगे।अपने दोनों आँखों को बंद करके, अपने दोनों
फोन सोफे पर रखकर रिया चैन की सांस लेते हुए बैठ गई कि तभी बाहर से किसी की आवाज आयी।रिया ने बालकनी में जाकर देखा नंदिनी आवाज दे रही थी- आपका ब्लाउज हो चुका है,साड़ी को भी फॉल ...और पढ़ेचुका है, आकर ले जायिए। नंदिनी की बात सुन रिया घर को ताला लगा के लाइट बंद करके नंदिनी के घर के तरफ चल पड़ती है।अपार्टमेंट से नीचे उतरते ही सामने नंदिनी खड़ी दिखाई देती है। नंदिनी रिया को देखकर हँस देती है पर रिया का हंँसी के गिफ्ट पर रिटर्न गिफ्ट देने का कोई इरादा नहीं होता,अपनी शाल को अपने आप से
रिया को आज पूरी रात नींद कहां आने वाली थी उसका दिमाग तो जीवन के 10 मिनट की बात पर ही अटका हुआ था ।आकाश में चांद साफ-साफ नजर आ रहा था उस चांद की रोशनी ...और पढ़े आँँसु मोतियों से चमक रहे थे।उसका मन उसका दिमाग सिर्फ जीवन के ख्यालों में उलझा हुआ था।रिया जगह बदल के सोने की बहुत कोशिश कर रही थी पर उसका चैन कब का उड चुका था।अचानक उसके सीने में दर्द होने लगा उसने सिने पर कसके हाथ पकड़ लिया।मैंने अगर माफी मांगी तो इतना दर्द क्यों? इंसान जब भी कभी दर्द में होता है
डिप्रेशन की बात उसने किसी को बताना लाजमी नहीं समझा। अगर वह ऐसा करती तो उसका एंप्लॉय ऑफ द ईयर का अवार्ड चला जाता।मेकअप इंसान ने बनाई हुई ऐसी चीज है जो बड़े-बड़े राज ...और पढ़ेअंदर छुपा लेती है।मेकअप के आड़ में उभरे हुए डार्क सर्कल रिंकल, पिंपल सब छुप गए और एक झुठी मुस्कान चेहरे पर खिल गयी। एक झूठी मुस्कान और एक बेजान जिंदगी लेकर चल रही थी रिया। हर एक झूठे पल के साथ उसका मन अंदर से कमजोर पड़ता जा रहा था और एक दिन वह पूरी तरह लाचार हो गया .रिया ने खुद के हाथ की