Pratishodh. book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pratishodh. is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. प्रतिशोध- - उपन्यास Saroj Verma द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 74 25.8k Downloads 74k Views 16 Likes Writen by Saroj Verma पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उपन्यास विवरण दूर पहाड़ों के बीच बसा एक राज्य जिसका नाम पुलस्थ है, धन-धान्य से परिपूर्ण, जहां की प्रजा के मुंख पर सदैव प्रसन्नता वास करती है,उस राज्य के राजा है हर्षवर्धन,जो आज पड़ोसी राज्य के राजा से युद्ध जीतकर आने वाले हैं,उनके स्वागत की तैयारियों में आज राजमहल की सभी दास दासियां ब्यस्त हैं और राजा की तीनों रानियां अपने अपने झरोखो पर खड़ी राजा के आने की प्रतीक्षा कर रहीं हैं।। More Interesting Options लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी Load More Best Novels of 2025 Best Novels of 2025 Best Novels of January 2025 Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of December 2024 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> पूर्ण उपन्यास Episodes Novels प्रतिशोध--भाग(१) New प्रतिशोध--भाग(१) दूर पहाड़ों के बीच बसा एक राज्य जिसका नाम पुलस्थ है, धन-धान्य से परिपूर्ण, जहां की प्रजा के मुंख पर सदै... Read Free Novels प्रतिशोध--भाग(२) New उधर गुरु कुल में__ चूड़ामणि...!तुमने अत्यन्त घृणित अपराध किया है, तुमने एक स्त्री को स्पर्श किया, आचार्य शिरोमणि बो... Read Free Novels प्रतिशोध--भाग(३) New रात्रि हुई सत्यकाम अपनी कुटिया में पड़े पुवाल से बने बिछावन पर लेट गया, परन्तु निद्रा उसके नेत्रों से कोसों दूर थी,उसकी... Read Free Novels प्रतिशोध--भाग(४) New सत्यकाम ने जैसे ही प्राँगण में प्रवेश किया तो ___ ये कैसी अवहेलना हैं, सत्यकाम! जब तुम अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं... Read Free Novels प्रतिशोध--भाग(५) New उधर माया अपनी इस जीत पर अत्यधिक प्रसन्न थीं, उसे स्वयं पर गर्व हो रहा था कि जैसा वो चाहती थीं, बिल्कुल वही हो रहा है, सत... Read Free Read all episodes on App //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>