Bhoot Ki Pooja book and story is written by Krishna Chaturvedi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bhoot Ki Pooja is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
भूत की पूजा. - उपन्यास
Krishna Chaturvedi
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
कन्हैया रोज की तरह तेज चाल से चला जा रहा था।चारो तरफ गहरा अंधेरा छाया था और बारिश रुकने का नाम नहीं ले रहा था उस दिन,पर कन्हैया को इससे कहा मतलब ,वो तो मस्त अपनी ही दुनिया में और मस्त था अपने आराध्य की भक्ति में।बारिश हो या तूफान उसे कोई फर्क नहीं अगर फर्क पड़ता तो वो उस मंदिर में नहीं जाने से जिसमें पिछले कई महीनों से वो लगातार बिना किसी दिन छोड़े जा रहा था।शहर के दूसरे छोर पर बसा वो मंदिर कम से कम आधे घंटे की दूरी पर था। कन्हैया उस दिन भी वो
कन्हैया रोज की तरह तेज चाल से चला जा रहा था।चारो तरफ गहरा अंधेरा छाया था और बारिश रुकने का नाम नहीं ले रहा था उस दिन,पर कन्हैया को इससे कहा मतलब ,वो तो मस्त अपनी ही दुनिया में ...और पढ़ेमस्त था अपने आराध्य की भक्ति में।बारिश हो या तूफान उसे कोई फर्क नहीं अगर फर्क पड़ता तो वो उस मंदिर में नहीं जाने से जिसमें पिछले कई महीनों से वो लगातार बिना किसी दिन छोड़े जा रहा था।शहर के दूसरे छोर पर बसा वो मंदिर कम से कम आधे घंटे की दूरी पर था। कन्हैया उस दिन भी वो
दो"बेटा दो दिन बाद तुम्हारा काउंसिलिंग है,तुमने बोला था देल्ही जाना है, कब निकलोगे।" कन्हैया की माँ बोली जब वो घर लौट कर आया। "हाँ माँ, टिकट बना लिया है, कल शाम को चार बजे ट्रेन है,आप कुछ खाने ...और पढ़ेबना देना रास्ते के लिए।" कन्हैया ने माँ से बोला। "ठीक है बेटा", कन्हैया की माँ ने बोला। " आज जल्दी मंदिर से आ गए। सब ठीक है ना? "माँ ने पूछा। " हाँ माँ सब ठीक है।बस आज मन नही लगा पूजा मे। "कन्हैया बोला। " इसकी वजह क्या है?क्या तुम्हारी तबियत ठीक नही है। "माँ ने पूछा" तबियत तो ठीक है माँ, पर