Shapit gudia book and story is written by Lalit Raj in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Shapit gudia is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
श्रापित गुड़िया जिसका भय एक गांव में है जिसकी वजह से बच्चे गायब हो जाते हैं इसलिए वहां एक इंस्पेक्टर की पोस्टिंग होती है और वो सुलझाता है उस गुड़िया का रहस्य लेकिन इस केस से उसकी खुद की ...और पढ़ेश्रापित हो जाती है।
जब शिवा और उमेश को लॉकर में वो गुड़िया नहीं मिली तो वो हैरत में थे कि वह गुड़िया आखिर गई कहाँइतने ही पल में पुलिस स्टेशन से बहार बाबा के जोर जोर से चिल्लाकर बोलने की आवाज आती ...और पढ़े" तूने अपने जीवन के विनाश का आरम्भ खुद शुरू कर दिया है अगर अभी तूने कुछ नहीं किया तो तू अपने परिवार को खोकर जीवन भर पछताता रहेगा" यह वो बाबा जोर जोर से बोल रहा था।शिवा और उमेश दोनों पुलिस स्टेशन से बहार आते हैं तो उनकी नजर बाबा पर पढती है तो वह देखते हैं कि वह
तमन्ना अपने चारों ओर अंधेरा पाती है और बहुत डरी हुई सहमी हुई बैठी थी,उसकी लम्बी लम्बी सांसें चल रही थी,तभी एक गुड़िया उसकी तलफ आती है और शैतानी मुस्कान से अपनी भयानक अवाज में तमन्ना से कहती है,आओ ...और पढ़ेआओ आओ न.......मै तो इतनी दूर से तुम्हारे साथ खेलने आई हूं औ तुम हो के मुझसे घबरा कर यहां छुपी हुई हो।तमन्ना घबराती हुई अवाज में कहती है,नहीं.. नहीं मुझे नहीं खेलना तुम डोल नहीं हो....फिर वो शैतानी गुड़िया उसके नजदीक आकर पूछती है,तो फिर मै कौन हूँ यह कहकर वो जोर से हसती है....उसकी भयानक हसी तमन्ना के
शिवा अपने घर का डोर बैल बजाता है और थोड़ी ही देर में दरवाजा खुल जाता है। शिवा जब दरवाजा खोलने वाले को देखता ही रह जाता है, सामने से जब दरवाजा खोलने वाला व्यक्ति शिवा को हवा में ...और पढ़ेफैराते हुऐ कहता 'हाय जीजू' सामने खड़ा व्यक्ति कोई और नहीं शिवा की साली थी और शिवा उसे देख कर हैरान होकर पूछता है " प्रिया तुम ,तुम कब आई। प्रिया ' जीजू आप तो बुलाओगे नहीं और मै अपनी भांजी का जन्मदिन भूल नहीं सकती। शिवा ' ठीक बहार खड़े रखने का इरादा है या फिर अंदर आने दोगे(शिवा