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शापित गुड़िया - भाग १

सीनियर इंस्पेक्टर "इंस्पेक्टर शिवा आपका ट्रांसफर होगया है"

शिवा " सर कहाँ हुआ मेरा ट्रांसफर "

सीनियर इंस्पेक्टर " यह है आपका ट्रांसफर लैटर इसमें सारी डिटेल है"
शिवा उस लैटर को पढता है जहां उसका ट्रांसफर हुआ है वो कोई काली पहाड़ी गांव है जिसके आसपास पूरा जंगल है।

शिवा अपने घर निकलता है और अपने घर पहुंचते ही अपनी पत्नी रीया से कहता है " रिया अब हमें सामान पैक करना होगा "
रिया " क्यों कही घूमने जाने का प्लान है"
इतने में शिवा की बैटी तमन्ना जो कि अभी ५ साल की है वो दौड़ती हुई आती है और शिवा उसे गोद मे उठा लेता है।

तमन्ना " डैडी डैडी हम कहीं घूमने जा रहे "
शिवा "नहीं बैटा मेरा ट्रांसफर होगया है "
शिवा रीया से कहता " चलो चलो अब सामान पैक करो "
रीया " ठीक है, ठीक है बाबा पर तमन्ना की पढाई का क्या होगा "
शिवा " देखा अभी तमन्ना की गर्मी की छुट्टी चल रही है तब तक तुम लोग मेरे साथ रहना और छुट्टीयाँ खतम होते ही शहर में पुलिस कालोनी में सिफ्ट हो जाना और वहां तमन्ना की पढाई भी आगे शुरू हो जाऐगी"

सरकारी गाड़ी से अगली सुबह पूरा परिवार उस गांव की तरफ निकल पड़ता है।

गाड़ी में रिया और तमन्ना पीछे बैठे होते हैं और इंसपेक्टर शिवा आगे डिराईवर के साथ बैठा होता है।

शिवा डिराईवर से पूछता है " क्या काली पहाड़ी गांव के बारे में जानते हो "
डिराईवर " सर मै जानता हूँ और आप मेरी बात माने तो वहां न जाये तो बेहतर है"

शिवा " क्यों वहां गुंडागर्दी जादा है या माफियाओं का अड्डा है"
डिराईवर " सर वहाँ ऐसा कुछ नहीं बल्कि वहाँ के लोग बहुत अच्छे हैं उनमें कोई भी भेद भाव नहीं है उनके बीच एकता है वो लोग सुख दुख में हमेशा एक दूसरे के साथ देते हैं।"

शिवा " तो फिर क्या प्रोब्लम है"
डिराईवर " श्रापित गुड़िया"
शिवा " क्या श्रापित गुड़िया कैसी बात कर रहे हो मतलब पूरा गांव एक गुडिया से डरता है"

डिराईवर " सर वहां ऐसे ही नहीं भेजा गया है वहाँ बच्चे लापता हो जाते हैं कहते हैं श्रापित गुड़िया मिलती है और उन्हें बसमें कर लेती है और फिर वो बच्चे कहा चले जाते हैं पता नहीं चलता "

शिवा " श्रापित गुड़िया का काम नहीं है ये किडनैपिंग है बच्चों की अगर ये गांव वालों के बच्चों को उठाते हैं इसका मतलब यहां जरूर स्मगलिंग का काम चल रहा और डर के लिऐ ये कहानी बना दी"

डिराईवर " सर आपका कहा सही तो आप उन्हें पकड़ ही लोगे लेकिन श्रापित गुड़िया का रहस्य सच में है क्योंकि अगल कोई इंसानी ताकत होती तो गांव वाले सक्षम है उनसे लड़ने के लिऐ और वो अबतक वो पता कर भी लेते क्योंकि ये पूरा जंगल उनका ही है अगर वो कोई है पर वो इंसानी ताकत नहीं रूहानी ताकत है जो उस श्रापित गुड़िया से जुड़ी है"

शिवा " अच्छा चलो ठीक है अभी कितना दूर और है बस अब पहूंचने वाले हैं।

रिया घबराहते हुऐ शिवा से कहती है " ये सच भी तो हो सकता है "
शिवा " तुम भी इसकी बातों में आगई ये ऐसा ही है ये मजाक ऐसे ही करता है क्यो हेना उमेश"
डिराईवर (उमेश) "सौरी मैडम"
रिया " सौरी के बच्चे पहूंचने दे फिर बताती हूँ।"

वो लोग पहुंच जाते हैं उमेश यहां ये सरकारी बंगला है जहां हमारे रहने की व्यवस्था है यहां आपकी सुरक्षा के लिऐ जक गेटमैन और मै हवलदार उमेश बाकी सभी लोग आपका पुलिस चौकी में इंतजार कर रहे हैं आप तैयार हो जाईये।

उमेश रिया की तरफ देखकर कहता है " फिर से सौरी मैडम क्योंकि रास्ता लम्बा था तो टाइम पास के लिऐ मजाक किया "
रिया " कोई बात नहीं उमेश "

शिवा तैयार होकर पुलिस चौकी निकलता है और गेटमैन ( बहादुर) से कहता है खयाल रखना।

शिवा उमेश से कहता है "चलो चले पुलिस चौकी "
उमेश " ओके सर"
शिवा रास्ते में उमेश से कहता है "तूने जो गुडिया वाली बात कही है वो रिया को पता न चले की वो हकीकत है।"
उमेश " जी सर"

शिवा और उमेश पुलिस चौकी पहुंच जाते हैं और जब शिवा पुलिस चौकी देखता है तो हैरान रह जाता है क्योंकि वो पुलिस चौकी कम कबाड़खाना जैसा लग रहा था।

शिवा वहां के पुलिस कर्मी पर चिल्लाता है " ये क्या तमाशा लगा रखा है सब कुछ ठीक करो, यहां कोई आयेगा तो क्या सोचेगा कि पुलिस चौकी सम्हाली जाती नहीं है हमारी हिफाजत क्या करेंगे।"

पुलिस कर्मी " सर माफ करना वैसे यहां पुलिस वाले ही आते हैं और कोई नहीं, गांव में जो घटना हो रही है उसमे पुलिस की जरूरत नहीं है बाबाओं की जरूरत है "

शिवा गुस्से से उसपर चिल्ला कर बोलता है " तुम्हारे जैसे पुलिस वालों की वजह से पुलिस बदनाम है चलो जल्दी पुलिस चौकी की हालत ठीक करो वरना तुम सबको सस्पेंड कर दुंगा समझे।"

सारे पुलिस कर्मी साफ सफाई में लग जाते हैं शिवा उमेश से कहता है " उमेश तुम इस गांव के मुखिया को बुलाकर लाओ "
उमेश " ओके सर "

उमेश गांव के मुखिया को लेआता है और शिवा उस्से पूछता है "अभी हाल ही में कोई घटना हुई है"
मुखिया " जी न साहिब , जो बच्चा गायब हुआ था उसे पूरा एक महा बीत गया"
शिवा " अच्छा ठीक है मुखिया जी जब जब बच्चे गायब हुऐ है और गायब होने के दिन बता देना "

उमेश सारी डिटेल्स लिख लेता जो जो मुखिया बताता है और शिवा को देदेता है शिवा उसे पढने लगता है और शिवा उमेश से मुखिया को छोड़ आने कह देता है।

शिवा पूरी डिटेल्स पढलेता है और उमेश मुखिया को छोड़ आता है फिर शिवा और उमेश बात करते हैं।

शिवा " सारी घटनाओं मे दो बाते कॉमन है"
उमेश " क्या सर"
शिवा " हर बच्चा पूर्णिमा को गायब हुआ है और सक यह की उस काली पहाड़ी मे एक गुफा और वहाँ एक चुडैल है जो अपने आपको जिंदा रखने के लिये बच्चों की बली चड़ाती है।"
फिर शिवा उमेश से कहता है तो फिर चलना होगा उस काली पहाड़ी की गुफा में।
उमेश घबराह कर बोलता " जी सर चलते है लेकिन कल सुबह चलते हैं अभी तो रात होने को है "

शिवा उसे समझाता है " घबराहो नहीं मै तुम्हारे साथ हूँ और कल सुबह अभी निकलना है।"

शिवा और उमेश निकल पढते हैं काली पहाड़ी की गुफा की तरफ और वहाँ जाने के रास्ते में घना जंगल पढने लगा जहां आगे गाड़ी नहीं जा रही थी तो गाड़ी छोड़कर वो पैदल आगे बढने लगे।

शिवा ने अपनी बंदूक तानली और उमेश से भी अलर्ट होने के लिऐ कह दिया और उमेश सोचता है " पता नहीं हर बार मेरी ही डियूटी इनके साथ क्यों पढती है और यह कि जान जोखिम डाले बगैर इनपर डियूटी नहीं होती"

तभी शिवा उमेश से कहता है " उमेश तुम्हें अफसोस होता होगा कि तुम्हारी डियूटी क्यों पढती है मेरे साथ पता है क्योंकि मै अपने साथ तुम्हें खुद डियूटी के लिऐ बोलता हूँ क्योंकि तुम्हारे जैसा ईमानदार हवलदार मिलेगा कहाँ"

उमेश दांत मिसमिसाते हुऐ " धन्यवाद सर के आपने मुझे इस काबिल समझा "

अब दोनो आगे बढते हैं घना झांडियों के बीच से और अब अंधेरा भी होचला था तव उमेश पुलिस टॉर्च को जलाया, फिर आगे बढते गये।

तभी अचानक उमेश एक गड्ढे में गिर जाता और शिवा तुरंत उसकी तरफ बढता है, शिवा गड्ढे में गिरे उमेश को हाथ देता है और उसे बहार निकालता है।

उमेश " धन्यवाद सर "
शिवा " चलो अब आगे बढते हैं"

शिवा जैसे ही आगे बढता है तो उसकी नजर नीचे पढती है क्योंकि शिवा को अपने पैरों के नीचे कुछ महसूस हुआ तो वो देखता है तो वो किसी बच्चे की चप्पल थी।

शिवा " हो ना हो वो गुफा यही आसपास है जो हमें दिखाई नहीं दे रही"
उमेश " बच्चे की चप्पल यहां पर है तो इसका मतलब यहीं कुछ है"

दोनों काली पहाड़ी के पास पहुंच तो गये लेकिन वो गुफा नहीं मिल रही होती है तभी एक लड़की की आवाज आती है " क्या ढूंढ रहे हो साहिब क्या हम आपकी कुछ मदत कर सकते हैं।"
वो लड़की बहुत खूबसूरत दिख रही थी उमेश की नजर उस्से हट ही नहीं रही थी कोई भी उसे देखे तो बस देखता रह जाऐ।

शिवा उस लड़की से पूछता है " ऐ तुम यहां क्या कर रही हो यहां इतना खतरा है और तुम यहां हो वो भी रात के समय कहीं तुम ही तो बच्चों को गायब करती हो"

इतने में वो लड़की बोल नहीं पाती और उमेश बोलता है " अरे सर आपको दिख नहीं रहा कितनी मासूम है ये कैसे बच्चे गायब करेगी"
शिवा उस लड़की को घूरता हुआ कहता है " अक्सर कुछ लोग मासूम बनने का दिखावा करते हैं ताकि वो गलत कामों को छुपा सके सच सच बता लड़की यहां क्यो आई है वरना गोली मार दुंगा"

वो लड़की डरती हुई बताती है " अरे साहिब यहाँ पास ही में एक जलाशय है तो हम पानी के लिऐ आऐ थे "

शिवा " दिन में आसकती हो रात में ही क्यों "
लड़की(उमेश की तरफ देखते हुऐ बोलती है) " अजी जब पानी खतम होगया हो तो आना ही पढेगा पूरी रात प्यासे थोड़ी न रहेंगे"

उमेश " जाने दो सर इसे आप कहो तो में छोडकर आओ रात है अकेली लड़की है "

शिवा " जब वो अकेले आ सकती है तो जा भी सकती "
फिर शिवा डांटते हुऐ उस लड़की से जाने की कहता है " जल्दी जाओ यहां से वरना गोली चलानी पढ सकती है "

वो लड़की घबराहकर कहती है " जाती हूँ साहिब गुस्सा मत करो"

और वो लड़की वहां से चली जाती है तब शिवा उमेश से कहता है " नजर रखना इसपर "
उमेश चेहर पर मुस्कान से उस लड़की को जाते हुऐ देखते हुऐ बोलता है " हा सर मै नजर रखुंगा "

शिवा " अब देख लिया हो तो चलें "
उमेश " ठीक है सर"
शिवा और उमेश को उस पहाड़ी पर कोई गुफा नजर नहीं और बच्चे की चप्पल मिलना इस बात का सबूत था कि बच्चे वहीं से गायब हो रहे हैं क्योंकि काली पहाड़ी से आगे रास्ता था ही नहीं ।
अब शिवा और उमेश वहां से निकल जाते हैं।

शिवा को उस लड़की पर सक होता है पर सक के बयां पर उसे पकड़ भी नहीं सकते, शिवा का सरकारी बंगला आजाता है और वो गड़ी से उतरता है और उमेश पुलिस चौकी पर रहने के लिऐ बोल देता है।

वो जब घर में जाता है तो उसकी बैटी तमन्ना भागती हुई आती है और गोद में चढ जाती है।

तमन्ना अपने डैड को किस करती है लेकिन शिवा का ध्यान वहीं था।
रिया देखकर हैरान थी की शिवा ने कई मामले सुलझाये लेकिन इतना सोचते कभी नहीं देखा।

रात में सभी के सो जाने पर रिया शिवा की पुलिस फाईल पढती है और उसे पता चलता है कि उमेश की कही बात सच है तो वो हैरान थी कि शिवा ने उस्से झूठ बोला ।

और अगली सुबह रिया अपना सामान पैक करती है और तमन्ना को साथ लेकर वो शिवा से कहती है " हमे अभी के अभी शहर छुड़कर आओ।"

तमन्ना " नहीं मुझे डैडी के पास रहना है"
शिवा तमन्ना को पास बुलाता है और कहता है " बैटा आप हमारे पास रहोगे तो माँ का खयाल कौन रखेगा "
तमन्ना " मै रखूंगी खयाल पर आप भी साथ चलो"
शिवा " मुझे यहाँ डियूटी करनी है यहां गांव वालों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है मुझपर है तो फिर मै सप्ताह में एक बार अपनी बैटी मिलने आया करूंगा और गिफ्ट लाया करूंगा ठीक है।"
तमन्ना " ठीक है"

शिवा उमेश को कॉल से बुलाता है, उमेश के आने के बाद वो रिया और तमन्ना को शहर में पुलिस कॉलोनी में छोड़ आने के लिऐ बोलता है।

उमेश तमन्ना और रिया को लेकर चला जाता है और शिवा अपने मोबाईल से ये चेक करता पूर्णिमा कब की है क्योंकि गांव के बच्चे उस श्रापित गुड़िया के सम्पर्क में आकर हर पूर्णिमा की रात को ही गायब होजाते हैं।

जब वो देखता है तो पता चलता है के पूर्णिमा की रात कल ही है ।

शाम हो जाती है वो शिवा पुलिस चौकी पर सबको एक साथ ये सूचना देया है की कल हमें पूरी रात गांव की हिफाजत करनी है एक भी बच्चा गायब नहीं होना चाहिए वरना पुलिस की नौकरी छोड़देना और हा कही भी वो गुड़िया दिखाई दे तो तुरंत बताना।

सभी पुलिस कर्मी " जी सर"

शिवा ये सोचता है " अब देखते हैं के कोई भी बच्चा कैसे गायब होता है उस्से पहले हम उसे पकड़ लेंगे ।"
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पुर्णिमा की रात गांव के चारो तरफ पुलिस फैल चुकी है शिवा पुलिस कर्मी से कहता है " जागते रहना हैं कोई प्रोब्लम न आने पाऐ सबको अलर्ट रहना हैं"
पुलिस कर्मी " यस सर"

आधी रात बीत जाने के बाद अचानक उमेश को वहीं लड़की दिखाई देती है और वो उसके पीछे पीछे चला जाता है, तभी शिवा की नजर उमेश पर पढती है और उमेश को आवाज लगाता है पर वो सुन नहीं पाता और वो लड़की के पीछे पीछे चला जाता है, शिवा भी उमेश की तरफ चला जाता है।

जंगल के बीच पहुंचते ही वो लड़की रूक जाती है और उमेश ठीक उसके पीछे थोडी दूरी पर खड़ा होता है और उसकी तरफ धीरे धीरे बढता पीछे शिवा आवाज लगाते हुऐ आ रहा था " उमेश उस लड़की से दूर रहना "

और अभी भी उमेश को आवाज सुनाई नहीं दी, इधर गांव में एक घर बच्चा निकलता है तो उसे बहार एक गुडिया दिखाई देती है वो गुड़िया बहुत ही सुंदर और आकर्षक थी बच्चा उसे देखते ही उसकी तरफ बढा।

शिवा अब उमेश के बिल्कुल पीछे था और उमेश बिल्कुल सामने वो लड़की शिवा उमेश पर हाथ रखता है और उमेश उस लड़की पर, लड़की पर हाथ रखते ही उसका शरीर बदलने लगा और उमेश डर जाता है वो पीछे मुड़ता है और शिवा के साथ खड़ा होजाता है।

इधर वो लड़का उस गुड़िया को उठा लेता और बिल्कुल ऐसे हो जाता है जैसे उस गुड़िया ने बस में किया हो वो जंगल की ओर बढने लगता है ।

शिवा और उमेश देखते है कि उसका शरीर पूरा इस तरह होगया जैसे दवी गली हुई लाश की तरह और वो लड़की जैसे ही मुडती है तो उसका भया भय चेहरा देख उमेश की आवाज चली जाती।

वो खूंखार चेहरा लाल आँखें और दांत टेड़े मेड़े और बिल्कुल लाल थे जैसे कि उसने किसी का खून पीया हो और वो उमेश की तरफ बहुत तेज गला फाडकर चिल्लाती है और उमेश बेहोश हो जाता है और तभी शिवा उस लड़की में गोली मार देता है और वो लड़की धूंऐ की तरह शिवा के ऊपर से निकल जाती है और तब शिवा उमेश को होस में लाता है ।

इधर बच्चा जंगल की तरफ चलते चलते काली पहाड़ी पहुंच जाता है और वहां उस पहाड़ी से एक पथ्थर हटता है और वो उसके अंदर चला जाता है ।

शिवा और उमेश गांव पहुंचते हैं और वहां देखते है कि वहां हड़कंप मचा होता है पता चलता है कि एक बच्चा गायब होगया है शिवा सभी पुलिस कर्मी से काली पहाड़ी की तरफ जाने के लिऐ कहता है ।

उनके साथ साथ वो गांव वाले भी चलते हैं सभी काली पहाड़ी पहुंच जाती है, शिवा को वो गुड़िया एक बढे पथ्थर के पास दिखती है और उसे उठा लेता है वो सभी से उस पथ्थर को हटाने की कहता है और सभी उस पथ्थर को हटाते है तो वो वहीं गुफा निकलती है जिसे कभी किसीने देखा नहीं और सभी उस गुफा में घुसने लगते हैं।

शिवा सबसे आगे था और वो थोड़ी दूरी तक पहूंचता है तो वहां बाकी सभी बच्चों के शव मिलते हैं जिनके वो बच्चे थे वो उस शव के पास रोने लगते हैं।

शिवा गुस्से से आगे बढता जाता है जब वो आगे देखता है कि वो चुडैल उस बच्चे को मार ही रही होती है वो उसमें गोली मार देता और अब वो देखता है कि वो गोली लगजाती है पर वो इस बार गायब नहीं हुई बल्कि उसे उस गोली का दर्द हो रहा था और बच्चा अपने माँ बाप के पास चला जाता है तभी एक गांव वाला कहता है " साहिब इसकी चोटी जला दो अभी ये कमजोर है क्योंकि इसे ताकत बली के बाद ही मिलती जो की वो रूक गई है।

सभी गांव वाले शिवा से कहते रहते हैं और वो चुड़ैल शिवा हाथ में जो गुड़िया थी उसकी तरफ देखती है और शिवा उस चुडैल की चोटी में आग लगा देता है और वो चुडैल तड़पने लगती है और थोडी देर में वो खतम हो जाती है।

गांव वाले शिवा का धन्यवाद करते हैं शिवा उमेश के साथ पुलिस चौकी की तरफ निकल आता है और उमेश को वो गुड़िया को देकर कहता है इसे लॉकर में रख दो।

गुड़िया को लॉकर में रख दिया जाता है और कुछ देर बाद उस लॉकर के खुलने की आवाज आती है उमेश शिवा वहाँ पहूंचते हैं तो देखते हैं कि लॉकर से गुड़िया गायब थी।


कंटीन्यू .......................श्रापित गुड़िया - 2


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