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शापित गुड़िया - भाग ३

तमन्ना अपने चारों ओर अंधेरा पाती है और बहुत डरी हुई सहमी हुई बैठी थी,उसकी लम्बी लम्बी सांसें चल रही थी,

तभी एक गुड़िया उसकी तलफ आती है और शैतानी मुस्कान से अपनी भयानक अवाज में तमन्ना से कहती है,

आओ न आओ आओ न.......मै तो इतनी दूर से तुम्हारे साथ खेलने आई हूं औ तुम हो के मुझसे घबरा कर यहां छुपी हुई हो।

तमन्ना घबराती हुई अवाज में कहती है,

नहीं.. नहीं मुझे नहीं खेलना तुम डोल नहीं हो....

फिर वो शैतानी गुड़िया उसके नजदीक आकर पूछती है,

तो फिर मै कौन हूँ यह कहकर वो जोर से हसती है....


उसकी भयानक हसी तमन्ना के चारों ओर गूंजती है और वो अपने कान बंद कर लेती है लेकिन वो झट से तमन्ना की गरदन पकड लेती और तमन्ना की तैज आवाज निकलती है,

डैडी...............

इधर शिवा नींद से उठता है और चिल्लाते हुऐ अपनी बेटी को आवाज लगाता है।


तमन्ना............

शिवा को एक आवाज सुनाई देने लगती है जो उसके पीछे से आ रही थी,

संसार में जो कुछ भी है वो सब प्रकृति के नियमानुसार चलते हैं लेकिन कुछ काली शक्तियां हैं जो इसके विरुद्ध चलती हैं और उन्हीं का सर्वनाश करने स्वयं भगवान शिव को आना होता है।

शिवा अपने पीछे की तरफ देखता है, यह वही बाबा होता है जिसकी बात शिवा ने नहीं मानी थी।

फिर शिवा अपना खाई की ओर फिसल कर गिरना याद आता है और वो फिर उस कमरे को देखता है जो साधू शंत का कमरा लग रहा था।

वो बाबा शिवा के सामने आता है और कहता है,

तुम यह सोच रहे हो के तुम फिसलकर खाई में गिरे लेकिन बच कैसे गये।

यह एक भ्रम था जो उस चुडैल ने बनाया था ताकि वो तुम्हें रोक सके, वो तुम्हें नहीं मार सकती बल्कि वो तुम्हारे पूरे परिवार को मारना चाहती है।

शिवा सवालिया नजरों से उस बाबा से कहता है, वो मुझे नहीं मार सकती ऐसा क्यों?

बाबा उसकी तरफ देखकर कहता है,

वो चाहती है कि उसका अस्तित्व खत्म न हो और आगे अपने वंश को देखना चाहती है और वो तुमसे चाहती है।

शिवा एक दम झटपटाते हुऐ बाबा से कहता है क्या मतलब?

बाबा थोड़ा मुस्कराया और शिवा से बोला।

जब पहली बार उस जंगल में गये थे तो वो तुम्हारे सामने एक सुंदर कन्या के रूप में आई थी।

शिवा कहता है, हा वो जब मै जंगल तहकीकात कर रहा था तब एक लड़की आई थी और पूछने पर उसने बताया वो जल भरने आई है।


बाबा कहता है, ये चुडैल अपना सुंदर रूप उन पुरुष के सामने रखती हैं जिनपर वो मोहित हो जाती है और उन्हें अपने वश में करके उनसे अपने वंश को जन्म देती हैं ताकी काली शक्तियों का सम्राज्य चलता रहे।

शिवा समझ चुका था, लेकिन वो बाबा से बेवस लाचार होकर कहता है कुछ भी करके मेरे परिवार को बचालो।

बाबा कहता है.....शिवा हिम्मत से काम लो तुम्हें अपने परिवार की खुद रक्षा करनी है और जाओ अपने परिवार के पास जाओ...और जरूरत पढने पर मैं तुम्हारे समक्ष हुंगा।


इतना कहते ही वो बाबा और वो जगह दोनों अद्रश्य हो जाती है और शिवा अपने घर के सामने होता है।


शिवा इस बात से खुश था कि वो अपने घर आ चुका है लेकिन वो यह सोच में था कि वो अपने परिवार की रक्षा कैसे करेगा।.........



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