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हूफ प्रिंट - उपन्यास
Ashish Kumar Trivedi
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
माने हुए व्यापारी किशनचंद भगनानी के बेटे मानस भगनानी की इंगेजमेंट श्वेता रामचंद्रन के साथ होती है। इस इंगेजमेंट की सुर्खियां सही तरह से मीडिया में फैलती उससे पहले ही मानस के स्टड फार्म हूफ प्रिंट पर एक लाश मिलती है। यह लाश उनके डिज़ाइनर मिलिंद तलपड़े की थी।
जाँच में शक की सुई मानस की तरफ ही घूमती है।
क्या सचमुच मानस कातिल था या कोई और ?
हत्या की वजह क्या थी ?
पढ़ें सस्पेंस से भरपूर क्राइम स्टोरी हूफ प्रिंट
माने हुए व्यापारी किशनचंद भगनानी के बेटे मानस भगनानी की इंगेजमेंट श्वेता रामचंद्रन के साथ होती है। इस इंगेजमेंट की सुर्खियां सही तरह से मीडिया में फैलती उससे पहले ही मानस के स्टड फार्म हूफ प्रिंट पर एक लाश ...और पढ़ेहै। यह लाश उनके डिज़ाइनर मिलिंद तलपड़े की थी।
जाँच में शक की सुई मानस की तरफ ही घूमती है।
क्या सचमुच मानस कातिल था या कोई और ?
हत्या की वजह क्या थी ?
पढ़ें सस्पेंस से भरपूर क्राइम स्टोरी...
माने हुए व्यापारी किशनचंद भगनानी के बेटे मानस भगनानी की इंगेजमेंट श्वेता रामचंद्रन के साथ होती है। इस इंगेजमेंट की सुर्खियां सही तरह से मीडिया में फैलती उससे पहले ही मानस के स्टड फार्म हूफ प्रिंट पर एक लाश ...और पढ़ेहै। यह लाश उनके डिज़ाइनर मिलिंद तलपड़े की थी।
जाँच में शक की सुई मानस की तरफ ही घूमती है।
क्या सचमुच मानस कातिल था या कोई और ?
हत्या की वजह क्या थी ?
पढ़ें सस्पेंस से भरपूर क्राइम स्टोरी
हूफ प्रिंट Chapter 3 इंस्पेक्टर अर्सलान ने सबसे पहले मानस के कॉल डिटेल निकलवाए। उनके हिसाब से बीते कुछ दिनों से मानस और मिलिंद के बीच कई बार फोन पर बात हुई थी। स्टड फार्म जाने से एक रात ...और पढ़ेउन दोनों के बीच लगभग तीस मिनट तक बात हुई थी। एसपी नताशा मानस की कॉल डिटेल देखकर बहुत खुश हुई। अर्सलान, एक रात पहले मानस और मिलिंद के बीच लगभग आधे घंटे बात होती है। अगले दिन मानस सत्तर किलोमीटर दूर अपने स्टड फार्म पहुँच जाता है। उसका कहना है कि वह बस ऐसे ही वहाँ गया था। पर
हूफ प्रिंट Chapter 4 इंस्पेक्टर अर्सलान अपनी एक टीम के साथ हत्या वाली जगह पर पहुँचा। उसने अपनी टीम को हिदायत दी थी कि वह ध्यान से पूरे इलाके को देखें। छोटी से छोटी चीज़ को भी नज़र अंदाज़ ...और पढ़ेकरें। जिस जगह वह पत्थर मिला था जिससे मिलिंद के सर पर वार हुआ था, उसके कोई पच्चीस मीटर दूर एक जगह पर बूट के निशान मिले थे। उसके साथ ही घोड़े के खुर का एक निशान भी था। बूट के निशान मानस के शू साइज़ से मिलते थे। पुलिस के पास मानस को घेरने के लिए पर्याप्त सबूत थे।
हूफ प्रिंट Chapter 5 मानस की कहानी सुनकर आकाशदीप लोंच में पड़ गया। जो कुछ मानस ने बताया था वह कत्ल के लिए एक सॉलिड मोटिव था। "मानस तुमने जो कहा वह तुम्हारे विरुद्ध जा सकता है। तुम कत्ल ...और पढ़ेजगह थे। मिलिंद तुम्हें ब्लैकमेल कर रहा था। इतनी बड़ी रकम की मांग कर रही था। यह काफी होगा कत्ल का इल्ज़ाम साबित करने के लिए।" "पर आकाशदीप मुझ पर यकीन करो मैंने मिलिंद को नहीं मारा।" "अच्छा ये बताओ कि जब मिलिंद ने एक करोड़ की मांग की तो तुमने क्या किया ? फिर तुमको इस बात का यकीन