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गुमनाम : Story to crime - उपन्यास
Urmi Chauhan
द्वारा
हिंदी जासूसी कहानी
आज रवि बहोत खुश नजर आ रहा था। उसका घर लाइट ओर गुब्बारों से सजा हुआ था। सब काम मे व्यथ थे।लगता है आज कोई खास बात है।दरसल आज रवि ने जन्मदिन है।आज वो पूरे 8 वर्ष का हो चुका था। उसके माता और पिता उसे भी ज्यादा खुश नज़र आ रहे है। माता सुनैना ओर पिता सुरेश को रवि बहोत प्यारा था। सादी के 5 में उसकी कोई संतान नही हुई। दोनो ने बहोत दवाई करवाई। दुआए की। मानते मांगी कर कोई असर नही हुआ। दो
आज रवि बहोत खुश नजर आ रहा था। उसका घर लाइट ओर गुब्बारों से सजा हुआ था। सब काम मे व्यथ थे।लगता है आज कोई खास बात है।दरसल आज रवि ने जन्मदिन है।आज वो पूरे 8 वर्ष का ...और पढ़ेचुका था। उसके माता और पिता उसे भी ज्यादा खुश नज़र आ रहे है। माता सुनैना ओर पिता सुरेश को रवि बहोत प्यारा था। सादी के 5 में उसकी कोई संतान नही हुई। दोनो ने बहोत दवाई करवाई। दुआए की। मानते मांगी कर कोई असर नही हुआ। दो
रवि को गुम हुए 3 घंटे हो चुके थे। अभी तक उसका कोई पता नही था। उसके सारे दोस्त और करीब के रिस्तेदारो को फोन करके पता कर चुके थे।पर कोई खबर न मिली।अब तो उन दोनों का भूरा ...और पढ़ेहो चुका था। अब तो उन्हें कुछ समझ मे नही आ रहा था। दोनो का रो रो के भूरा हाल हो गया था। वो दोनो पुलिस के पास गए ओर रोपॉर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने रिपोर्ट तो की पर अभी 24 घटे नही हुए थे ।तो पुलिस ने उन्हें अपनी ओर से सावधान
सुनैना बहोत आश्चर्य में थी। क्योंकि जब से चट्टी पड़ी तबसे सुरेश बहोत चिंता में लग रहे थे और पुलिस को भी उस मामले से दूर रहने को कहा। उसे कुछ भी समझ मे नही आ रहा था। वह ...और पढ़ेचिंतित हो गई। और सेरेश से पूछने लगी.. "मेरा रवि ठीक तो है..? क्या लिखा है चिठी में? उसने क्यों हमारे रवि को पकड़ा है..? इतना कहते ही सुनैना रोने लगती है और जमीन पे बेठ जाती है। सुरेश उसे चट्टी देता है। चट्टी पड़ते ही वो
सुरेश फोन उठता है। फोन मोहन का होता है।मोहन: कैसे हो..? ठीक होंगे..। अपने रवि से नही मिलना चाहते..?सुरेश: कहा है मेरा रवि ...उसे कुछ किया तो नही। क्या चाहते हो तुम..?मोहन: तुमारी बर्बादी..रवि को बचाना चाहते हो ...और पढ़ेशहर के बाहर के पुराना मकान है वहा चले आ ओ..ओर है पुलिस को खबर की तो अंजाम अच्छा नही होगा। सुरेश कुछ कहे उसे पहले मोहन ने फोन रख दिया।मोहन को बदला लेने की धुन सवार थी। वो रवि को मोहन के सामने मरना चाहता था। उसे तड़पता देखना चाहता