Shaurya Gathae book and story is written by Shashi Padha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Shaurya Gathae is also popular in जीवनी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
शौर्य गाथाएँ - उपन्यास
Shashi Padha
द्वारा
हिंदी जीवनी
(कैप्टन अरुण जसरोटिया, अशोक चक्र, सेना मेडल, निशाने पंजाब )
'संत सिपाही', विरोधाभास लगता है न आप सब को, कि हिंसक - अस्त्र-शस्त्रों के साथ शत्रु संहार की शिक्षा-दीक्षा लेने वाला, युद्ध के दाँव पेंच का दिन रात अभ्यास करने वाला सैनिक क्या संत भी हो सकता है? हो सकता है । 'महाभारत' के धर्मराज युधिष्ठिर, भीष्म पितामह, मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने तभी शस्त्र उठाए थे जब शत्रु को नष्ट करने के अलावा उनके पास और कोई विकल्प नहीं था। भगवद् गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है: -
(कैप्टन अरुण जसरोटिया, अशोक चक्र, सेना मेडल, निशाने पंजाब )
'संत सिपाही', विरोधाभास लगता है न आप सब को, कि हिंसक - अस्त्र-शस्त्रों के साथ शत्रु संहार की शिक्षा-दीक्षा लेने वाला, युद्ध के दाँव पेंच का दिन रात अभ्यास करने ...और पढ़ेसैनिक क्या संत भी हो सकता है? हो सकता है । 'महाभारत' के धर्मराज युधिष्ठिर, भीष्म पितामह, मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने तभी शस्त्र उठाए थे जब शत्रु को नष्ट करने के अलावा उनके पास और कोई विकल्प नहीं था। भगवद् गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है: -
( लांस नायक रमेश खजुरिया – शौर्य चक्र )
रमेश से मेरी पहचान उस सैनिक छावनी में जाने के एक दो दिन बाद ही हो गयी थी मेरे पति ने जिस दिन भारतीय सेना की विशिष्ट पलटन 1 पैरा ...और पढ़ेफोर्सेस के कमान अधिकारी का कार्य भार सम्भाला, उसी दिन से वो उनकी सिक्योरिटी गार्ड की टीम में नियुक्त हो गया दिन भर जब मेरे पति ऑफिस होते तो उसकी ड्यूटी भी वहीं होती और जब वे घर आते तो उनकी गाड़ी में भी उनकी सुरक्षा हेतु वह हमारे घर तक आता था वैसे शांतिकाल में सैनिक छावनियों में सुरक्षा की कोई आवश्यकता तो नहीं होती लेकिन पुराने नियमों के अनुसार अभी तक ऐसा ही चल रहा था
शौर्य गाथाएँ शशि पाधा (3) परम्परा ( नायक जगपाल सिंह, कीर्ति चक्र ) इतिहास साक्षी है कि युद्ध कितना भयानक होता है | आग, अँगार, बन्दूक, तोप, चीत्कार और हज़ार्रों की संख्या में जानहानि | द्वितीय विश्व युद्ध के ...और पढ़ेजापान के हिरोशिमा तथा नागासाकी नगरों पर परमाणु बम गिरने से लाखों लोगों की जाने गईं | ये नगर तो फिर से बस गए किन्तु परमाणु बम के वीभत्स परिणामों से कई भावी पीढ़ियाँ मानसिक एवं शारीरिक रोगों से त्रस्त रहीं| क्या इसके उपरान्त भी इस त्रासदी से युद्ध पिपासियों ने कुछ सीखा ? शायद नहीं | आज भी विश्व
शौर्य गाथाएँ शशि पाधा (4) एक और अभिमन्यु ( लेफ्टिनेंट सुशील खजुरिया, कीर्ति चक्र ) उन दिनों मैं अमेरिका में रह रही थी देश में रहो या विदेश में, सुबह उठते ही चाय के कप के साथ ...और पढ़ेपत्र पढ़ना पुरानी आदत है जो यहाँ साथ ही आ गई । अंतर केवल इतना है कि विदेश में हम लैप-टॉप खोल कर भारत के सभी समाचार पत्रों की सुर्खियाँ अवश्य पढ़ लेते हैं । उस दिन भी वैसा ही हुआ । जम्मू निवासी होने के कारण जम्मू-कश्मीर का दैनिक समाचार पत्र ‘डेली एक्ससेल्सियर’ खोला । मुख पृष्ठ पर जो चित्र
शौर्य गाथाएँ शशि पाधा (5) अखंड ज्योत ( नायक सूरज भान) भारतीय दर्शन में दैनिक प्रार्थना-आराधना, जप-पाठ का विशेष महत्व है| हम जीवन में जब भी बहुत प्रसन्न होते हैं या बहुत दुखी होते हैं, अपने -अपने इष्ट देव ...और पढ़ेशरण लेते हैं | शादी- ब्याह, जन्मदिन, तीज –त्योहार आदि सभी अवसरों पर हम अपने अपने धर्मानुसार पूजा आदि का आयोजन करते हैं |यहाँ तक कि असाध्य बीमारियों के निवारण के लिए भी हम भगवान से ही प्रार्थना करते हैं | हम भारतीयों को उस परम परमेश्वर की शक्ति में इतनी निष्ठा रहती है कि कभी कभी तो हम अपने