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भूत बंगला.... - उपन्यास
Sanket Vyas Sk, ઈશારો
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
"मैं उस बंगले में कभी भी रहने नहीं जाऊँगी। मेरे साथ वहाँ पर बहुत ही बुरी और अविश्वसनीय घटना घटी जिस पर तुम विश्वास ही नहीं करोगें" घबराते हुए प्राची ने अपने पति चेतन को कहा। चेतन उसे पूछने लगा "ऐसा तो तेरे साथ क्या हुआ जो तुम उस बंगले में आने का मना कर रही हो, हमने हमारे रहने के लिए तो वो खरीदा है, तो वहां हम रहने नहीं जाएँगे तो क्या वहां शैतान रहने जाएँगे ?" प्राची तुरंत ही चेतन से कहने लगी "हाँ वहां पर शैतान ही रहेंगे, रहेंगे नहीं बल्कि वहां वो रहते
"मैं उस बंगले में कभी भी रहने नहीं जाऊँगी। मेरे साथ वहाँ पर बहुत ही बुरी और अविश्वसनीय घटना घटी जिस पर तुम विश्वास ही नहीं करोगें" घबराते हुए प्राची ने अपने पति चेतन को कहा। चेतन उसे पूछने ...और पढ़े"ऐसा तो तेरे साथ क्या हुआ जो तुम उस बंगले में आने का मना कर रही हो, हमने हमारे रहने के लिए तो वो खरीदा है, तो वहां हम रहने नहीं जाएँगे तो क्या वहां शैतान रहने जाएँगे ?" प्राची तुरंत ही चेतन से कहने लगी "हाँ वहां पर शैतान ही रहेंगे, रहेंगे नहीं बल्कि वहां वो रहते
जोकी हमने आगे भाग १ में देख लिया कि हमारी कहानी में चेतनने प्राची को उस बंगले में पूजा-वीधी और उस समय जो कपडे थे पूराने उसे जलाने की बात कर रहा था अब आगे की कहानी..... ...और पढ़े चेतन प्राची को समझाते हुए कह रहा है की "उस समय हमारे घर में मतलब उस बंगले में जो भी पुराने कपड़े जो तूने पहने थे वो भी, चद्दर और जो भी संदेहास्पद चीज़ है वो जलाने को इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि जब तूने उस बुरी चीज़ को देखा तब हो सकता है कि उसका बुरा साया वो
आगे कहानी में देखा की चेतन प्राची को उस समय के कपडो को निकालकर रखने का कह कर सीधा उस बंगले पर पहुँच जाता है और वहा पर पहले से सब सामान तैयार है और कोई घुंघराले बडे बाल, ...और पढ़ेदाढी रखे हुए दो लोग थे जो अपने हाथ में झोली पकडे हुए और भाल पर भभूती तिलक किया हुआ था।..... अब आगे जैसे प्राची को चेतन पर शक हो गया था की जो बंदा पूरा नास्तिक था वो अचानक ही भूत-प्रेत, पूजा-वीधी ये सब मे मानने लगा है, तो ऐसा तो उसके
आगे हमने भाग ३ में देखा की चेतन वो तांत्रिक की बातें और उनके प्लान में बूरा फँस चुका है और वो चेतन को अमावस्या को पूजा-वीधी करेंगे एसा कहता है... अब आगे अमावस्या ...और पढ़ेअगले दिन चेतनने तडामार तैयारी कर दी और सीधा वो फिर प्राची के घर बाईक पर जा रहा था तब बीचमें कोई दादीमां जो रोड क्रॉस कर रहे थेउनको दिक्कत होती देख बाईक खडी करके वो दादीमां को रोड क्रॉस करवाने मे मदद करने गया, उनके पास जाकर चेतन दादीमां से कहने लगा, "दादीमां मैं आपकी मदद करता हूँ आप मेरा हाथ
आगे भाग ४ में हमने देखा की पूजा-वीधी चालू थी तभी ही बीचमें प्राची को धूपसली के धुए में आत्मा कुछ दिखाती हैं तो प्राची वहा से खडी हो जाती हैं तो वो तांत्रिक टेन्सन में आ जाते है ...और पढ़ेअब आगे... एसा होने पर दोनो तांत्रिक टेन्सन में तो आ जाते हैं और वो चेतन को बारी-बारी कहते है की, "चेतनजी कुछ करके उनको पूजा में साथ में बिठवाओ वरना हम कुछ भी नहीं कर पाएँगे।" मगर उस समय चेतन कहता हैं कि, "कोई दूसरा उपाय बताओ जिससे ये जो हुआ था वो फिर से