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भूत बंगला.... - भाग ३

आगे कहानी में देखा की चेतन प्राची को उस समय के कपडो को निकालकर रखने का कह कर सीधा उस बंगले पर पहुँच जाता है और वहा पर पहले से सब सामान तैयार है और कोई घुंघराले बडे बाल, लंबी दाढी रखे हुए दो लोग थे जो अपने हाथ में झोली पकडे हुए और भाल पर भभूती तिलक किया हुआ था।..... अब आगे

जैसे प्राची को चेतन पर शक हो गया था की जो बंदा पूरा नास्तिक था वो अचानक ही भूत-प्रेत, पूजा-वीधी ये सब मे मानने लगा है, तो ऐसा तो उसके साथ क्या हुआ वो जानने के प्रयास हेतु जुट जाती हैं। चेतन के करीबी दोस्तों और चाचा जो सबसे ज्यादा करीबी थे सभी को फोन करके चेतन के बारे मे जाँच-पडताल करती हैं मगर कहीं से भी जानकारी न मिलने पर वो थोडी परेशान हो जाती हैं।
वहां बंगले पर चेतन वो दो बंदो के साथ कुछ बात करता है, "हमने जो भी वहां स्मशान में तय किया है उसी ही तरह इस बंगले में ये सब पूजा-वीधी होनी चाहिए, कुछ भी गडबड नहीं होनी चाहिए। दोनो बंदे चेतन को प्रणाम करते हैं और कहते है, "जरुर से आपने जैसे कहा उसी तरह से हमारी पूजा-वीधी होंगी। चेतनजी हमें जो भी काम करना है उसे ईसी अमावस्या को ही करना पड़ेगा वरना हम और हमारी फेमिली कही की रहेंगी नही, पूरी ज़िन्दगी सब परेशान ही रहेंगे। (दरअसल चेतन हररोज रात को वो दो बंदो के साथ स्मशान में जाकर तांत्रिक वो धी सिखने जाता था, वो सब प्राची को कुछ भी मालूम नहीं था। ( वो पहले तो नास्तिक था मगर एक दिन कोई बाबाने उसको कोई अभिमंत्रित किए हुए जल का छंटकाव किया जिससे उसको तांत्रिक बनने की इच्छा स्फुरित हो ऐसा कुछ करके अभिमंत्रित किया हुआ था। चेतन को उसके बारे मे कुछ भी मालूम नहीं था क्योंकि उनकी सब हरकत भी सामान्य व्यक्ति जैसी थी। जो दो तांत्रिक उसके बंगले मे आए थे वो बडी साधना करने वाले थे उनको कोई लड़की की बली चाहिए थी जो वो ईस चेतन के जरिए ही लाना चाहते थे और ये बली देने वाला प्लान पूजा-वीधी करके सब चेतन ने बंगला लिया तभी उन सब तांत्रिक के द्वारा हो चुका था और चेतन भी उस प्लान में फंस गया था। ) चेतन ने उस बंगले मे पहुँच कर वो तांत्रिक ने जो प्लान किया था उस के हिसाब से सभी काम करने लगा और पूजा-वीधी की तैयारी कर दी।। फिर उन तांत्रिक ने अमावस्या की रात को विधी करने की जानकारी के बारे मे बताते हुए कहा "चेतनजी यह जो आत्मा आपके घरमें दिन को दिखती है या फिर जो दिखी थी वो सिर्फ अमावस्या को ही सभी के सामने आ पाएगी और उसकी जो भी इच्छा हो वो पूरी करने मे ही हमारी भलाई रहेंगी।" एसा बोल कर तांत्रिक ने चेतन को भ्रमित तो कर दिया मगर चेतन उसके बारे मे ज्यादा ही ऊँडा उतर गया था और वो उस बंगले मे पूजा करवाने को बहुत ही उतावला था। जल्दबाजीभी कैसे करता क्योंकि तांत्रिक ने बताया था की ये पूजा हमे अमावस्या को ही करनी हैं।
- संकेत व्यास (इशारा)

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