Durgadas book and story is written by Munshi Premchand in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Durgadas is also popular in लघुकथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. दुर्गादास - उपन्यास Munshi Premchand द्वारा हिंदी लघुकथा 15 7.3k Downloads 18.7k Views 14 Likes Writen by Munshi Premchand पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उपन्यास विवरण दुर्गादास एक उपन्यास है जो एक वीर व्यक्ति दुर्गादास राठौड़ के जीवन पर मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित है। इसे एक वीर गाथा भी कह सकते हैं जिससे हमें कई सीख मिलती है। यह बाल साहित्य के अंतर्गत आता है तथा इसके मुख्य प्रकाशक भारतीय ज्ञानपीठ है। जोधपुर के वीर सेनापति आशकरण के पुत्र दुर्गादास तथा जसकरण थे सन् 1605 में धोखे से आशकरण की मृत्यु के बाद महाराज यशवंत सिंह नें दुर्गादास तथा अपने पुत्र पृथ्वी सिंह को लाड से पाला। औरंगजेब के कहनें पर महाराज दक्खिन की सुबेदारी पर चले गए, दुर्गादास को साथ लिया और पृथ्वीसिंह को राज्य में छोड़ दिया। दक्खिन के राजा शिवाजी से यशवंतसिंह की दोस्ती के बाद मुगल वहां सुरक्षित हो गए। फिर औरंगज़ेब ने राजा को काबुल भेजा तथा वहाँ के मुसलमानों से लड़ते हुए दो राजकुमार मारे गए। वहाँ मारवाड़ से औरंगज़ेब ने पृथ्वी सिंह को भी दिल्ली बुलाकर मार डाला। और मारवाड़ पर कब्जा कर लिया। इधर बच्चों के मरने से जसवंतसिंह का भी देहावसान हो गया। राजा नें मरने से पहले कहा था कि उनकी दो पत्नी भाटी और हाड़ी गर्भ से थीं तथा वह उन्ही के संतान को राजा बनाना चाहते थे। राजा के साँथ इन दोनों रानियों को छोड़कर सब सती हो गए। रानी का बच्चा पैदा हुआ जिसका नाम अजीत रखा गया, दूसरे दिन हाड़ी का भी बच्चा पैदा हुआ जिसका नाम दलथम्भन रखा। दिल्ली जाते जाते दलथम्भन ठण्ड से मारा गया वहाँ औरंगज़ेब नें राजकुमार अजीत को दिल्ली में रखने की बात कही। दुर्गादास नें आनंददास खेची के साथ राजकुमार को डुगबा नामक गाँव में जयदेव ब्राह्मण के घर भेज दिया। औरंगजेब नें कोतवाल भेजे और दोनों रानियों नें आत्महत्या कर ली। लड़ाई में जो बचे थे वे दुर्गादास के साँथ रानियों का शव लेकर चले और आबू की पहाड़ियों में दाह क्रिया की। सब लोग ब्राह्मण के यहाँ गए और एक दिन बाद सब कल्याणगढ़ दुर्गादास के घर चले गए वहाँ दुर्गादास की बूढ़ी माँ तथा उसका भाई जसकरण और उसका बेटा तेजकरण था। बादशाह नें जसवंतसिह के भतीजे के कहने पर यह फरमान जारी किया कि सारे राजपूतों को जिंदा या मुर्दा पकड़ के लाओ। सब राजपूत भागे, इधर दुर्गादास सोनिंगी के साथ आवागढ़ चले गए वहाँ शोनिंगी नें एक संदुकची देते हुए बोला यह राजा का दिया हुआ है, इसे मैं सुरक्षित नही रख सकता इसे तुम ले लो तथा जोधपुर में जो युवक राजा बनें उसे दे देना, खोलना मत! More Interesting Options लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी Load More Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of 2023 Best Novels of 2023 Best Novels of January 2023 Best Novels of February 2023 Best Novels of March 2023 Best Novels of April 2023 Best Novels of May 2023 Best Novels of June 2023 Best Novels of July 2023 Best Novels of August 2023 Best Novels of September 2023 Best Novels of October 2023 Best Novels of November 2023 Best Novels of December 2023 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> पूर्ण उपन्यास Episodes Novels दुर्गादास अध्याय 1 New दुर्गादास एक उपन्यास है जो एक वीर व्यक्ति दुर्गादास राठौड़ के जीवन पर मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित है। इसे एक वीर गाथा भी... Read Free Novels दुर्गादास अध्याय 2 New दुर्गादास एक उपन्यास है जो एक वीर व्यक्ति दुर्गादास राठौड़ के जीवन पर मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित है। इसे एक वीर गाथा भी... Read Free //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>