kya yahi pyaar he book and story is written by Deepak Bundela AryMoulik in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. kya yahi pyaar he is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
क्या यही प्यार है - उपन्यास
Deepak Bundela AryMoulik
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
क्या यही प्यार है.....? क्लास नॉर्सरी से आठवीं तक की पढ़ाई में काफ़ी नियम और क़ानून थे, वजह ये थी कि स्कूल स्वामी दीपनंद जी का था जिन्होंने समाज में अपनी छवि महान साध्विक जीवन जी कर बनाई थी उनके अनुयायी लाखों में थे और है भी स्कूल भारती निकेतन जो उसूलों और संस्कारो में पक्का भारतीय..... सुबह 7 बजे स्कूल शरू होता था जिसमें सबसे पहले बन्दे मातरम और फिर हनुमान चालीसा मौजूदा शिक्षक शिक्षिकाओं को भैयाजी और दीदी कहा जाता था वही सहपाठिकाओं को बहन और दीदी..... आठवीं के बाद नए स्कूल में पहुँचे जहाँ का माहौल बेहद बदला था
क्या यही प्यार है.....? क्लास नॉर्सरी से आठवीं तक की पढ़ाई में काफ़ी नियम और क़ानून थे, वजह ये थी कि स्कूल स्वामी दीपनंद जी का था जिन्होंने समाज में अपनी छवि महान साध्विक जीवन जी कर बनाई थी ...और पढ़ेअनुयायी लाखों में थे और है भी स्कूल भारती निकेतन जो उसूलों और संस्कारो में पक्का भारतीय..... सुबह 7 बजे स्कूल शरू होता था जिसमें सबसे पहले बन्दे मातरम और फिर हनुमान चालीसा मौजूदा शिक्षक शिक्षिकाओं को भैयाजी और दीदी कहा जाता था वही सहपाठिकाओं को बहन और दीदी..... आठवीं के बाद नए स्कूल में पहुँचे जहाँ का माहौल बेहद बदला था
क्या यहीं प्यार हैं भाग-2 में ज़री है... दो दिन बाद शाबा के खत में कहे लफ्ज़ो के मुताबिक मै स्टेशन पहुंच गया था, उसदिन कई गाड़िया स्टेशन पर आई रुकी और अपनी मंज़िल के लिए गुज़र गई शाम ...और पढ़ेचली थी लेकिन शाबा का पता नहीं था. मै न चाह कर भी घर की और चल दिया.... शाबा के घर पर ताला लगा था. तब यकीन हुआ कि वो आज नहीं आयी.... मन और दिल उसके आने की अगुआई में कल की योजना में लग गया.... और ऐसे ही हर रोज़ सिल सिला चलता रहा... और देखते देखते महीनों फिर साल गुज़र
भाग 3 "क्या यही प्यार हैं "रात के बारह बज चुके थे.... मेरी दास्तां सुनकर हबलदार की हालत सुमेर की हालत पतली दिखाई एक बाबरी का मसला कम था जो तू अपने बाबरे अरमानो को लेके यहां आ ...और पढ़ेअब कौनसा दंगा कराएगा तू... तो क्या सारी गलती मेरी हैं.. उसकी कोई नहीं.... जब मै प्यार व्यार के बारे मेँ कुछ भी नहीं जनता था तब उसने मुझें प्यार का ये रास्ता दिखाया.... तो फिर तू क्या चाहता हैं..? बस मै उससे मिलकर इतना पूछना चाहता हूं के उसने ऐसा क्यों किया...? मै ऐसे नहीं जाऊंगा.... ठीक हैं तो तू सच्चाई जाने बगैर नहीं जायेगा..? बिलकुल.... चल
खबरी... ये बतायेगा...क्या बात हैं मुन्ना भाई बतलाइये ना.... मेरी शाबा के बारे में....?मैने मुन्ना के हाथों को पकड़ते हुए कहा था.....सर ये तो बुखार में तप रहा हैं.....ऐसे में इसको जानकारी देना ठीक रहेगा......मुन्ना ने सुमेर को देखते ...और पढ़ेबोला था.....सुमेर फौरन बेड़ से उठते हुए मुझे अपनी तरफ खीचते हुए बोला....औ.s.s.s.... बावरे इश्क के मरीज तूतो भौत इ तप रहा हैं...? फिर कैसे सुणेगा ...अ..आप बेफिक्र रहो मुझे कुछ नही होगा आप मुझें शाबा के बारे में बताओं.....क्या जानकारी हैं...? मैनें सुमेर से गिड़गिडाते हुए पूछा था.... समुेर ने मुन्ना को इशारा करते हुए कहां ....अब बता दे