Aakhri prayas book and story is written by Lokesh Dangi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aakhri prayas is also popular in लघुकथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
आखिरी प्रयास - उपन्यास
Lokesh Dangi
द्वारा
हिंदी लघुकथा
एक समय की बात है। एक राज्य में एक प्रतापी राजा राज करता था। एक दिन उसके दरबार में एक विदेशी आगंतुक आया और उसने राजा को एक सुंदर पत्थर उपहार में दिया। राजा वह पत्थर देख बहुत प्रसन्न हुआ। उसने उस पत्थर से भगवान विष्णु की प्रतिमा का निर्माण कर उसे राज्य के मंदिर में स्थापित करने का निर्णय लिया और प्रतिमा निर्माण का कार्य राज्य के महामंत्री को सौंप दिया।
एक समय की बात है। एक राज्य में एक प्रतापी राजा राज करता था। एक दिन उसके दरबार में एक विदेशी आगंतुक आया और उसने राजा को एक सुंदर पत्थर उपहार में दिया। राजा वह पत्थर देख बहुत प्रसन्न ...और पढ़ेउसने उस पत्थर से भगवान विष्णु की प्रतिमा का निर्माण कर उसे राज्य के मंदिर में स्थापित करने का निर्णय लिया और प्रतिमा निर्माण का कार्य राज्य के महामंत्री को सौंप दिया।महामंत्री गाँव के सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकार के पास गया और उसे वह पत्थर देते हुए बोला, “महाराज मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं।
एक व्यापारी था । वो गांव में रहता था । उसे भगवान् पर बड़ी आस्था थी । एक दिन वो शहर से अपने गांव जा रहा था । वो बस से उतरकर पैदल अपने घर की तरफ चल रहा ...और पढ़े। उसे रास्ते में एक बड़ा चमकीला पथ्थर मिलता है ।व्यापारी को वो पथ्थर अच्छा लगता है और वो उसे अपने साथ लेकर घर पहुँचता है । वो भगवान् पर बड़ी आस्था रखता था उसलिए उसने सोचा की में यह पथ्थर से भगवान् की मूर्ति बनवाऊंगा । वो दूसरे ही दिन एक मूर्तिकार के पास पहुँचता है और फिर उसे
एक बार एक आदमी किसी पहाड़ी की चोटी पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था ,, वह बहुत बार कोशिश करता लेकिन थोडा ऊपर जाने के बाद अचानक निचे आ जाता | उसने काफी हाथ पैर मरे लेकिन वह ...और पढ़ेउस पहाड़ी पर चड़ने में हर बार असमर्थ हो जाता था ,, लेकिन उसका केवल एक ही लक्ष्य था ,, की किसी भी हाल में इस पहाड़ी की चोटी पर चदकर दिखाना हैं ||उसी रास्ते से जाने वाले लोग उस आदमी को देखकर कहते ,, कि तुम पागल हो गये हो ,, ये कोई इतना आसान रास्ता नहीं हैं ,,