Aahan Prem ka book and story is written by Choudhary SAchin Rosha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aahan Prem ka is also popular in कविता in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
आह्वान प्रेम का - उपन्यास
Choudhary SAchin Rosha
द्वारा
हिंदी कविता
आह्वान प्रेम का1. तेरी यादों को मैं कितना भुलाऊं,बेझिझक चली आती है चाहे मैं बुलाऊं या न बुलाऊं और हाल दिल का तुझे मैं क्या बताऊं अब रहा नहीं जाता, तुझसे मिलने का बेसब्री से दिल चाहताछोड़ हठ अपनी, आ अब मिलते है, गुल बनकर खिलते हैजो उजाड़ा था चमन हमने,आ फिर से उसमें प्रेम के रंग भरते हैकहानी अधूरी है हमारी,आ उसे पूरी करते हैआ उसे पूरी करते है। Rosha 2. कुछ तुम कहोगी,कुछ तुम पूछोगी इसी प्रतीक्षा में मैंने रात बिता दी।मेरी याद तुम्हें भी तो आती होगी,उन यादों की गोद में तुम भी तो कभी सोती होगी,
आह्वान प्रेम का1. तेरी यादों को मैं कितना भुलाऊं,बेझिझक चली आती है चाहे मैं बुलाऊं या न बुलाऊं और हाल दिल का तुझे मैं क्या बताऊं अब रहा नहीं जाता, तुझसे मिलने का बेसब्री से दिल चाहताछोड़ हठ अपनी, ...और पढ़ेअब मिलते है, गुल बनकर खिलते हैजो उजाड़ा था चमन हमने,आ फिर से उसमें प्रेम के रंग भरते हैकहानी अधूरी है हमारी,आ उसे पूरी करते हैआ उसे पूरी करते है। Rosha 2. कुछ तुम कहोगी,कुछ तुम पूछोगी इसी प्रतीक्षा में मैंने रात बिता दी।मेरी याद तुम्हें भी तो आती होगी,उन यादों की गोद में तुम भी तो कभी सोती होगीइसी
आह्वान प्रेम का 1. बड़े शातिर हो तुम, जोयूं जा रहे हो मुझे इश्क की लत लगाकरपर क्या जताना चाहते हो,अपना ख्याल रखना अब मुझे यह कहकरकि फिक्र करते हो मेरे लिएमेरी फिक्र की तुम फिक्र ना करोतेरी याद ...और पढ़ेमेरी तन्हाई काफी है मेरे लिए Rosha 2. दर्द कितना इस दर्द–ए–दिल में जानना चाहते हो तो आओ, बैठो कभी हमारी भी महफिल में Rosha 3. हर दिन की तरह ही मैं तुझे आज भी याद करता हूंवह इश्क तेरा, यह इश्क मेराहै इश्क क्या इस पर कुछ बात करता हूंबड़ी कशमकश के बाद हिम्मत हुई है कुछ कहने की,तो