Sunsaan Raat book and story is written by Sonali Rawat in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sunsaan Raat is also popular in आध्यात्मिक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
सुनसान रात - उपन्यास
Sonali Rawat
द्वारा
हिंदी आध्यात्मिक कथा
चुड़ैल ? चुड़ैल क्या होती हैं ? बता सकता है तुम में से कोई क्या होती है यह चुड़ैल ? मैंने अपने दोस्तों से पूछा
मुझे याद है यह उस दिन की बात है जब हम दोस्त मिलकर पूस की रात में जलते हुए अलाव के आगे बैठे हुए थे, हवा इतनी ठंडी चल रही थी कि हड्डियाँ तक गल जाए वो तो उस अलाव का सहारा था जो ठंड का तनिक भी एहसास नहींं होने दे रहा था।
साथ में जलते हुए अलाव से आती, जलती हुई लकड़ियों के चड़ चड़ाने की आवाज हमारे कानों को चीरती हुई हमें डराने की कोशिश कर रही थी, पर हम मिलकर सुबह होने का इंतजार कर रहे थे और यह रात कैसे भी कट जाए, इसलिए हम बातें करके अपना समय व्यतीत करने लगे।
हम रात में इतनी ठंड में वहाँ क्यों थे ? हम कौन थे ?
जिस जगह पर हम थे, वो जगह बैंगलोर-मैसूर हाईवे पर थी, बिल्कुल सुनसान , अनजानी सी, हाईवे के साथ मुख्य सड़क से बिल्कुल सटी हुईलेकिन सड़क पर वाहनों की आवा-जाही शून्य थीफिर हम यहाँ पहुँचे कैसे ?
चुड़ैल ? चुड़ैल क्या होती हैं ? बता सकता है तुम में से कोई क्या होती है यह चुड़ैल ? मैंने अपने दोस्तों से पूछामुझे याद है यह उस दिन की बात है जब हम दोस्त मिलकर पूस की ...और पढ़ेमें जलते हुए अलाव के आगे बैठे हुए थे, हवा इतनी ठंडी चल रही थी कि हड्डियाँ तक गल जाए वो तो उस अलाव का सहारा था जो ठंड का तनिक भी एहसास नहींं होने दे रहा था। साथ में जलते हुए अलाव से आती, जलती हुई लकड़ियों के चड़ चड़ाने की आवाज हमारे कानों को चीरती हुई हमें डराने
मैंने कहा देख ले भाई, कोई नहींं जा रहा है वहाँ से, कही कोई मुसीबत ना आ जाये,गुल्लू हंसने लगा बोला अरे कोई भूत प्रेत नहींं आएगा क्यों डरता, हरीश है ना अपने साथ, इसकी आवाज़ से अच्छे अच्छे ...और पढ़ेप्रेत डर कर भाग जाएंगे, और फिर हम तीनों जोर से हँसने लगे और मैंने गाड़ी बायपास की तरफ मोड़ ली।अभी कुछ 10 , 20 किलोमीटर ही चले होंगे कि गाड़ी फिर झटके मार कर रुक गयीगुल्लू बोला अब क्या हुआ?चला ना आराम सेमैंने बोला, होना क्या है, पेट्रोल खत्म, ये हरीश के काम ऐसे ही होते है, इसको बोला
ऐसे ही चलते चलते हम काफी दूर आ चुके थे, लगभग 4, 5 किलोमीटर धक्का लगाने के बाद हम तीनों थक चुके थे, हमने सोचा गाड़ी में बैठकर आराम करते है, और तीनों गाड़ी में बैठ गए, ठंड बहुत ...और पढ़ेपूरी गाड़ी बन्द करने के बाद भी कँपकँपी नहींं रुक रही थी। तभी हरीश बोला चलो बाहर अलाव जलाकर आग सेंकते है, ऐसे तो गाड़ी में कुल्फी जम जाएगी हमारी, रात काफी हो चुकी थी करीब 12 से 1 बजे के बीच का वक्त रहा होगाहम गाड़ी से बाहर निकले सड़क से नीचे उतर कर एक कोने में जगह ढूंढ़ी
ये पुरुषों को सुंदर महिला बनकर लुभाती हैं और उनका खून चूसकर अपनी उम्र को बढ़ाती हैंइतने में गुल्लू बोला कि डायन भी तो यही करती हैं पुरुषों को अपने वश में करती हैं तो क्या डायन और चुड़ैल ...और पढ़ेही चीज हैं।हरीश बोला अरे नहींं चुड़ैल और डायन में अंतर होता हैं, चुड़ैल तो मैंने जैसे बताया कि मरने के बाद बनती हैं, पर डायन जो होती हैं वो एक ज़िंदा स्त्री होती हैं, वो अपने तंत्र मंत्र काले जादू से पुरुषों को अपने वश में करती हैं इसलिए तुमने सुना भी होगा कि कई जगह एक औरत को
हरीश बोला – एक साथ इतने प्रश्न, सबका जवाब देता हूं।जब भी खाना खत्म होता तो उसके परिवार का ही कोई सदस्य वहां भेड़ बकरियां बांधकर आता था, वो दिन में ही जाता था और सूरज छिपने से पहले ...और पढ़ेआ जाता था।मैंने कहा दिन में चुड़ैल नहींं आती क्या ?हरीश बोला हाँ भाई चुड़ैल सूरज की रोशनी सहन नहींं कर सकती हैइसलिए वो रात में ही बाहर आती है।अच्छा एक बात समझ नहींं आई कि ये कब्रिस्तान की दीवार पर नाले बा क्यों लिखते थे, गांव में तो सबको पता ही होगा फिर क्या जरूरत आ गई ? गुल्लू