Mumbai book and story is written by Komal Mehta in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mumbai is also popular in लघुकथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मुंबई - उपन्यास
Komal Mehta
द्वारा
हिंदी लघुकथा
अखिर क्या व्याख्या है हमारे मुंबई की।
मेरे मुंबई को यू तो सपनों की नगरी से जाना जाता है। ये नगरी में इंसान कभी भूखा नहीं रहेगा लेकिन रहने को छत नहीं है।यहां की मानो बाकी शहरों के मुकाबले कुछ ज्यादा ही तेजी से चलती है।
आज मे बताती हु आपको मेरी कहानी....
मेरा अब तक का सफर...
तो चलो चलते है ये सफर की ओर...।
एक लड़की थी दीवानी सी, मुंबई नगरी पर वो मरा करती थी.
उसे कुछ बनना था, अपना नाम बनना था, और उसे लगता था कि वो सब कुछ मुंबई जाके की पा सकती है।
वो मे थी,
मे गुजरात के रहने वाली हु मेरे गाँव का नाम है khedbhramha. (Sabarkantha)
मुंबई ... अखिर क्या व्याख्या है हमारे मुंबई की। मेरे मुंबई को यू तो सपनों की नगरी से जाना जाता है। ये नगरी में इंसान कभी भूखा नहीं रहेगा लेकिन रहने को छत नहीं है।यहां की मानो बाकी शहरों ...और पढ़ेमुकाबले कुछ ज्यादा ही तेजी से चलती है।आज मे बताती हु आपको मेरी कहानी....मेरा अब तक का सफर...तो चलो चलते है ये सफर की ओर...।एक लड़की थी दीवानी सी, मुंबई नगरी पर वो मरा करती थी. उसे कुछ बनना था, अपना नाम बनना था, और उसे लगता था कि वो सब कुछ मुंबई जाके की पा सकती है।वो मे थी,
तो दोस्तों आपने सुना कि हमरा आघात हो चुका था, मुंबई में, सारे शिकायतों को मन से अलविदा करते हुये, जीवन को जीना शुरू किया. तब में 8th std में थी, गुजरात में तो मे Grils school में study ...और पढ़ेथी, यहां मेरा दाखिला mix school में हुआ था। हम लोग कांदिवली West मे रहते थे, Sai नगर में, अब उन दिनों तो मोबिल phone की सुविधा नहीं थी. मेरे गुजरात का जीवन अलग था वहां 11am to 5pm की school हुआ करती थी, हम खेल कूद भी बहुत करते थे, उन दिनों हम घर का कुछ काम नहीं करते