Pavagadh Temple book and story is written by Neelam Kulshreshtha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pavagadh Temple is also popular in आध्यात्मिक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
पावागढ़ मंदिर - उपन्यास
Neelam Kulshreshtha
द्वारा
हिंदी आध्यात्मिक कथा
[यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल [वर्ल्ड हेरिटेज साइट ]--- चाँपानेर ]
क्या आप उत्तरप्रदेश व कश्मीर के पहाड़ देख चुके हैं ? उन के सौंदर्य से हट कर कुछ अलग देखना चाहते हैं ? अगर आप किसी शांत, छोटी सी पहाड़ी जगह जाना चाहते हैं तो गुजरात राज्य की पूर्वी सीमा के पंचमहाल जिले में स्थित पावागढ़ चले जाइए । यह स्थान समुद्र की सतह से लगभग 3,000 फ़ीट ऊँचा और वड़ोदरा के उत्तरपूर्व में 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । सुंदर अरावली पहाड़ी श्रंखला की यह पहाड़ी न तो बहुत बड़ी है और न ही कश्मीर सा सौंदर्य अपने में समेटे हुए है । लेकिन फिर भी पर्यटकों को इस में कुछ नवीनता दिखाई देती है । यह पहाड़ी बाहरी तौर पर दक्षिणी अरावली पर्वतमाला है, जो आसपास के मैदानों से 800 मीटर (2,600 फीट) ऊपर है। धाधर नदी और विश्वामित्री नदी का उद्गम पहाड़ी से होता है। सूर्य धारा, जो पहाड़ी से भी निकलती है, विश्वामित्री में मिलती है। यहाँ क्रमिक रूप से पाँच पठार हैं,
नीलम कुलश्रेष्ठ एपीसोड --1 [यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल [वर्ल्ड हेरिटेज साइट ]--- चाँपानेर ] क्या आप उत्तरप्रदेश व कश्मीर के पहाड़ देख चुके हैं ? उन के सौंदर्य से हट कर कुछ अलग देखना चाहते हैं ? अगर आप ...और पढ़ेशांत, छोटी सी पहाड़ी जगह जाना चाहते हैं तो गुजरात राज्य की पूर्वी सीमा के पंचमहाल जिले में स्थित पावागढ़ चले जाइए । यह स्थान समुद्र की सतह से लगभग 3,000 फ़ीट ऊँचा और वड़ोदरा के उत्तरपूर्व में 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । सुंदर अरावली पहाड़ी श्रंखला की यह पहाड़ी न तो बहुत बड़ी है और न
एपीसोड --2 अजमेर के मेयो कॉलेज में पढ़े कर्ण ग्रोवर को ग्यारह वर्ष की उम्र से कार्ड बोर्ड के घर बनाने का शौक था। मुम्बई में अपने पिता की फ़र्म में ना काम करके उन्होंने वडोदरा में आर्किटेक्चर की ...और पढ़ेस्वर्ण पदक लेकर प्राप्त की। व इसी शहर में बस गए।अपनी फ़र्म स्थापित कर्ण ग्रोवर एशोसिएट्स करके अनेक विशाल कलात्मक बंगले बनाकर इस शहर को दिए। श्री कर्ण ग्रोवर को तैराकी का शौक था। उन दिनों पुरातत्त्व विभाग के अध्यक्ष श्री आर. एन. मेहता विश्वविद्यालय के स्वीमिंगपुल के इंचार्ज थे। वे ग्रोवर से बेहद प्रभावित थे. गुजरात की मध्यकालीन युग