Kangan book and story is written by Ashish Bagerwal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kangan is also popular in लघुकथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कंगन. - उपन्यास
Ashish Bagerwal
द्वारा
हिंदी लघुकथा
गांव की सभी महिलाएं अपने कंगन तोड़ रही थी परंतु एक बुजुर्ग महिला जो की मृत शरीर था उसको कंगन पहनाये जा रहे थे। यह गतिविधि शहर से आए एक रिपोर्टर ने भी देखी और वह आश्चर्यचकित हुआ तथा उसने जानने का निश्चय किया कि इसके पीछे क्या कहानी है।
यह कहानी शुरू होती है राजस्थान के छोटे से गांव विरासतगढ़ से जहां सभी लोग खुशहाल जिंदगी जीते थे।
गांव में एक प्रथा थी जो सदियों से वहां चली आ रही थी।
बेटी के जन्म पर उसे पिता द्वारा , शादी के बाद पति द्वारा वह मृत्यु के समय बेटों द्वारा कंगन पहनाने की प्रथा थी। प्रथम बार इन्हीं के द्वारा कंगन पहनाए जाने पर ही अन्य बार खुद से कंगन पहने जा सकते थे
गांव की सभी महिलाएं अपने कंगन तोड़ रही थी परंतु एक बुजुर्ग महिला जो की मृत शरीर था उसको कंगन पहनाये जा रहे थे। यह गतिविधि शहर से आए एक रिपोर्टर ने भी देखी और वह आश्चर्यचकित हुआ तथा ...और पढ़ेजानने का निश्चय किया कि इसके पीछे क्या कहानी है।यह कहानी शुरू होती है राजस्थान के छोटे से गांव विरासतगढ़ से जहां सभी लोग खुशहाल जिंदगी जीते थे।गांव में एक प्रथा थी जो सदियों से वहां चली आ रही थी।बेटी के जन्म पर उसे पिता द्वारा , शादी के बाद पति द्वारा वह मृत्यु के समय बेटों द्वारा कंगन पहनाने
पद्मा का मन नहीं लगने के कारण वह कुछ समय के लिए मामा के घर चली गई, जहां उसे पता चला कि वह गर्भवती है। घर के सभी सदस्य खुश हुए वह यह खुशी अपने पति तक भी पहुंचाना ...और पढ़ेथी, इसलिए उसने एक पत्र लिखा।पत्र जब पति के पास पहुंचा तो उसने पत्र लिखकर पदमा को वचन दिया कि वह जल्द ही घर आएगा और उसकी इच्छा अनुसार उसे कंगन पहनाकर वापस बच्चे होने तक वहीं रुकेगा। यह बात सुनकर पदमा काफी उत्साहित हुई और उसका बेसब्री से इंतजार करने लगी।मामा-मामी के घर में उसका मन लग जाता था